Vistaar News का रियलिटी टेस्ट: सरकार के आदेश के बाद भी Rewa में खुलेआम इलाज करते मिले झोलाछाप डॉक्टर

Vistaar News: झोलाछाप डॉक्टर हर गांव में आसानी से देखने को मिल जाएंगे, जहां पर वे धड़ल्ले से मरीजो का इलाज करते हैं.
Symbolic picture (Photo- Social Media)

प्रतीकात्मक चित्र (फोटो- सोशल मीडिया)

MP News:  मध्य प्रदेश सरकार ने झोलाछाप डॉक्टरों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है मुख्यमंत्री ने स्वयं कहा है कि अब झोलाछाप डॉक्टरों पर बड़ी कार्यवाही होगी इस आदेश के बाद झोलाछाप डॉक्टरों की रियलिटी चेक करने विस्तार न्यूज़ की टीम उत्तर प्रदेश से लगे रीवा जिले में ग्राउंड जीरो पर उतरी तो झोलाछाप डॉक्टरों का भारी प्रकोप दिखा.

बदलते मौसम के कारण बीमारियों का भी असर

इन दिनों मौसम के बदलते मिजाज के कारण मौसमी बीमारियों का दौर सा चल रहा है, बच्चों से लेकर बडे बूढ़े तक सर्दी जुकाम, बुखार, खांसी सहित गले व पेट के बीमारियों से परेशान है। ऐसे में अस्पतालों में प्रतिदिन भारी संख्या में मरीजों की भीड़ आ रही है। लेकिन सभी का इलाज सरकारी अस्पताल में नहीं हो पा रहा है। ऐसे में मरीज क्लीनिकों में पहुंच कर इलाज करा रहे हैं। इनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं कमजोर होने से झोलाछाप डॉक्टरों के पास मरीज जा रहे हैं और बिना जांच के ही दवाई करा रहे हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के साथ ही शहर के कई स्थानों में झोलाछाप डॉक्टर खुुलेआम मरीजों का इलाज कर उनकी जान से खिलवाड कर रहे हैं.

मौसम के बदलाव से जिले के कई लोग अचानक से बीमार पडऩे लगे है, ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की भी स्थिति विस्तार न्यूज़ ने आप को दिखाई थी डॉक्टर नहीं होने या अन्य कार्यों में व्यस्त होने से लोग निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं, जो कि बहुत महंगे हैं और जो लोग इतना खर्च उठाने लायक नहीं हैं उनका सहारा झोलाछाप डॉक्टर बन रहे हैं.

झोलाछाप डॉक्टर देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की अहम सच्चाई हैं। इन्हें कहीं ग्रामीण चिकित्सक का नाम मिला है, तो कहीं बंगाली डॉक्टर और झोलाछाप डॉक्टर या चांदसी डॉक्टर कहकर पुकारा जाता है। ये वो लोग हैं जिन्होंने मेडिकल की डिग्री तो नहीं ली, लेकिन कई साल से गांव, कस्बों में मेडिकल प्रैक्टिस करते आ रहे हैं। जिससे वह डॉक्टर बन कर गांव सहित आसपास के लोगों को इलाज कर रहे हैं। विस्तार न्यूज़ की टीम जब एक झोलाछाप डॉक्टर के दवा खाने में पहुंची और उसे डॉक्टर से बात की तो पहले तो डॉक्टर की बोलती ही बंद हो गई उसे कुछ सूझा ही नही फिर डॉक्टर ने कहा कि इससे कोई रिस्क नहीं है वही पर एक व्यक्ति अपने बच्चों का इलाज कराने आया था उसने स्वीकारा रिस्क तो है लेकिन आराम मिल जाता है मतलब अपनी जान का खतरा लेकर लोग झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कर रहे हैं.

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विस्तार न्यूज़ के सवालों से बिफरा झोलाछाप डॉक्टर

विस्तार न्यूज़ की टीम ग्राउंड पर उतरी रियलिटी चेक करने के लिए आगे बढ़े एक और झोलाछाप डॉक्टर को ठिकाने पर पहुंचती है तो फर्जी तरीके से इलाज कर रहे झोलाछाप डॉक्टर ने बेशर्मी की हद ही पार कर दी लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे इस झोलाछाप डॉक्टर ने विस्तार न्यूज़ की टीम के साथ ही बदतमीजी करना शुरू कर दिया और कहा कि अगर आप मेरा वीडियो बनाएंगे तो हम भी आपका वीडियो बनाएंगे जहां दिखाना हो जिसे दिखाना हो दिखा देना झोलाछाप डॉक्टर का इतने आत्मविश्वास के साथ ऐसा कहना स्वास्थ्य व्यवस्था पर सरकार के आदेश पर सवाल खड़ा करता है, समझिए कि फर्जी तरीके से इलाज कर रहे इन झोलाछप डॉक्टरों के हौसले कितने बुलंद है. यह तो वही बात हुई चोरी ऊपर से सीना जोड़ी.

हर गली मोहल्ले में है झोलाछाप डॉक्टरों का कब्जा

झोलाछाप डॉक्टर हर गांव में आसानी से देखने को मिल जाएंगे, जहां पर वे धड़ल्ले से मरीजो का इलाज करते हैं। मगर स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी तक किसी भी प्रकार की कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं करने के कारण इनकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और इस तरह मरीजों के इलाज के नाम पर गरीब लोगों से सस्ती दवाइयां के नाम पर पैसे ठग कर उनकी जान के साथ खिलवाड़ किया जाता है.

इस संबंध में जब रीवा जिला स्वास्थ्य अधिकारी से जब सवाल किया गया तो उन्होंने बताया की अनधिकृत रूप से यह जो डॉक्टर है जिनके पास कोई क्वालिफिकेशन नहीं है उसके लिए जिला कलेक्टर के द्वारा एक टीम बनाकर पुलिस विभाग के साथ कार्यवाही शुरू की जा रही है, लेकिन यह कब कार्यवाही होगी यह पता नहीं बरसों से जमे यह झोलाछाप डॉक्टर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और जिम्मेदार हर बार केवल कार्यवाही करने की बात कह रहे है.

यह कहता है नियम

नियमों के अनुसार कम्पाउंडर को भी दवाई लिखने का अधिकार नहीं हैं, लेकिन ये तथाकथित डॉक्टर दवाई तो क्या ग्रामीण क्षेत्रों में प्रसव तक करा रहे हैं। ये डॉक्टर मरीजों को किसी प्रकार की कोई लिखित पर्ची नहीं देते हैं। ऐसे में अनहोनी होने पर ये ग्रामीणों के आरोपों को सिरे से खारीज कर देते हैं. आप चाहे इन्हें झोलाछाप कहें या बंगाली डॉक्टर ये शहर सहित पूरे विकासखण्ड में फेल चूके हैं. इनका जादू मरीजों की जेब ढिली करने में चल रहा है.

अब देखना होगा की कितनी कार्यवाही होती है और मध्य प्रदेश सरकार के इस आदेश के बाद इन झोलाछाप डॉक्टर की दुकानों पर कितना प्रभाव पड़ता है या केवल पहले की तरह कार्यवाही की बात कह कर ठंडे वास्ते में डाल दिया जाता है.

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