दूध बेचते थे पिता, उधार के तीर धनुष से प्रैक्टिस…जानें कौन हैं भारत को मेडल के करीब लाने वाली अंकिता भकत

माली हालत ठीक नहीं होने के बावजूद अंकिता ने हार नहीं मानी. क्लब में उधार के उपकरणों से तीरंदाजी सीखनी शुरू की. मेहनत रंग लाई और 2014 में उन्हें जमशेदपुर की एकेडमी में जगह मिल गई.
Ankita Bhakat

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Olympics 2024:  हर व्यक्ति जीवन में कुछ न कुछ सपने देखता है. बहुत से लोग उनके पूरा होने से पहले ही हार मान बैठते हैं और भूल जाते हैं कि क्या सपना देखा था. कई बार आर्थिक अभाव में सपने अधूरे ही रह जाते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो सपने देखते भी हैं और उसे पूरा भी करते हैं, चाहे कितनी भी मुश्किल क्यों न आ जाए. ऐसी ही एक भारत की बेटी है अंकिता भकत.

दुनिया देख रही है अंकिता के सपनों की उड़ान

अंकिता के सपनों की उड़ान आज दुनिया देख रही है. दरअसल, पेरिस ओलंपिक 2024 में 26 वर्षीय अंकिता ने अपनी टीम को तीरंदाजी के क्वार्टर फाइनल में सीधे क्वालीफाई करा दिया है. भारत को इस पोजीशन तक पहुंचाने में किसी दिग्गज नहीं, युवा खिलाड़ी अंकिता भकत का सबसे अहम रोल रहा. अब भारत मेडल के करीब है. लेकिन ये सब इतना आसान नहीं रहा. अंकिता ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. आइये आज दूध बेचने वाले की बेटी की कहानी विस्तार से बताते हैं…

कौन हैं अंकिता भकत?

पश्चिम बंगाल की रहने वाली अंकिता भकत ने तीरंदाजी में अपनी यात्रा तब शुरू की जब वह 10 साल की थीं. उन्होंने कलकत्ता तीरंदाजी क्लब में प्रशिक्षण लिया था. इसके बाद भकत जमशेदपुर में तीरंदाजी अकादमी में शामिल हुईं, जहां उन्होंने अपने कौशल को निखारा और अब भारत का प्रतिनिधित्व कर रही है.  अंकिता के पिता दूध बेचते थे. कमाई इतनी नहीं थी कि बच्चों को खेल में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकें.

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18 साल की उम्र में किया भारत का प्रतिनिधित्व

माली हालत ठीक नहीं होने के बावजूद अंकिता ने हार नहीं मानी. क्लब में उधार के उपकरणों से तीरंदाजी सीखनी शुरू की. मेहनत रंग लाई और 2014 में उन्हें जमशेदपुर की एकेडमी में जगह मिल गई. अगले ही साल उनका सिलेक्शन यूथ आर्चरी वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम में हो गया. जमशेदपुर में कोच धर्मेंद्र तिवारी, पूर्णिमा महतो और राम अवधेश के निर्देशन में अंकिता ने अपनी काबिलियत को और ज्यादा निखारा. केवल 18 साल की उम्र में अंकिता ने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए अमेरिका के यांकटन में विश्व तीरंदाजी युवा चैंपियनशिप में भाग लिया. जिसके बाद से आज तक उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वर्ष 2015 में ही अंकिता ने सियोल इंटरनेशनल यूथ आर्चरी फेस्ट में रजत और कांस्य पदक जीता.

कई मेडल जीत चुकी हैं अंकिता

पेरिस ओलंपिक 2024 से पहले अंकिता ने एशियन गेम 2023 में महिला टीम रिकर्व स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था. इस टीम में सिमरनजीत कौर और भजन कौर भी थीं. इस जीत के बाद अंकिता ने तुर्की के अंताल्या में विश्व तीरंदाजी ओलंपिक क्वालीफायर 2024 में एक बार फिर अच्छा प्रदर्शन किया और ओलंपिक 2024 में अपना स्थान पक्का करने के लिए क्वार्टर फाइनल में पहुंच गईं.

 

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