“धंधा बना दिया है, अखबार के हर पन्ने में…”, राजेंद्र नगर बेसमेंट हादसे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बड़ा बयान

शनिवार 27 जुलाई को पश्चिमी दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से यूपीएससी की परीक्षा देने वाले तीन उम्मीदवारों की मौत हो गई. इस बीच, दिल्ली भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने ओघटना को लेकर आप कार्यालय के पास विरोध प्रदर्शन किया.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ | फोटो- संसद टीवी

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ | फोटो- संसद टीवी

Rajinder Nagar Basement Accident: कोचिंग धंधा बन गई है. जब भी हम अखबार पढ़ते हैं तो पन्ने विज्ञापनों से भरे होते हैं. ऐसे देश में जहां अवसर बढ़ रहे हैं, यह एक समस्या बन रहा है. मैं नियम 176 के तहत अपने कक्ष में शून्य काल शुरू होने से ठीक पहले पार्टियों के नेताओं के साथ विचार-विमर्श करूंगा.” यह बातें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कही है. दरअसल, पिछले दिनों दिनों ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में एक कोचिंग सेंटर की इमारत के बेसमेंट में पारी भरने से डूबकर तीन छात्रों की मौत हो गई थी. इसी मसले पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कोचिंग सेंटरों के व्यावसायीकरण पर चिंता जताई है. उन्होंने राज्यसभा में इस पर चर्चा की अनुमति भी दी है.

उपराष्ट्रपति धनखड़ करेंगे चैंबर में बैठक

धनखड़ इस मुद्दे पर सभी संसदीय दलों के नेताओं के साथ चैंबर में बैठक भी करेंगे. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने नियम 267 के तहत इस मामले पर चर्चा करने पर सहमति जताई है. हालांकि, विपक्षी दल नियम 267 के तहत चर्चा करने के लिए तैयार नहीं थे.

लोकसभा में क्या- क्या हुआ?

इस बीच, लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया गया. भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने आप सरकार की आलोचना की और छात्रों की मौत को लापरवाही बताया है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मुआवजे की मांग की. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और बिहार के पूर्णिया से कांग्रेस सांसद पप्पू यादव ने भी मामले की जांच की मांग की.

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने दिल्ली में कोचिंग संस्थान की घटना और छात्रों पर दबाव के बारे में सवाल उठाया. वेणुगोपाल ने पूछा, “छात्रों की आत्महत्या देश के सबसे बड़े मुद्दों में से एक है. दूसरे सदन में मंत्री ने 2023 में इसका जवाब दिया था. सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि संस्थान में जातिगत भेदभाव भी हो रहा है. एससी, एसटी और ओबीसी के छात्रों के साथ दोयम दर्जे के छात्रों जैसा व्यवहार किया जाता है. यह मुद्दा सबसे बड़े मुद्दों में से एक है. मुझे नहीं पता कि सरकार इन चीजों पर कार्रवाई कर रही है या नहीं. परसों दिल्ली के कोचिंग सेंटर में बहुत दुखद घटना हुई. तीन छात्रों की जान चली गई. कुछ कोचिंग सेंटर माफिया बन गए हैं. क्या सरकार इन चीजों पर कोई कार्रवाई या दिशा-निर्देश देगी?”

वेणुगोपाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार छात्रों के सामाजिक-मनोवैज्ञानिक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. कोचिंग सेंटरों पर इस साल जनवरी में केंद्र द्वारा राज्यों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए थे और गोवा और राजस्थान जैसे कुछ राज्यों के अपने दिशा-निर्देश हैं. उन्होंने कहा, “यह सरकार छात्रों के सामाजिक-मनोवैज्ञानिक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. चाहे वे कोचिंग सेंटर में पढ़ रहे हों या संस्थान में. स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक. कोचिंग सेंटरों के संबंध में भारत सरकार ने जनवरी 2024 में सभी राज्यों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं.”

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यूपीएससी की परीक्षा देने वाले तीन उम्मीदवारों की मौत

बताते चलें कि शनिवार 27 जुलाई को पश्चिमी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से यूपीएससी की परीक्षा देने वाले तीन उम्मीदवारों की मौत हो गई. इस बीच, दिल्ली भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने ओघटना को लेकर आप कार्यालय के पास विरोध प्रदर्शन किया. दिल्ली नगर निगम आयुक्त अश्विनी कुमार ने स्थानीय जूनियर इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया है और सहायक अभियंता को निलंबित कर दिया है. इस मामले में एमसीडी की ओर से की गई यह अहम कार्रवाई है. वहीं राजेंद्र नगर की घटना की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति के गठन की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है.

दिल्ली पुलिस ने तीन अभ्यर्थियों की मौत के मामले में बेसमेंट के मालिक समेत पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है. सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में बेसमेंट के मालिक और एक व्यक्ति शामिल है, जिसने एक वाहन चलाया था, जिससे इमारत का गेट क्षतिग्रस्त हो गया था. पुलिस ने रविवार को हुई घटना के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें मालिक और राव के आईएएस स्टडी सर्किल के समन्वयक शामिल हैं. इन गिरफ्तारियों के साथ ही मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 7 हो गई है. इस घटना ने विभिन्न दलों के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू कर दिया है.

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