नेशनल हेराल्ड या वाड्रा केस…किस मामले में राहुल गांधी को ED की छापेमारी का डर?
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार तड़के ‘एक्स’ पर दावा किया कि संसद में उनके ‘चक्रव्यूह’ भाषण के बाद ED रेड की प्लानिंग हो रही है. राहुल गांधी ने कहा कि इंतजार खुले हाथों से कर रहा हू्ं, चाय और बिस्किट मेरी तरफ से… हालांकि, अपने इस दावे के बाद से राहुल गांधी तो सुर्खियों में हैं ही, लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि आखिर ED किस मामले में कांग्रेस नेता पर छापा मारने जा रही है?
केवल नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल और उनकी मां सोनिया गांधी ईडी का सामना कर रही हैं. इस मामले में दोनों से पिछले साल पांच-पांच दिनों के लिए एंटी मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी ने पूछताछ की थी. ईडी ने अभी तक सोनिया और राहुल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की है और मामला अभी भी आगे की जांच की स्थिति में है. चार्जशीट दाखिल होने तक, ईडी कभी भी सोनिया गांधी और राहुल से पूछताछ, छापेमारी या गिरफ्तारी कर सकती है.
वाड्रा केस में अब तक राहुल से नहीं हुई है पूछताछ
आज तक किसी भी एजेंसी ने जमीन हड़पने, अमेरिका और लंदन में संपत्ति हासिल करने और रॉबर्ट वाड्रा से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में सोनिया और राहुल की भूमिका की जांच नहीं की है. यहां तक कि वाड्रा की पत्नी प्रियंका से भी एजेंसियों ने पूछताछ नहीं की, हालांकि वह रॉबर्ट वाड्रा की कंपनियों में निदेशक थीं. चर्चा ये भी है कि क्या ED वाड्रा की संपत्ति अधिग्रहण, भूमि अधिग्रहण और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में राहुल गांधी से पूछताछ करने की योजना बना रही है?
अगर ब्रिटिश नागरिकता की बात करें तो इस मामले में अप्रैल 2019 में राहुल गांधी को कारण बताओ नोटिस भेजने के बाद, केंद्रीय मंत्रालय ने इस संबंध में एक इंच भी कदम नहीं उठाया है और इस मामले में ईडी की कोई भूमिका नहीं है. नागरिकता से संबंधित मामले में केवल केंद्रीय गृह मंत्रालय ही कार्रवाई कर सकता है, यहां तक कि अदालतें भी नहीं. राहुल गांधी जिन बाकी मामलों का सामना कर रहे हैं, वे केवल मानहानि से संबंधित मामले हैं और प्रवर्तन निदेशालय की इन मामलों में कोई भूमिका नहीं है. यह दिलचस्प बात है कि राहुल गांधी ने शुक्रवार तड़के (1:52 बजे) सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से आगामी ईडी छापों के बारे में दावा क्यों किया? आइये लगे हाथों नेशनल हेराल्ड मामले को भी विस्तार से जान लेते हैं…
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला ?
साल 2012 में बीजेपी नेता और वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने एक ट्रायल कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के अधिग्रहण में कुछ कांग्रेस नेता धोखाधड़ी और घपला किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि YIL ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को गलत तरीके से अपने कब्जे में ले लिया है. नेशनल हेराल्ड मामले से संबंधित जांच में ईडी ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी दोनों को कई बार तलब किया है. राहुल गांधी और सोनिया गांधी से कई दफा पूछताछ भी हो चुकी है. ईडी फिलहाल शेयर होल्डिंग पैटर्न, AJL और YIL के वित्तीय लेन-देन और दोनों संस्थाओं के कामकाज में कांग्रेस नेताओं की भूमिका की जांच कर रही है.
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क्या है नेशनल हेराल्ड?
नेशनल हेराल्ड एक समाचार पत्र रहा है. इसकी स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1938 में अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर की थी. इसका उद्देश्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की आवाज़ को मजबूत करना था. एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) द्वारा प्रकाशित, यह समाचार पत्र आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी का मुखपत्र बन गया. एजेएल ने दो अन्य समाचार पत्र भी प्रकाशित किए, एक हिंदी और एक उर्दू में. 2008 में यह अखबार बंद हो गया. दावा किया गया कि कंपनी के ऊपर 90 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है.
एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड क्या है?
एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) जवाहरलाल नेहरू के दिमाग की उपज थी. 1937 में नेहरू ने 5,000 अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को अपने शेयरधारकों के रूप में लेकर फर्म की शुरुआत की. कंपनी किसी व्यक्ति विशेष की नहीं थी. 2010 में कंपनी के 1,057 शेयरधारक थे. 2011 में इसकी हिस्सेदारी यंग इंडिया को हस्तांतरित कर दी गई. एजेएल ने 2008 तक अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, उर्दू में कौमी आवाज़ और हिंदी में नवजीवन अखबार प्रकाशित किया. 21 जनवरी 2016 को एजेएल ने इन तीनों दैनिक समाचार पत्रों को फिर से शुरू करने का फैसला किया.
यंग इंडिया लिमिटेड के बारे में
यंग इंडिया लिमिटेड की स्थापना 2010 में की गई थी. कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन महासचिव राहुल गांधी इसके निदेशक थे. कंपनी के 76 प्रतिशत शेयर राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के पास हैं, जबकि शेष 24 प्रतिशत शेयर कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास हैं. कहा जाता है कि कंपनी का कोई व्यावसायिक संचालन नहीं है.
AJL के शेयरधारकों ने लगाए आरोप
पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण और इलाहाबाद और मद्रास हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस मार्कंडेय काटजू सहित कई शेयरधारकों ने आरोप लगाया कि जब YIL ने AJL का ‘अधिग्रहण’ किया गया तो उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया था. इतना ही नहीं उनके पिता के पास मौजूद शेयर 2010 में उनकी सहमति के बिना AJL को हस्तांतरित कर दिए गए.
अब तक ED ने क्या-क्या कार्रवाई की है?
2014 में ED ने जांच शुरू की कि क्या मामले में कोई मनी लॉन्ड्रिंग हुई थी. 18 सितंबर 2015 को यह बताया गया कि प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड मामले में अपनी जांच फिर से शुरू की है. प्रवर्तन निदेशालय ने हेराल्ड केस में पिछले 9 साल में अब तक नेताओं से पूछताछ के अलावा करीब 830 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की है. साल 2020 में जांच एजेंसी ने मुंबई के ब्रांदा स्थित 16.38 करोड़ रुपए की नौ मंजिला इमारत का एक हिस्सा जब्त किया था.
साल 2019 में ईडी ने इस मामले में 64 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी. 2023 में ईडी ने हेराल्ड केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए 751.9 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की थी. ये संपत्ति दिल्ली और अन्य इलाकों की थी.
अब तक की कहानी
साल 2015 में ट्रायल कोर्ट ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जमानत दे दी थी. 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले के सभी पांच आरोपियों (गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस और सुमन दुबे) को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दी, जबकि उनके खिलाफ कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया.
2018 में केंद्र ने 56 साल पुराने स्थायी पट्टे को समाप्त करने और हेराल्ड हाउस परिसर से AJL को इस आधार पर बेदखल करने का फैसला किया कि यहां कोई प्रकाशन गतिविधि नहीं की जा रही थी. हालांकि, 5 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक परिसर अधिनियम, 1971 के तहत एजेएल के खिलाफ कार्यवाही पर अगले नोटिस तक रोक लगाने का आदेश दिया. अब जानकारों का मानना है कि हो सकता है कि राहुल गांधी से इसी मामले में पूछताछ हो.