Chhattisgarh: नेशनल हाईवे 53 की सड़क बनी जानलेवा, ओवरब्रिज पर बने बड़े-बड़े गड्ढे, सफर करने पर मजबूर लोग

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दुर्ग में बने नेशनल हाईवे 53 पर चलने वाले लोगों के लिए मुसीबत बन गया है, लोग जान हथेली में रखकर इस सड़क से गुजर रहे हैं. कुम्हारी टोल प्लाजा से लेकर नेहरू नगर तक लगभग 20 किलोमीटर का यह सड़क, मौत का सड़क बन गया है. छत्तीसगढ़ का एकमात्र ऐसा फोर लाइन नेशनल हाईवे जो शहर से होकर गुजरता है.
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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दुर्ग में बने नेशनल हाईवे 53 पर चलने वाले लोगों के लिए मुसीबत बन गया है, लोग जान हथेली में रखकर इस सड़क से गुजर रहे हैं. कुम्हारी टोल प्लाजा से लेकर नेहरू नगर तक लगभग 20 किलोमीटर का यह सड़क, मौत का सड़क बन गया है. छत्तीसगढ़ का एकमात्र ऐसा फोर लाइन नेशनल हाईवे जो शहर से होकर गुजरता है और इस सड़क से रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं लेकिन सड़कों पर हजारों गड्ढों कब्जा कर लिया है जिसकी वजह से लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं. उसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों की नींद नहीं टूट रही है.

छत्तीसगढ़ के दुर्ग में बने प्रदेश का पहला ऐसा नेशनल हाईवे फोर लाइन है जो शहर से होकर गुजरा है पर लोगों की सुविधा और ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए नेशनल हाईवे 53 पर लगभग 2 साल पहले 350 करोड़ की लागत से चार ओवर ब्रिज बनाए गए थे जिससे कि राहगीरों को जाने आने में सुविधा हो और ट्रैफिक से राहगीरों को छुटकारा मिल सके, लेकिन इस नेशनल हाईवे में बने चारो ओवर ब्रिज का हाल बेहाल हो गया है हाल ही में बने इन चारो ओवरब्रिजों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए है, यहां तक की ब्रिज पर बने सड़कों की परत उखड़ गई है और लोग जान जोखिम में डालकर इस सड़क से गुजर रहे है.

नेशनल 53 पर बने बड़े-बड़े गड्ढे

विस्तार न्यूज़ की टीम ने कुम्हारी टोल प्लाजा से नेहरू नगर तक का 20 किलोमीटर का सफर तय किया. इस नेशनल हाइवे 53 पर तीन ओवर ब्रीज बने है हम इस सड़को में गड्ढों को गिनते हुवे आगे बढ़ते रहे और पहुंच गए प्रदेश का सबसे ऊँचा फ्लाई ओवर ब्रिज पॉवर हाऊस ब्रीज पर हमने देखा कि हाल ही में शुरू हुआ इस ब्रिज की सड़कों के दोनों ओर बड़े बड़े गड्ढे है और राहगीर अपनी जान जोखिम में डालकर सफर कर रहे है. हमने अपना सफर जारी रखा और पावर हाउस ओवर ब्रिज से उतरकर आगे बढ़े और सड़कों पर गड्ढे गिनते गए, गड्ढे गिनते गिनते हम सुपेला ओवर ब्रीज के पास पहुँचे तो हमने देखा कि ब्रिज के शुरुआत में बड़े बड़े गड्ढे हो गए है और लोग अपनी जान जोखिम डाल कर सफर कर रहे है, दोनों ओर सड़को पर बड़े बड़े गड्ढे है हाल ही में बने इस ओवर ब्रिज में गड्ढे होना सिस्टम के कार्यशैली पर कई सवाल पैदा करते है.

जान जोखिम में डालकर सड़क पर सफर कर रहे लोग

फिर विस्तार न्यूज़ की टीम सुपेला ओवर ब्रिज को पार करते हुए नेहरू नगर के लिए निकल पड़ी और हम नेशनल हाईवे 53 पर लगातार गड्ढे गिनते रहे नेहरू नगर से हमने तय किया कि अब हम नेशनल हाईवे 53 पर गड्ढे गिनती गिनते कुमारी टोल प्लाजा तक जाएंगे हम लगातार सड़कों पर चल रहे थे और नेशनल हाईवे 53 पर गड्ढे गिर रहे थे हमें इस नेशनल हाईवे पर हजारों छोटे बड़े गड्ढे दिखे और लोग किस तरह से जान दो फिर में डालकर सफर कर रहे हैं यह भी नजर हमने अपने कमरे में कैद किया हम अब इस नेशनल हाईवे पर बने तीसरे ओवर ब्रिज पर पहुंच गए जो की हाल ही में शुरू हुआ था हम जब ब्रिज की शुरुआत पर पहुंचे तो देखा ब्रिज के दोनों ओर बड़े-बड़े गड्ढे हैं और बड़े-बड़े वाहन किस तरह से डगमगाते हुए हिचकोले खाते हुए एक बड़े-बड़े गढ़ों को पार कर रहे हैं.

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इस नेशनल हाईवे 53 पर रोज़ाना हजारो छोटे बड़े वाहन गुजरते है. इस नेशनल हाईवे पर बने कुम्हारी टोल प्लाज पर हजारों गाड़ियों से टोल टैक्स वसूला जाता है. जिसकी वसूली करोड़ो में है, लेकिन टोल टैक्स वसूल रही कंपनी सड़कों की मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दे रहा है लोग रोजाना हजारों के तादात में अपना जान जोखिम में डालकर इस सड़क पर चल रहे हैं. कई लोग दुर्घटना के शिकार भी हुए हैं और कई लोगों की मौत हुई है लोगों का कहना है कि इस सड़क पर हम जान जोखिम में डालकर चलते हैं हम रोड टैक्स भी देते हैं टोल टैक्स भी देते हैं लेकिन हम इसके एवज में कोई भी सुविधा नहीं मिल रही है.

पिछले 3 सालों में हुए मौत का आंकड़ा

छत्तीसगढ़ में हर साल मौत के आकड़ों में इजाफा हो रहा है. प्रदेश में तीन सालो में 17 हजार से ज्यादा की जाने चली गई. दुर्घटना के मामले में दुर्ग जिला तीसरे स्थान पर है. जबकि पहले नंबर पर रायपुर तो दूसरे स्थान पर बिलासपुर जिला शामिल है. विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट से पता चला है कि साल 2021-22 में सड़क दुर्घटना में कुल 11917 मामले सामने आए थे. इसमें 5258 लोगों की मौत हुई थी. वहीं 10134 लोग घायल हुए थे लेकिन वर्ष 2022-23 में आकड़ा बढ़कर कुल 13444 हो गया. वहीं 5973 लोगों ने दम तोड़ा और 11717 घायल हुए थे. वर्ष 2023-24 में एक बार फिर से आंकड़ों में इजाफा हुआ है. इस वर्ष सड़क दुर्घटना के 13715 मामले सामने आए है. इनमें से 6269 लोगों की जान चली गई. वहीं 11556 लोग घायल हुए थे. प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में सबसे ज्यादा दुर्घटना रायपुर में हो रही है. वर्ष 2023-24 में 1967 हादसे हुए. इनमें 520 लोगों की मौत और 1468 घायल हुए थे. इसके बाद दूसरे नंबर पर बिलासपुर आता है। वर्ष 2023-24 के दौरान बिलासपुर में 1176 दुर्घटना में 349 लोगों की मौत हो गई. वहीं 1190 लोग घायल हो गए। वहीं तीसरे स्थान पर दुर्ग में 1175 हादसों में 310 मौत व 989 घायल हो गए। इसके बाद अन्य जिलों का नंबर आता है.

17 जिलों में 50 प्रतिशत लोगों की मौत

प्रदेश के 17 जिलों में दुर्घटना के बाद 50 प्रतिशत लोगों की मौत हुई है. मतलब हादसे में हर दूसरे व्यक्ति ने दम तोड़ा था. वर्ष 2023-24 के दौरान कोरबा में 678 दुर्घटना में 363 लोगों ने दम तोड़ा था. इसी तरह से सरगुजा में 533 हादसे में 326, सुरजपुर में 464 दुर्घटना में 299 और जशपुर में 376 हादसों में 282 लोगों की मौत हो गई, लेकिन बिलासपुर, रायपुर व दुर्ग में ऐसा नहीं है. इन जिलों में मौत का प्रतिशत करीब 30 प्रतिशत से कम है.

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