Chhattisgarh: दुर्ग में माथे पर तिलक लगाकर स्कूल पहुंचा छात्र, शिक्षिका ने किया मना, ABVP ने जताया विरोध
Chhattisgarh News: दुर्ग ज़िले के एक स्कूल से विवादित मामला सामने आया है. जहां छात्र को माथे पर तिलक लगाकर स्कूल में नहीं आने दिया गया. शिक्षिका ने उससे कहा कि तिलक हटाकर स्कूल आइये, इस बात से गुस्साए होकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिसर (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने प्रिंसिपल से मिलने स्कूल पहुंचे और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने जमकर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रिंसिपल के केबिन में बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ पड़ा. कार्यकर्ताओं ने कहा कि छोटा बांग्लादेश बनाना चाहते हो क्या?
माथे पर तिलक लगे छात्र को नहीं आने दिया स्कूल
दरअसल पूरा मामला दुर्ग जिले के सेक्टर 10 स्थित श्री शंकराचार्य स्कूल स्कूल में बच्चों द्वारा तिलक लगाए जाने का है, जहां बुधवार (7 जुलाई) सुबह करीब 7 से 8 छात्र तिलक लगाकर पहुंचे थे. जिसपर स्कूल के प्रिंसिपल ने तिलक लगाकर आने वाले बच्चों को मिटाकर आने को कहा, यह जानकारी जब एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को मिली तो एबीवीपी के कार्यकर्ता स्कूल पहुंचे और उन्होंने हंगामा किया. हंगामा देखने के बाद प्रिंसिपल विपिन देशमुख अपनी जिद पर अड़ी रही। प्रिंसिपल ने कहा कि 7 से 8 बच्चे एक दिन तिलक लगाकर स्कूल पहुंचे, यह क्या दिखाना चाहते हैं. बच्चे हर रोज तिलक लगाकर स्कूल पहुंचे इसी बात को लेकर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कहां की बच्चों की मर्जी है वह एक दिन तिलक लगा कर आए या हर रोज, आप इस पर कुछ नहीं बोल सकते यह उनकी धर्म की बात है।प्रिंसिपल का कहना था कि तिलक लगाने पर बैन का नियम नहीं है लेकिन हम धर्मवाद नहीं चाहते.
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एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने किया विरोध
वहीं एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि स्कूल में तिलक लगाकर बच्चे आ रहे हैं तो क्या गुनाह कर दिए क्या, प्रिंसिपल के द्वारा बच्चों को तिलक मतकर आने का सलाह दे रहे हैं यह कहीं ना कहीं धर्म का विरोध कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि स्कूल में 10 से 15 बच्चे तिलक चंदन लगाकर स्कूल पहुंचे थे स्कूल के प्रिंसिपल उन्हें तिलक और चंदन मतकर आने को कहा, कहीं ना कहीं बच्चों के धर्म का विरोध स्कूल प्रबंधन कर रहा है, उन्होंने कहा कि एक ही विशेष दिन पर बच्चे तिलक लगाकर क्यों आ रहे हैं. हम इसका विरोध करते हैं. साथ ही स्कूल प्रबंधन का रवैया ऐसी रहा तो स्कूल के गेट पर ताला लगा दिया जाएगा.