“SEBI की ईमानदारी से समझौता हुआ, बुच ने…”, हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर राहुल गांधी का बड़ा बयान, सरकार से पूछे कई सवाल
Hindenburg: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि सेबी की अध्यक्ष के खिलाफ आरोपों से इसकी ईमानदारी पर गंभीर रूप से आंच आई है. राहुल गांधी ने पूछा है कि क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर एक बार फिर से स्वत: संज्ञान लेगा? कांग्रेस नेता ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट का हवाला दिया है. दरअसल, हिंडनबर्ग ने SEBI चीफ माधबी पुरी बुच पर अडानी से मिले होने का आरोप लगाया है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि माधबी बुच ने इसी वजह से 18 महीने से अडानी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.
माधबी पुरी बुच ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया: राहुल गांधी
एक्स पर एक पोस्ट में राहुल गांधी ने लिखा, “छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सेबी की ईमानदारी को इसके अध्यक्ष के खिलाफ आरोपों से गंभीर रूप से ठेस पहुंची है. देशभर के ईमानदार निवेशकों के पास सरकार से महत्वपूर्ण सवाल हैं. सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? अगर निवेशक अपनी मेहनत की कमाई खो देते हैं, तो कौन जिम्मेदार होगा ? पीएम मोदी, सेबी अध्यक्ष या गौतम अडानी?”
The integrity of SEBI, the securities regulator entrusted with safeguarding the wealth of small retail investors, has been gravely compromised by the allegations against its Chairperson.
Honest investors across the country have pressing questions for the government:
– Why… pic.twitter.com/vZlEl8Qb4b
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 11, 2024
बुच से कोई भी व्यावसायिक संबंध नहीं: अडानी
राहुल गांधी ने कहा, “अब यह पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी JPC (संयुक्त संसदीय समिति) जांच से इतना क्यों डरते हैं और इससे क्या पता चल सकता है.” इस बीच हिंडनबर्ग के आरोपों को सेबी अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति ने निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि उनके वित्तीय मामले खुली किताब की तरह हैं. दूसरी ओर अडानी ग्रुप ने भी कहा है कि कंपनी का सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच या उनके पति से कोई भी कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है.
बता दें कि अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को दावा किया कि बाजार नियामक सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति की कथित अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किए गए अस्पष्ट ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी. सेबी की अध्यक्ष बनने से पहले बुच ने अपने सारे शेयर अपने पति के नाम कर दिए थे.