Chhattisgarh: दुर्ग में जुलाई माह में सड़क दुर्घटना में आई 55 % की कमी, डीएसपी ने दी जानकारी

Chhattisgarh News: दुर्ग ज़िले में यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ाई का अब असर नजर आने लगा है. यातायात डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया कि उनके प्रयासों से जून की तुलना में जुलाई में 55 प्रतिशत तक सड़क हादसों और उसमें होने वाली मौतों में कमी आई है.
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ट्रैफिक डीएसपी सतीश ने दी जानकारी ठाकुर

Chhattisgarh News: दुर्ग ज़िले में यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ाई का अब असर नजर आने लगा है. यातायात डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया कि उनके प्रयासों से जून की तुलना में जुलाई में 55 प्रतिशत तक सड़क हादसों और उसमें होने वाली मौतों में कमी आई है. उन्होंने ने कहा कि जागरूकता व कार्रवाई का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा.

दुर्ग में सड़क दुर्घटना में आई कमी, अभियान का हुआ असर

दुर्ग जिले में जनवरी से जुलाई तक यानी सात महीने में हुए 644 सड़क हादसों में 173 लोगों की मौत हो चुकी है और 573 लोग घायल हुए हैं. इस तरह से इस वर्ष हर महीने 15 से ज्यादा लोग सड़क दुर्घटना जान गंवा रहे हैं. वहीं अकेले जनवरी माह में 39 लोगों ने दम तोड़ा है. जिले में यातायात नियमों के पालन करने में वाहन चालक लापरवाही कर रहे हैं. सड़क से गुजरने वाली हर 10 में से नौ बाइक सवार बिना हेलमेट के होते हैं. तीन सवारी भी निकल रहे हैं तो बच्चे भी बड़े वाहन दौड़ा रहे हैं. हादसे से कोई सबक लेने को तैयार नहीं. नियमों के प्रति लोगों की लापरवाही यातायात पुलिस द्वारा की गई चालानी कार्रवाई से ही पता चल है रही है. लोग जुर्माना भरने को तैयार हैं पर यातायात नियमों का पालन करने को तैयार नहीं है. वहीं सड़क हादसों में कमी लाने के लिए यातायात पुलिस ने विभिन्न चरणों पर अभियान चलाए हैं.

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इस दौरान स्कूलों व शैक्षणिक संस्थानों में जाकर जागरूक किया गया. ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया कि फालो गुड हैबिट्स 21 डे चैलेंज जैसे अभियान के तहत वाहन चालकों से यह अपील की गई कि वे यदि वाहन चलाते समय 21 दिनों तक लगातार हेलमेट और सीट बेल्ट लगाते हैं, तो उन्हें इसकी आदत पड़ जाएगी. इसके बाद वे इसके बिना खुद को असहज महसूस करेंगे. इसके साथ तेरा यार हूं में अभियान के तहत चौक चौराहों बाजार व माल में जाकर यातायात जागरूकता संबंधी पैम्फलेट बांटे गए। बिना हेलमेट और शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की गई. कई वाहन चालकों के लाइसेंस को तीन माह के लिए निलंबित भी किया गया. परिणाम स स्वरूप जून की तुलना में जुलाई में क सड़क हादसों व उनमें होने वाली मौतों में 55 प्रतिशत तक की कमी आई है.

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