MP News: देश को आज़ादी दिलाने वाले 102 वर्षीय सेनानी की कहानी, महात्मा गांधी के आह्वान पर देश को आजाद कराने के संघर्ष में जुट गए थे

MP News: देश की आजादी के दीवाने नरेंद्र सिंह तोमर उर्फ नत्थू सिंह अपना घर-परिवार छोड़कर महात्मा गांधी के आह्वान पर देश को आजाद कराने के संघर्ष में कूद पड़े थे.
Narendra Singh Tomar alias Nathu Singh, passionate about the country's independence, left his family and jumped into the struggle to liberate the country on the call of Mahatma Gandhi.

देश की आजादी के दीवाने नरेंद्र सिंह तोमर उर्फ नत्थू सिंह अपना घर-परिवार छोड़कर महात्मा गांधी के आह्वान पर देश को आजाद कराने के संघर्ष में कूद पड़े थे.

MP News: मध्य प्रदेश के इंदौर के पिवड़ाय गांव में रहने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नत्थू सिंह उर्फ नरेंद्र सिंह तोमर अपना घर-परिवार छोड़कर महात्मा गांधी के आह्वान पर देश को आजाद कराने के संघर्ष में कूद पड़े थे. स्वतंत्रता सेनानी नरेंद्र सिंह तोमर की उम्र 102 वर्ष है.

जब विस्तार न्यूज़ नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने गया, तो उसकी वजह बहुत ख़ास थी और ख़ास हो भी क्यों न हो, क्योंकि हम स्वतंत्रता सेनानी नरेंद्र सिंह तोमर जी के घर पर थे, जो 102 वर्ष के हैं.

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देश की आजादी के दीवाने नरेंद्र सिंह तोमर उर्फ नत्थू सिंह अपना घर-परिवार छोड़कर महात्मा गांधी के आह्वान पर देश को आजाद कराने के संघर्ष में कूद पड़े थे.

जब विस्तार न्यूज़ ने नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे योगेंद्र सिंह तोमर से बात की, तो उन्होंने कहा कि पिता जी अपनी बुलंद आवाज़ से गीत गाकर स्वतंत्रता सेनानियों और लोगों को आजादी के आंदोलन के लिए प्रेरित करते थे. उस समय मेरे पिता जी को नत्थू सिंह तोमर कहा जाता था. आजादी के बाद जब पिता जी गाँव आए, तो गाँव की हालत बहुत ख़राब थी. गाँव में बहुत अंधविश्वास और पिछड़ापन था. गाँव के विकास के लिए उन्होंने बहुत काम किया. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनके सम्मान में पिता जी को ताम्रपत्र भी प्रदान किया था.

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