कर्नाटक हाई कोर्ट से CM Siddaramaiah को बड़ी राहत, MUDA घोटाला मामले में फ‍िलहाल नहीं होगी ग‍िरफ्तारी

मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के उस आदेश को रद्द करने की मांग की, जिसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए और भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत पूर्व अनुमोदन और मंजूरी दी गई थी.
CM Siddaramaiah

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MUDA Scam: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (CM Siddaramaiah) ने सोमवार को हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की. इस याचिका में उन्होंने राज्यपाल थावरचंद गहलोत के उस फैसले को चुनौती दी, जिसमें राज्यपाल ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) के वैकल्पिक स्थलों के आवंटन में कथित अनियमितताओं के लिए जांच को मंजूरी दी थी. समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, हाई कोर्ट ने संबंधित निचली अदालत से सभी कार्यवाही स्थगित करने को कहा है. पहले खबर आई थी कि MUDA घोटाला मामले में सीएम सिद्धारमैया की गिरफ्तारी भी हो सकती है.

राज्यपाल का मंजूरी आदेश कानूनी रूप से त्रुटिपूर्ण: सिद्धारमैया

अपनी याचिका में सिद्धारमैया ने तर्क दिया कि 16 अगस्त 2024 को जारी राज्यपाल का मंजूरी आदेश कानूनी रूप से त्रुटिपूर्ण और अनुचित है. उन्होंने दावा किया कि यह आदेश उचित सोच-विचार के बिना दिया गया, वैधानिक आदेशों का उल्लंघन करता है और संवैधानिक सिद्धांतों, विशेष रूप से भारत के संविधान के अनुच्छेद 163 के तहत मंत्रिपरिषद की सलाह की प्रक्रिया का भी उल्लंघन करता है.

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राज्यपाल के आदेश को रद्द करने की मांग

मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के उस आदेश को रद्द करने की मांग की, जिसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17ए और भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत पूर्व अनुमोदन और मंजूरी दी गई थी. सिद्धारमैया ने राज्यपाल के फैसले को कानूनी रूप से अस्थिर बताया. सिद्धारमैया की याचिका में अनुरोध किया गया है कि उच्च न्यायालय अन्य राहतों के साथ-साथ 16 अगस्त 2024 के विवादित आदेश को रद्द करें.

बता दें कि कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा वैकल्पिक स्थलों के आवंटन में कथित अनियमितताओं के संबंध में सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ जांच की मंजूरी दिए जाने के बाद राजनीतिक तूफान आ गया है. सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के नेता सड़कों पर उतर आए हैं.

कांग्रेस नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालयों में धरना, पैदल मार्च और रैलियां आयोजित कीं. राज्यपाल के कार्यों की निंदा करते हुए तख्तियां थामे और उनके खिलाफ नारे लगाए. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, बेंगलुरु, उडुपी, मंगलुरु, हुबली-धारवाड़, विजयपुरा, कलबुर्गी, रायचूर, तुमकुरु और मैसूरु सहित विभिन्न क्षेत्रों से प्रदर्शनों की सूचना मिली.

 

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