MP में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की तैयारी, प्रदेश में रिश्वतखोरों के खिलाफ शिकायत करने के लिए खुलेंगे EOW के 3 ऑफिस

MP News: दूर दराज के क्षेत्रों की शिकायतों की जांच करने में ईओडब्ल्यू के अफसरों को भी परेशानी होती है. बार-बार जांच करने के लिए उन्हें वहां पर जाना होता है.
State Economic Offenses Investigation Bureau (EOW)

राज्य आर्थिक अपराध अंवेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू)

MP News: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का प्रयास के चलते राज्य शासन जल्द ही राज्य आर्थिक अपराध अंवेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) के तीन नए यूनिट खोलने जा रहा है. पिछले दिनों मंत्रि परिषद की बैठक में इसे लेकर निर्णय भी हो चुका है. दरअसल डॉ. मोहन यादव की सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को लेकर आ रही व्यवहारिक दिक्कत को परख गई.

मुलताई, बैतूल के लोगों को भोपाल तक शिकायत करने आना होता है, इसी तरह भिंड, मुरैना के लोगों को ग्वालियर और शहडोल, अनूपपुर, उमरिया के लोगों को रीवा तक शिकायत करने आना होता है. ऐसे में छोटे राशि के भ्रष्टाचार और रिश्वत लेने वालों की शिकायत करने इतनी दूर तक पीड़ित नहीं आता है. इस व्यवहारिक दिक्कत से अब जल्द ही इन क्षेत्र के लोगों को मुक्ति मिलेगी. तीन नए यूनिट खुलने के बाद छोटे और बड़े दोनों तरह के भ्रष्टाचारियों पर नकेल और तेजी से कस सकेगी. गत दिनों मंत्रिपरिषद की बैठक में निर्णय हुआ कि शहडोल, चंबल और नर्मदापुरम संभाग मुख्यालय पर ईओडब्ल्यू के ऑफिस खोले जाएं. अभी चंबल संभाग के जिले ग्वालियर ईओडब्ल्यू, शहडोल संभाग के जिले रीवा ईओडब्ल्यू और नर्मदापुरम संभाग के जिले भोपाल ईओडब्ल्यू के दायरे में आते हैं.

जांच में भी होती है परेशानी

दूर के जिलों से कम आती है शिकायतें दरअसल ईओडब्ल्यू में दूर के जिलों की शिकायतें कम आती हैं. यह लंबे अरसे से देखा जा रहा था. इसके चलते ही यह प्रस्ताव लंबे अरसे से पेंडिंग पड़ा हुआ था. रीवा यूनिट में सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर जिले से कम शिकायतें आती हैं, वहीं भोपाल यूनिट में बैतूल, हरदा, मुलताई जिलों से कम शिकायत आती हैं. ऐसे में रिश्वत की छोटे जांच में परेशानी भी होती है.

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दूर दराज के क्षेत्रों की शिकायतों की जांच करने में ईओडब्ल्यू के अफसरों को भी परेशानी होती है. बार-बार जांच करने के लिए उन्हें वहां पर जाना होता है. कई बार उनकी टीम जाती है, लेकिन संबंधित फरियादी या आरोपी पक्ष ही नहीं मिल पाता, ऐसे में फिर से आना जाना करना पड़ता है. इस कारण से कई बार जांच में भी समय लग जाता है.

डीजी तय करेंगे कहां बनेंगे तीन यूनिट

ऐसा भी माना जाता है कि रिश्वत में अफसर या बाबू पैसे मांग रहे हैं, उतने पैसे तो ईओडब्ल्यू के यूनिट तक पहुंचने में ही खर्च हो जाएंगे लेकिन अब ईओडब्ल्यू के तीन नए यूनिट नए बन जाने से इन जिलों में भी रिश्वत खोरों और भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लग सकेगा. शिकायतों का भी होगा बंटवारा ईओडब्ल्यू में इन तीनों संभागों में आने वाले जिलों की कई शिकायतों पर जांच चल रही है. इन शिकायतों को इन नए यूनिट में शिफ्ट किया जाएगा. ऐसे में डीजी ईओडब्ल्यू यह निर्णय करेंगे कि वहां की किन-किन शिकायतों को नए यूनिट में शिफ्ट करना है और किन शिकायतों को पुराने जांच अधिकारी से ही जांच जारी रखवाना है.

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