Chhattisgarh: बिलासपुर मंडल के पैसेंजर और लोकल मेमू ट्रेनों में नहीं लगेगा स्पेशल चार्ज, हाई कोर्ट ने दिया निर्देश
Chhattisgarh News: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर मंडल के डीआरएम ने हाई कोर्ट के निर्देश पर दाखिल अपने शपथ पत्र में जो जानकारी साझा की है. उससे लाखों रेल यात्रियों के लिए राहत मिलेगी. एक जनवरी 2025 से सभी पैसेंजर और लोकल मेमू ट्रेनें सामान्य ट्रेन नंबर के साथ बिना किसी स्पेशल चार्ज के चलेंगी. सामान्य श्रेणी पर रोजाना सफर करने वाले यात्री लंबे समय से इन ट्रेनों में वसूले जा रहे अतिरिक्त शुल्क से परेशान थे.
लंबा इंतजार नए साल पर खत्म होगा
डीआरएम ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को दिए गए अपने शपथ पत्र में बताया कि मूल रूप से इन ट्रेनों को एक जुलाई 2024 से सामान्य ट्रेनों के रूप में चलाने की योजना थी. रेलवे का समय पर टाइम टेबल प्रकाशित न हो पाने के कारण यह योजना आगे खिसक गई और अब इसे एक जनवरी 2025 से लागू किया जाएगा. इस फैसले के लागू होने के बाद, पैसेंजर और लोकल मेमू ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को किसी भी प्रकार का अतिरिक्त स्पेशल चार्ज नहीं देना पड़ेगा, जो कि स्पेशल ट्रेनों में सफर करते समय लगाया जाता था.
हाई कोर्ट के निर्देश पर रेलवे का फैसला
रेलवे का यह निर्णय बिलासपुर हाई कोर्ट में चल रही एक जनहित याचिका के संदर्भ में आया है, जिसे एडवोकेट सुदीप श्रीवास्तव द्वारा दायर की गई थी. याचिका में आरोप लगाया गया था कि कोविड के बाद से रेलों के परिचालन में अव्यवस्था फैली हुई है. विशेषकर पैसेंजर गाड़ियों के स्थान पर स्पेशल गाड़ियां चलाई जा रही हैं, जिनमें अतिरिक्त शुल्क वसूला जा रहा है. इसके अलावा, इन ट्रेनों के समय-सारणी में असंगतता और लेट-लतीफी की समस्याओं को भी उठाया गया था.
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हाई कोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान रेलवे के वकील रमाकांत मिश्रा ने यह जानकारी दी थी कि सभी पैसेंजर ट्रेनों को सामान्य ट्रेन के रूप में चलाने का आदेश हो चुका है. मगर याचिकाकर्ता की ओर से यह दलील दी गई कि अभी भी कई पैसेंजर और लोकल मेमू ट्रेनें स्पेशल ट्रेनों के रूप में चलाई जा रही हैं, जिनके नंबरों के आगे जीरो जोड़ा गया है. इन ट्रेनों को आउटरों पर लंबे समय तक रोका जाता है और यात्रियों को असुविधा होती है. इसके साथ ही, इन ट्रेनों को रद्द करने के लिए कोई उच्च स्तरीय अनुमोदन भी नहीं लिया जाता.
रेलवे ने दाखिल किया शपथ-पत्र
हाई कोर्ट की खंडपीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति बी. डी. गुरु शामिल थे, ने रेलवे के इस बयान पर संज्ञान लेते हुए बिलासपुर के डीआरएम को विस्तृत शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था. आज इसी शपथ पत्र के माध्यम से रेलवे ने स्पष्ट किया कि पैसेंजर और लोकल मेमू ट्रेनों को सामान्य ट्रेन के रूप में चलाने का निर्णय लिया गया है, जिसे 1 जनवरी 2025 से लागू किया जाएगा.
रायपुर-गेवरा रोड मेमू सेवा की बहाली पर नज़र
हाई कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से रायपुर-गेवरा रोड-रायपुर के बीच चलने वाली 08745 और 08746 मेमू लोकल ट्रेन की सेवा को बंद किए जाने पर सवाल उठाया गया। इस ट्रेन सेवा को पिछले 9 महीनों से बंद रखा गया है। इस पर भी हाई कोर्ट ने रेलवे को स्थिति स्पष्ट करने और ट्रेन सेवा को पुनः शुरू करने के निर्देश दिए.
कोर्ट के आदेश के बाद रेलवे की जवाबदेही
हाई कोर्ट की खंडपीठ ने डीआरएम के शपथ पत्र को स्वीकार करते हुए आदेश में स्पष्ट किया कि 1 जनवरी 2025 से सभी पैसेंजर और लोकल मेमू ट्रेनें सामान्य ट्रेन के रूप में चलेंगी और यात्रियों को कोई स्पेशल चार्ज नहीं देना होगा. यह आदेश उन लाखों यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है, जो लंबे समय से इन ट्रेनों में अतिरिक्त शुल्क का सामना कर रहे थे.
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर भविष्य में कोई नई समस्या उत्पन्न होती है, तो याचिकाकर्ता को पुनः याचिका दाखिल करने का अधिकार होगा। इसके साथ ही, इस जनहित याचिका को निराकृत कर दिया गया.