Bilaspur: हाई कोर्ट ने सुनियोजित चोरी मामले में जमानत अर्जी की खारिज, कहा- ‘इतिहास को देखते हुए जमानत देना उचित नहीं है’
बिलासपुर हाई कोर्ट
CG News: सुनियोजित तरीके से घर में घुसकर सोने-चांदी के जेवर और नकदी चोरी के मामला पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने आरोपी को जमानत देने से इंकार कर दिया है.
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सुनियोजित तरीके से घर में चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार 22 साल के वीर अभिमन्यु उर्फ मुन्ना की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. आरोपी के खिलाफ पहले से छह आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं, जिनमें एक शस्त्र अधिनियम और 5 चोरी के मामलों से संबंधित हैं. मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की एकलपीठ ने मामले की गंभीरता, आरोपित के आपराधिक इतिहास और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए यह आदेश पारित किया.
आरोपी पर BNS की धारा में मामला दर्ज
आरोपी पर डीडी नगर थाना, रायपुर में BNS (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 331(4), 305(ए) के तहत चोरी का मामला दर्ज किया गया था. प्रार्थी आशीष ठाकुर ने पुलिस रिपोर्ट दर्ज में बताया थी कि वो और उसके परिजन 4 दिसंबर 2024 की दोपहर अपने घर को ताला लगाकर बाहर गए थे. अगले दिन लौटने पर उन्होंने पाया कि घर का दरवाजा टूटा हुआ था. अलमारी के अंदर रखे दो सोने की चेन, दो सोने के हार, चार सोने की अंगूठी, दो जोड़ी सोने की बाली, चार सोने के लाकेट, सोने का सिक्का, चांदी की करधनी, 10 जोड़ी पायल, चांदी के कटोरी-चम्मच, नकदी राशि चोरी हो चुके थे.
अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें
अभियोजन पक्ष का कहना था कि आरोपित और उसके अन्य साथियों ने मिलकर चोरी की घटना को अंजाम दिया. आरोपी के कब्जे से 5,000 रुपए नकद बरामद किए गए हैं. साथ ही आरोपी के खिलाफ पहले से छह आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं, बचाव पक्ष ने दलील दी कि आरोपित के पास से चोरी गए सामान की कोई बरामदगी नहीं हुई है. उसे सिर्फ कथित बयान के आधार पर फंसाया गया है और वह 25 जनवरी 2025 से जेल में है. ट्रायल पूरा होने में समय लगेगा, इसलिए उसे जमानत दी जाए.
जमानत पर कोर्ट का निर्णय
सुप्रीम कोर्ट के फैसले (दीपक यादव बनाम उत्तर प्रदेश राज्य) का हवाला देते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि आरोपित के आपराधिक इतिहास को देखते हुए जमानत देना उचित नहीं है और आरोपी अभिमन्यु उर्फ मुन्ना की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया.
कोर्ट ने आगे कहा कि आरोपित के खिलाफ चोरी के पांच और शस्त्र अधिनियम का एक प्रकरण लंबित है और ट्रायल कोर्ट को वह इस मामले की सुनवाई शीघ्रता से पूरी करने के निर्देश दिये हैं.