CG News: दुर्ग के सरकारी स्कूल में जादू-टोना, तंत्र-मंत्र का सामान बरामद, दहशत में टीचर और स्टूडेंट्स
स्कूल में तंत्र-मंत्र
CG News: आज पूरे विश्व में आधुनिक युग का दौर चल रहा है. पूरा देश साइंस और टेक्नोलॉजी की मदद से तरक्की की ओर बढ़ रहा है, लेकिन कहीं न कहीं अंधविश्वास आज भी हमारे समाज पर हावी है. आज भी लोग जादू, टोना टोटका पर विश्वास करते हैं. ऐसा ही एक मामला दुर्ग के स्कूल से सामने आया है. जहां स्कूल के अंदर अज्ञात व्यक्ति के द्वारा तंत्र-मंत्र और काला जादू किया गया है.
स्कूल में टोना-टोटका
दुर्ग के बोरसी स्थित पीएम श्री स्कूल परिसर से काला जादू, तंत्र-मंत्र किए जाने का मामला सामने आया है. जहां स्कूल में प्राचार्य के रूम के ठीक सामने स्थित बरामदे में अज्ञात व्यक्ति द्वारा काला जादू जैसी आकृति और पूजा सामग्री मिली है. इसमें रंगोली जैसी कलाकृति के बना कर उसके ऊपर तंत्र-मंत्र की सामग्री पाई गई, जिसमें कटा हुआ नींबू और एक मतृ कोयल पक्षी को देखा गया. माना जा रहा है कि इस कार्य को देर रात अंजाम दिया गया है. वहीं ऐसा करने का कारण अभी भी रहस्य बना हुआ है.
अंधविश्वास में डूबे शिक्षक
इस घटना की जानकारी सुबह स्कूल पहुंचे शिक्षकों से मिली. जब सुबह शिक्षक स्कूल पहुंचे तो उन्होंने देखा की स्कूल के बरामदे में कुछ रंगोली जैसी आकृति बनी हुई थी. जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग और पुलिस मौके पर पहुंची. लेकिन बिना किसी जांच परताल किये उस कलाकृति और वस्तुओं को हटाकर जगह को पानी से धो दिया गया.
इस घटना से शिक्षक और छात्र दहशत में हैं. वहीं साइंस पढ़ाने करने वाले शिक्षक ने भी अंधविश्वास में आकर बैगा (जादूगर) रूपी व्यक्ति को बुलाकर पूजा पाठ कराई गई. जिसमें उन्होंने बाकायदा अगरबत्ती, कपूर और सिंदूर से रास्ते को बाधा मुक्त किए जाने का कार्य करवाया गया. उसके लिए शिक्षकाें ने उसे मेहनताना भी दिया. पूरे मामले की जानकारी मिलते ही स्कूली बच्चों के परिजन भी वहां पहुंच गए.
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शिक्षा मंत्री ने दिए जांच के निर्देश
घटना की जानकारी मिलते ही छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने मामले में संज्ञान लिया है. उन्होंने इस मामले की जांच कर उचित कार्यवाही के निर्देश दिए है. वहीं उन्होंने सभी स्कूलों को उन्नयन पर भी जोर दिया.
वहीं इस मामले में स्थानीय लोगों का मानना है कि ये हरकत किसी शरारती तत्वों के द्वारा की गई है. लोगों ने बताया कि स्कूल में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं है. वहीं स्कूल की बाउंड्रीवाल छोटी है और सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगाए गए है.