पति को ‘पालतू चूहा’ कहना और माता-पिता से अलग रहने की जिद…पत्नी की मानसिक क्रूरता, हाई कोर्ट ने तलाक को ठहराया जायज

CG News: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के एक मामले को उचित ठहराते हुए पति-पत्नी के तलाक को जायज बताया है. रायपुर में रहने वाली एक पत्नी अपने पति को चूहा कहती थी. इसके अलावा वह पति को अपने मां-बाप से अलग रहने की जिद करती थी.
CG High Court (File Photo)

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (फाइल फोटो)

CG News: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के एक मामले को उचित ठहराते हुए पति-पत्नी के तलाक को जायज बताया है. रायपुर में रहने वाली एक पत्नी अपने पति को चूहा कहती थी. इसके अलावा वह पति को अपने मां-बाप से अलग रहने की जिद करती थी. लिहाजा वह साथ रहने को तैयार नहीं थी. मामला फैमिली कोर्ट में चला और दोनों के बीच तलाक हो गया. कोर्ट ने पति को लाइब्रेरियन पत्नी को ₹5 लाख गुजारा भत्ता देने की निर्देश दिए हैं.

पत्नि ने पति को कहा’ पालतू चूहा’, माता-पिता से अलग रहने की जिद

रायपुर है में रहने वाले एक पति पत्नी का साल 2009 में विवाह हुआ इसके बाद साल 2010 में एक बेटा हुआ. शादी के बाद से दोनों के बीच अनबन हो गई थी, पत्नी तीज के दौरान मायके गई थी और वापस आने को लेकर आनाकानी करने लगी. पति ने पूरे मामले को समझ कर फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी लगा दी.

हाई कोर्ट ने तलाक को ठहराया जायज

फैमिली कोर्ट ने साल 2019 में तलाक की अर्जी स्वीकार कर ली. पति ने आरोप लगाए थे की पत्नी साथ रहना चाहती नहीं है और यही कारण है कि वह लगातार पति को उसके माता-पिता से अलग करने और उसका परित्याग करने की योजना बनाते आ रही है. कुल मिलाकर कोर्ट में तलाक होने के बाद पत्नी ने इस पूरे मामले को हाईकोर्ट में लगाया.

ये पत्नी की मानसिक क्रूरता

हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के तलाक मामले को उचित ठहराते हुए कहां है, कि पत्नी का इस तरह का व्यवहार पति के प्रति मानसिक क्रूरता जैसा है. कुल मिलाकर हाईकोर्ट ने राज्य सहकारी बैंक में अकाउंट के पद पर कार्यरत पति को पत्नी को गुजारा भत्ता देने के लिए एक साथ ₹5 लाख देने की बात कही है.

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