CG News: आजादी के बाद पहली बार देखा मोबाइल टॉवर, बस्तर के इस गांव में नेटवर्क पहुंचते ही मना जश्न, संचार क्रांति की नई शुरुआत
कोंडापल्ली गांव में मना जश्न
CG News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में ऐसा नज़ारा कम ही देखने को मिलता जब लोग जश्न में डूबे रहे हो, लेकिन ऐसा नजारा देखने को अब मिला है. बीजापुर जिले के कोंडापल्ली गांव में जब पहली बार मोबाइल नेटवर्क के सिग्नल दिखाई दिए, तो ग्रामीणों की खुशी देखने लायक थी. लंबे समय से बाहरी दुनिया से कटे रह रहे लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाया, मांदर की थाप पर नाचे और इस पल को त्योहार की तरह मनाया. यहां के लोगों के लिए यह सुविधा सिर्फ तकनीक का लाभ नहीं, बल्कि दुनिया से वास्तविक जुड़ाव की पहली सीढ़ी है.
मुख्यमंत्री ने बताई ऐतिहासिक उपलब्धि
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि करार देते हुए कहा कि सरकार का सपना है कि बस्तर का हर गांव विकास की मुख्यधारा से जुड़े. उनका कहना था कि यह केवल एक मोबाइल टावर नहीं, बल्कि उन उम्मीदों का खड़ा होना है जो ग्रामीणों ने कई वर्षों से संजोकर रखी थीं. नेटवर्क के शुरू होते ही शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग, पेंशन और सरकारी योजनाओं तक पहुंच अब आसान होगी.
नक्सली आतंक बना था विकास का दुश्मन
दशकों से नक्सली आतंक के साये में जी रहे इस क्षेत्र में सड़क, बिजली और संचार जैसी बुनियादी जरूरतें बेहद सीमित थीं. लेकिन हाल के वर्षों में स्थिति तेजी से बदल रही है. पूरे क्षेत्र में सैकड़ों नए मोबाइल टावर लगाए गए हैं और पुराने टावरों को अपग्रेड किया जा रहा है. कोंडापल्ली में भी पिछले दिनों न सिर्फ बिजली पहुंची, बल्कि 50 किलोमीटर बंद पड़ी सड़क का पुनर्निर्माण भी शुरू हो चुका है. इस बदलाव ने युवाओं में नई ऊर्जा जगाई है, जो अब इंटरनेट के माध्यम से देश-दुनिया से कदम मिलाने को तैयार हैं.
ग्रामीण ने इस अवसर पर रैली निकाली
नेटवर्क शुरू होने की घोषणा होते ही ग्रामीण रैली की शक्ल में टावर स्थल तक पहुंचे, पूजा-अर्चना की और जवानों के साथ मिठाइयां बांटकर अपनी खुशी जाहिर की. उनके चेहरों पर वही चमक थी जो सपनों के सच होने पर दिखाई देती है. सरकार का दावा है कि आने वाले समय में बस्तर के बाकी दुर्गम इलाकों तक भी संचार सेवाओं को और मजबूत किया जाएगा, ताकि कोई भी नागरिक विकास की राह में पीछे न छूटे.
कोंडापल्ली में उठे इस एक टावर ने बता दिया है कि उम्मीदों के उजाले में अंधेरा ज्यादा देर टिक नहीं पाता. यहां की यह छोटी-सी जीत बस्तर में बड़े बदलाव की शुरुआत बन चुकी है.