303 करोड़ रुपए के बिलासपुर-उसलापुर फ्लाईओवर के मुआवजे को लेकर विवाद, रेलवे ने 48 करोड़ रुपए कंपनसेशन देने से किया इनकार

CG News: बिलासपुर में रेलवे की 303 करोड़ रुपए की बिलासपुर उसलापुर रेल परियोजना में एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. जिला प्रशासन ने रेलवे को इस प्रोजेक्ट के लिए कुछ ऐसी जमीन दे दी है जिसका रेलवे के पास कोई महत्व नहीं है यानी यह जमीन रेल लाइन से बाहर है और रेलवे के अधिकारी से लेने से इनकार कर रहे हैं.
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बिलासपुर-उसलापुर फ्लाईओवर

CG News: बिलासपुर में रेलवे की 303 करोड़ रुपए की बिलासपुर उसलापुर रेल परियोजना में एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. जिला प्रशासन ने रेलवे को इस प्रोजेक्ट के लिए कुछ ऐसी जमीन दे दी है जिसका रेलवे के पास कोई महत्व नहीं है यानी यह जमीन रेल लाइन से बाहर है और रेलवे के अधिकारी से लेने से इनकार कर रहे हैं. यही वजह है कि रेलवे ने पहले तो जिला प्रशासन को और अब कोर्ट के निर्देश के बाद भी इस जमीन के बदले 48 करोड़ रुपए मुआवजा देने से इनकार कर दिया है। इस प्रोजेक्ट को लेकर आमने-सामने आ गए हैं और इसके कारण बिलासपुर की सूरत भी बिगड़ती जा रही है. बिलासपुर की सूरत बिगड़ने के अलावा रेलवे के अंडरब्रिज ओवर बीच के नीचे लोगों का चलना मुश्किल हो रहा है यहां पानी जमा हो चुका है और आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

303 करोड़ रुपए के फ्लाईओवर के मुआवजे को लेकर विवाद

रेलवे ने 10 साल पहले बिलासपुर से उसलापुर तक 10 किलोमीटर रेलवे फ्लाईओवर बनाने का प्रोजेक्ट तैयार किया था. इसी प्रोजेक्ट को देखकर जिला प्रशासन ने उसलापुर के पास एक ओवर ब्रिज और एक आयरलैंड का निर्माण करवाया जिसके कारण आज बिलासपुर की सूरत बिगड़ चुकी है. उसलापुर और ब्रिज के पास मिनोचा कॉलोनी में बना यह ट्रैफिक आईलैंड पूरे देश में चर्चा का विषय है. जिला प्रशासन आयरलैंड को रेलवे की इस फ्लाईओवर परियोजना की प्रत्याशा में बनवाया था जो 303 करोड रुपए की बताई गई थी, लेकिन बाद में रेलवे ने इस फ्लाईओवर प्रोजेक्ट के एलाइनमेंट को चेंज कर दिया जिसके कारण न सिर्फ मुआवजा वितरण में विवाद बल्कि बिलासपुर में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमराती दिख रही है.

बिलासपुर उसलापुर फ्लाई ओवर निर्माण की योजना साल 2005 में तैयार की गई थी. तब इस योजना की लागत 35 करोड़ रुपए भेजी गई. जिसकी स्वीकृति भी रेल बजट में हो गई थी, लेकिन निर्माण में हो रही देरी के कारण यह योजना और इसकी लागत बढ़ती चली गई और आखरी में यह 303 करोड़ हो गई. रेल अधिकारियों के मुताबिक अब यह योजना पूरी तरह तैयार हो गई है, और बिलासपुर से उसलापुर तक 10 किलोमीटर रेल फ्लाईओवर के अलावा रेल ओवर लाइन परियोजना के लिए एक अलग लाइन तैयार की गई है. इस परियोजना के निर्माण और लोकार्पण के बाद झारसुगुड़ा की तरफ से आने वाली माल गाड़ियों को इसी लाइन से उसलापुर की तरफ भेजा जा रहा है ताकि रेलवे का ओवर बर्डन काम हो.

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रेलवे ने 48 करोड़ रुपए कंपनसेशन देने से किया इनकार

बिलासपुर उसलापुर रेल परियोजना में जमीन अधिग्रहण का मामला पहुंच गया है सुप्रीम कोर्ट. रेलवे ने खुद खटखटा आया है सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा. हाई कोर्ट ने इस परियोजना के दायरे में आने वाले सिंधु लिंक ट्रेडर्स के जमीन मालिक को 48 करोड़ रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया है, लेकिन रेलवे के अधिकारी इसे मान रहे हैं बेफिजूल खर्च और यही वजह है कि जिला प्रशासन को उन्होंने स्पष्ट तौर पर कर दिया है मुआवजा देने से मना. कुल मिलाकर मुआवजे का विवाद जारी है और इसी बीच बिलासपुर उसलापुर परियोजना को रेलवे के अधिकारियों ने पूरा करवा दिया है लेकिन मुआवजे का विवाद अभी तक फंसा हुआ है.

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