छत्तीसगढ़ में सोमवार को बंद रहेगा यह बैंक! जानें क्यों हड़ताल पर रहेंगे सभी कर्मचारी
प्रतीकात्मक तस्वीर
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बैंककर्मियों के लिए जरूरी खबर है. 11 अगस्त को प्रदेश के IDBI बैंक के ग्राहकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. सोमवार को IDBI बैंक के निजीकरण के विरोध में बैंककर्मी प्रदेशभर में हड़ताल पर जा रहे हैं. इस हड़ताल को राज्य के बैंक संगठनों ने समर्थन दिया है.
IDBI बैंक का निजीकरण
इस हड़ताल की जानकारी देते हुए ट्रेड यूनियनों ने बताया कि वित्त मंत्री ने IDBI बैंक के निजीकरण की घोषणा की है. इस फैसले के खिलाफ बैंक और बीमा क्षेत्र की ट्रेड यूनियनों ने 11 अगस्त को IDBI कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल का समर्थन किया है. बीमा क्षेत्र में 100% FDI, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में सरकारी हिस्सेदारी के विनिवेश और IDBI के निजीकरण को रद्द करने की मांग को लेकर 11 अगस्त को विरोध प्रदर्शन होंगे.
विरोध में बैंककर्मियों की हड़ताल
ऑल इंडिया इंश्योरेंस एम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIIEA) के संयुक्त सचिव धर्मराज महापात्र ने कहा कि सरकार और LIC की मौजूदा 95% इक्विटी होल्डिंग का बड़ा हिस्सा बेचने की योजना है. विनिवेश के बाद सरकार की हिस्सेदारी 15.24% और LIC की 18.76% रह जाएगी, यानी कुल 34%. इससे 66% पूंजी निजी निवेशकों के पास चली जाएगी, जो स्पष्ट रूप से बैंक का निजीकरण है. IDBI की स्थापना 1964 में RBI से अलग होकर एक विकास वित्त संस्थान (DFI) के रूप में हुई थी. उन्होंने बताया कि IDBI की स्थापना 1964 में एक विकास वित्त संस्था के रूप में हुई थी, जो 2005 में IDBI बैंक के साथ विलय हो गई. अब यह एक सामान्य वाणिज्यिक बैंक के रूप में काम कर रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि सरकार बैंकिंग क्षेत्र में विदेशी निवेश और मतदान अधिकारों पर पहले जो सीमाएं रखती थी, अब उन्हें धीरे-धीरे कम कर रही है. साल 2003 में IDBI अधिनियम के निरस्त होने के वक्त सरकार ने आश्वासन दिया था कि वह 51% से कम हिस्सेदारी नहीं छोड़ेगी, लेकिन अब यह घटकर केवल 15% रह जाएगी.