16 साल पहले थर्रा उठा था देश… नक्सली हमले में SP सहित 29 जवान हुए थे शहीद, कोरकोट्टी नक्सली कांड की बरसी आज
कोरकोट्टी नक्सली कांड
Korkotti Naxal Attack: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में आज से 16 साल पहले एक ऐसी घटना हुई थी, जिसने छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. 12 जुलाई 2009 को मानपुर क्षेत्र के मदनवाड़ा और कोरकोट्टी के बीच नक्सलियों ने एंबुश लगाकार बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. इस नक्सली हमले में तत्कालीन SP विनोद चौबे सहित 29 जवान शहीद हो गए थे. आज भी इस घटना से देश उभर नहीं पाया है.
12 जुलाई 2009 की सुबह 5 से 5:30 बजे करीब राजनांदगांव पुलिस मुख्यालय को खुफिया जानकारी मिली कि मदनवाड़ा थाने में नक्सली अटैक हो गया है. नक्सली हमले की खबर मिलते ही दो गाड़ियों के काफिले के साथ पुलिस कप्तान राजनांदगांव से मदनवाड़ा के लिए रवाना हुए. इस दौरान तय हुआ कि सीतागांव से फोर्स मदनवाड़ा तक इकट्ठे होकर पैदल सर्चिंग करते हुए पहुंचेंगे. निर्देश के पालन में अंबागढ़ चौकी, मोहला- मानपुर थाने में तैनात अधिकारी और जवान आनन-फानन में मोटरसाइकिल मे सवार होकर सीतागांव मदनवाड़ा के लिए निकल पड़े. इधर नक्सलियों ने पुलिस फोर्स के लिए बरसात के दिनों में पहुंच विहीन मदनवाड़ा पहुंचने के उन तमाम रास्तों पर मजबूत एंबुश का जाल बिछाया हुआ था.
तेलंगाना और महाराष्ट्र से भी आए थे हार्डकोर नक्सली
राजनादगांव, मोहला-मानपुर, बस्तर, तेलंगाना, महाराष्ट्र से पहुंचे बड़ी संख्या में हार्डकोर नक्सलियों ने बड़ी रणनीति और महीनों की तैयारी के साथ रात से ही गोरिल्ला बिसात बिछाए हुए थे. सुबह 8 से 9 बजे के करीब मानपुर बस स्टैंड से फोर्स आगे बढ़ी. मानपुर कोहका के बीच मानपुर मुख्यालय से ठीक 6 किलोमीटर कि दूरी पर मुख्य सड़क में शहीद SP विनोद चौबे के काफिले पर नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. उस वक्त तत्कालीन पुलिस अधीक्षक का काफिला आंधी जैसे तेज रफ्तार में सुरक्षित कोहका पहुंच गया लेकिन पीछे आ रही सुरक्षाबलों की मोटरसाइकिल पार्टी नक्सलियों के एंबुश में फंस गई. यहीं से शहादत की शुरुआत हुई.
SP विनोद चौबे की जांबाजी
सुरक्षा बलों की मोटरसाइकिल पार्टी पर नक्सलियों ने ताबड़तोड़ गोलियों के बौछार के साथ क्लोमोर माइंस, देसी रॉकेट लांचर के साथ-साथ लैंड माइन से हमला कर दिया. उधर नक्सलियों के मजबूत घेरे को चीर कर सुरक्षित निकल चुके SP विनोद कुमार चौबे चाहते तो वे सुरक्षित वहां से महाराष्ट्र या सीतागांव की ओर आगे बढ़ सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. वह पीछे आ रही अपनी मोटरसाइकिल पार्टी को बचाने के लिए दोबारा नक्सलियों के चक्रव्यूह में घुस गए. यहां नक्सलियों के खिलाफ घंटों मुंहतोड़ जवाबी कार्रवाई करते हुए उन्हें पीछे धकेलते रहे. उस वक्त कम संख्या में पुलिस के जवान शहीद हुए थे.
नक्सलियों ने पूरी टीम पर किया हमला
दुर्ग से तात्कालीन आईजी मुकेश गुप्ता का भी कुछ घंटो के भीतर घटनास्थल पर पदार्पण हुआ. आईजी मुकेश गुप्ता नक्सलियों के एंबुश पाइंट के एंट्री में रुके रहे और वहां से उन्होंने कड़े शब्दों में और फोर्स और SP चौबे को आगे बढ़ने का निर्देश दिया. यहां पीछे धकेले गए नक्सली फिर से इकट्ठा हो गए और उन्होंने एक साथ पूरी पार्टी पर तीसरी बार हमला कर दिया. इस हमले में जांबाज अफसर समेत 29 जवानों की शहादत हुई. नक्सलियों ने आईजी मुकेश गुप्ता को भी घेर लिया था लेकिन सीआरपीएफ लैंड माइन व्हीकल के ड्राइवर ने जांबाजी दिखाते हुए गोलियों के बौछार के बीच आईजी मुकेश गुप्ता को खींच के बख्तर बंद गाड़ी के अंदर कर दिया.
उस समय मानपुर मोहला अंबागढ़ चौकी क्षेत्र में पैरामिल्ट्री फोर्स सीआरपीएफ तैनात थी और उसके कमांडेंड रणवीर सिंह थे ,जिन्होंने अपना हेड क्वाटर राजनांदगांव मुख्यालय में बना रखा था. बताया जाता है कि बैक स्पोर्ट के लिए एंबुश पॉइंट से फोर्स बार-बार मानपुर में तैनात सीआरपीएफ के जवानों की मांग कर रहें थे. सीआरपीएफ के सशस्त्र बैकअप पार्टी चंद मिनटों के भीतर नक्सलियों के एंबुश पॉइंट कोरकोटृटी पहुंचने के लिए तैयार भी थी परंतु कमांडेंड रणवीर सिंह का आदेश नहीं मिला. लगभग 5 घंटे चले इस मुठभेड़ में एसपी विनोद चौबे सहित जांबाज 29 जवान शहीद हो गए.