डोंगरगढ़ के ढोंगी बाबा के खिलाफ कार्रवाई करने वाले TI का ट्रांसफर, सिस्टम उठने लगे सवाल

बाबा तरुण गोवा में पटनेम बीच पर रिसॉर्ट जैसा योगाश्रम चला रहा था और यहां यूरोप और अन्य देशों के लोगों से 10 लाख रुपये तक की फीस लेकर योग पैकेज बेचे जाते थे.
tarun agrawal

डोंगरगढ़ का बाबा तरुण

Dongargarh Baba Tarun Agrawal: डोंगरगढ़ में योग की आड़ में काला साम्राज्य खड़ा करने वाले बाबा तरुण उर्फ कांती अग्रवाल को लेकर हुए खुलासे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. लेकिन इस बीच, बाबा तरुण के खिलाफ कार्रवाई करने वाले थाना प्रभारी जितेंद्र वर्मा का ही ट्रांसफर कर दिया गया है, जिसके बाद कई सवाल उठने लगे हैं.

डोंगरगढ़ पुलिस ने फर्जी बाबा के फार्महाउस से करीब दो किलो गांजा और यौन गतिविधियों में इस्तेमाल होने वाली कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई. जांच में सामने आया है कि तरुण ने डोंगरगढ़ में प्रज्ञागिरी के पास 42 एकड़ जमीन छह करोड़ रुपये में खरीदी. फर्जी बाबा के पैसे का सोर्स अभी तक पता नहीं चल पाया है. हालांकि वह खुद को 10 एनजीओ का मालिक बताता रहा है.

10 लाख में बेचे जाते थे विदेशियों को योगा पैकेज

बाबा तरुण गोवा में पटनेम बीच पर रिसॉर्ट जैसा योगाश्रम चला रहा था और यहां यूरोप और अन्य देशों के लोगों से 10 लाख रुपये तक की फीस लेकर योग पैकेज बेचे जाते थे. इन विदेशी कनेक्शनों और NGO के फंडिंग की वजह से पुलिस को शक है कि बाबा तरुण मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी फंडिंग के जरिए भारत में किसी नेटवर्क का एजेंट बनकर काम कर रहा था.

कार्रवाई करने वाले टीआई का ट्रांसफर

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने राजनांदगांव एसपी को पत्र लिखकर बोरतलाव थाना प्रभारी उपेंद्र शाह को लाइन अटैच करने की अनुशंसा की थी, लेकिन फिर भी उपेंद्र शाह को डोंगरगढ़ का नया थाना प्रभारी बना दिया गया और जितेंद्र वर्मा को हटा दिया गया. इस ट्रांसफर ने सिस्टम पर कई सवाल उठा दिए हैं.

क्या छिपाने की हो रही कोशिश?

जिस फर्जी बाबा के काले कारनामे ने सभी को हैरान कर दिया, उसके खिलाफ कार्रवाई करने वाले थाना प्रभारी को हटाए जाने के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या बाबा का नेटवर्क इतना तगड़ा है कि वह पुलिस अफसर को हटवा सकता है, जांच प्रभावित कर सकता है?

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