जेल से बाहर आएंगी Khaleda Zia, बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने दिया रिहाई का आदेश

खालिदा जिया मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख हैं. जेल में बंद नेत्री को शेख हसीना का कट्टर विरोधी माना जाता है. शेख हसीना 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बनीं. तब से, उन्होंने और खालिदा जिया ने कई सालों तक बारी-बारी से सरकारें चलाईं .
Khaleda Zia

Khaleda Zia

Bangladesh Violence: बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने विपक्षी नेता खालिदा जिया (Khaleda Zia) की रिहाई का आदेश दिया है. जिया बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की प्रमुख हैं. जिया 1991-96 और 2001-2006 के दौरान दो बार प्रधानमंत्री रह चुकी हैं. जिया की रिहाई की खबर शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़कर भागने के कुछ घंटों बाद आई है.

विपक्षी पार्टी के सदस्यों के साथ सेना की बैठक में यह निर्णय लिया गया. एक बयान में कहा गया कि शहाबुद्दीन ने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया को तुरंत रिहा करने का सर्वसम्मति से फैसला किया है. बता दें कि खालिदा जिया मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की प्रमुख हैं. जेल में बंद नेत्री को शेख हसीना का कट्टर विरोधी माना जाता है. शेख हसीना 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बनीं. तब से, उन्होंने और खालिदा जिया ने कई सालों तक बारी-बारी से सरकारें चलाईं.

बाएं शेख हसीना, दाएं खालिदा जिया

कौन हैं बेगम खालिदा जिया?

बेगम खालिदा जिया बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं. वह बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी हैं. इतना ही नहीं, जिया साल 1984 से ही बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष हैं. बीएनपी की स्थापना उनके पति ने साल 1978 में की थी.

1982 में सेना प्रमुख जनरल हुसैन मोहम्मद इरशाद के नेतृत्व में तख्तापलट के बाद जिया का नाम बांग्लादेश आंदोलन से जुड़ा. 1991 के आम चुनाव में बीएनपी पार्टी की जीत के बाद वह प्रधानमंत्री बनीं. उन्होंने 1996 में अल्पकालीन सरकार में भी कुछ समय के लिए काम किया. 1996 के आम चुनावों में अवामी लीग सत्ता में आई. शेख हसीना बांग्लादेश की दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनीं. जिया की पार्टी 2001 में फिर से सत्ता में आई. सबसे खास बात यह है कि जिया 1991, 1996 और 2001 के आम चुनावों में पांच अलग-अलग संसदीय क्षेत्रों से चुनी गई हैं. 1980 के दशक से जिया की मुख्य प्रतिद्वंद्वी अवामी लीग की नेत्री शेख हसीना रही हैं.

17 साल जेल की सजा काट रही जिया

साल 2007 में चुनाव के दौरान जिया और उनके दो बेटों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया. गौरतलब है कि भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक के अनुसार बांग्लादेश उनके कार्यकाल (2001-2005) के दौरान दुनिया का सबसे भ्रष्ट देश था. जिया को 2018 में  ‘ज़िया चैरिटेबल ट्रस्ट’ से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में कुल 17 साल जेल की सजा सुनाई गई थी.

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जिया के खिलाफ कुल 36 मामले दर्ज

उन पर प्रधानमंत्री रहते हुए सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगा. हालांकि, कहा जाता है कि जिया को राजनीतिक रास्ते से हटाने की यह एक चाल थी. ज़िया के खिलाफ कुल 36 मामले चल रहे हैं, जिनमें ज़िया अनाथालय भ्रष्टाचार मामला और जिया चैरिटेबल ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामला शामिल है.

अब जब बांग्लादेश की स्थिति प्रदर्शन के कारण बद से बदतर हो गई है. शेख हसीना देश छोड़कर फरार हो गई हैं. ऐसे वक्त में राष्ट्रपति ने राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए जिया बेगम की रिहाई का आदेश दिया है. हो सकता है कि इस स्थिति से पार पाने के लिए जिया को एक बार फिर से देश की कमान सौंपी जाए.

 

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