बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के ‘मुखिया’ बने नोबेल पुरस्कार विजेता Muhammad Yunus, राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने दिलाई शपथ

बांग्लादेश की आजादी में शामिल स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा था. इसी आरक्षण के विरोध में इस वक्त बांग्लादेश में प्रदर्शन हो रहे हैं.
Muhammad Yunus

Muhammad Yunus

Bangladesh Crisis: नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने गुरुवार 8 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने गुरुवार शाम शपथ दिलाई. यह शपथ ग्रहण शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के गिरने के तीन दिन बाद हुआ है. छात्रों के नेतृत्व में हुए आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों के कारण हसीना सरकार गिर गई थी. यह विरोध प्रदर्शन उनके शासन के खिलाफ एक जनांदोलन में बदल गया और हसीना को देश छोड़ना पड़ा.

यूनुस ने की प्रदर्शनकारियों से शांत रहने की अपील

शपथ लेने के बाद यूनुस ने सभी प्रदर्शनकारियों से शांत रहने की अपील की. गौरतलब है कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने ही इस पद के लिए यूनुस के नाम की सिफारिश की थी. गुरुवार को ही यूनुस पेरिस से ढाका लौटे हैं. पेरिस में उनका इलाज चल रहा था. भावुक यूनुस ने कहा, “देश में एक बहुत सुंदर राष्ट्र बनने की संभावना है. हमारे छात्र हमें जो भी रास्ता दिखाएंगे, हम उस पर आगे बढ़ेंगे.”

बता दें कि यूनुस अंतरिम सरकार में मुख्य सलाहकार होंगे. इनके ऊपर नए सिरे से आम चुनाव कराने का काम सौंपा गया है. वहीं कार्यवाहक प्रशासन सलाहकार परिषद में यूनुस की मदद के लिए 16 सदस्यों को शामिल किया गया है. इस परिषद में छात्र आंदोलन के दो प्रमुख आयोजक, आसिफ महमूद और नाहिद इस्लाम भी शामिल हैं.

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अंतरिम सरकार की हर संभव मदद करेंगे: सेना प्रमुख वाकर-उज़-ज़मान

इससे पहले सेना प्रमुख वाकर-उज़-ज़मान ने कहा कि अंतरिम सरकार को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे. वहीं बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया ने यूनुस के विचारों को दोहराते हुए कहा कि यह “क्रोध” या “बदला” नहीं बल्कि “प्रेम और शांति” का विषय है जो राष्ट्र का पुनर्निर्माण करेगी.

बता दें कि बांग्लादेश की आजादी में शामिल स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा था. इसी आरक्षण के विरोध में इस वक्त बांग्लादेश में प्रदर्शन हो रहे हैं. यह विरोध जून महीने के अंत में शुरू हुआ था तब यह हिंसक नहीं था. हालांकि,मामला तब बढ़ गया जब इन विरोध प्रदर्शनों में हजारों लोग सड़क पर उतर आए. अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है.

 

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