सर्वे के अनुसार, अगर आज उत्तर प्रदेश में चुनाव होते हैं, तो भाजपा का NDA गठबंधन इंडिया गठबंधन से थोड़ा आगे रहेगा. इस ताजा सर्वे में NDA को 43 से 45 सीटों के बीच मिलने का अनुमान है, जबकि इंडिया गठबंधन (सपा और कांग्रेस) को 34 से 36 सीटों के बीच मिल सकती हैं.
शिंदे ने जो मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना और आनंदाचा सिद्धा योजना शुरू की थी. उसे रोक दिया गया है. इन योजनाओं का उद्देश्य बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा पर मुफ्त यात्रा का लाभ देना और त्योहारों के दौरान सस्ते दरों पर राशन मुहैया कराना था. इन फैसलों से शिंदे को यह संकेत मिल सकता है कि बीजेपी अब उन्हें पूरी तरह से सहयोग नहीं दे रही है.
अमानतुल्लाह खान पर जो FIR दर्ज की गई है, उसमें कई गंभीर धाराएं हैं, जैसे कि भीड़ जुटाकर माहौल खराब करना, सरकारी काम में रुकावट डालना और हमला करना. पुलिस का कहना है कि अमानतुल्लाह खान ने जानबूझकर स्थिति को बिगाड़ा और उसके समर्थकों ने पुलिस के काम में बाधा डाली, जिससे आरोपी शाबाज खान को भागने का मौका मिला.
माघी पूर्णिमा स्नान के बाद अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में एक नया रिकॉर्ड बनाने की जोरदार तैयारी शुरू हो गई है. गिनीज बुक की टीम भी मौके पर पहुंच चुकी है और मेला प्रशासन ने इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
पुराना बिल 880 पन्नों का था, जो लोगों के लिए समझना मुश्किल था. अब नया बिल सिर्फ 622 पन्नों का है और इसे ज्यादा आसान शब्दों में लिखा गया है, ताकि लोग इसे आसानी से समझ सकें.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मुफ्त योजनाएं भले ही गरीबों की मदद करती हैं, लेकिन यह भी जरूरी है कि लोग इन योजनाओं का लाभ लेने के बजाय अपने प्रयासों से खुद को आत्मनिर्भर बनाएं. अगर लोग काम करेंगे तो न केवल उनकी स्थिति सुधरेगी, बल्कि देश की प्रगति में भी योगदान मिलेगा.
मध्य प्रदेश से आने वाले कई श्रद्धालुओं को प्रयागराज से 200 किलोमीटर पहले ही रोककर ट्रैफिक की स्थिति बताई गई, लेकिन उनकी आस्था के आगे यह अवरोध भी टिक नहीं पाया.
आज से आठ साल पहले जो मुद्दा था, वह अब भी दिल्ली की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है. 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को झटका लगा है. पार्टी 62 सीटों से सीधे 22 सीटों पर आ गई है. वहीं कपिल मिश्रा करावल नगर सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव भी जीत चुके हैं.
राजा ने ब्राह्मण को बुलाया और कहा, "अगर तुम दूसरा कंगन नहीं लाए, तो तुम्हें दंड मिलेगा." ब्राह्मण अब संकट में था. वह घबराया हुआ, सोचने लगा, "अब दूसरा कंगन कहां से लाऊं?" डरते हुए, वह संत रविदास के पास पहुंचा और सारी बात बताई.
1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के समय, आचार्य सत्येंद्र दास रामलला की मूर्ति की रक्षा करने में आगे आए थे. वह उस समय रामलला की मूर्ति के पास खड़े हो गए थे, ताकि कोई नुकसान न पहुंचा सके.