युवक की मौत के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शिवधारा-आजमनगर सड़क को जाम कर दिया और जमकर हंगामा किया. मामला इतना गर्माया कि SSP जगुनाथ रेड्डी को तुरंत कार्रवाई करनी पड़ी. मब्बी थाने के थानेदार दीपक कुमार को निलंबित कर दिया गया.
पीड़ित परिवार का आरोप है कि कुणाल की हत्या विशेष समुदाय के लोगों ने की, जिसमें साहिल नाम का शख्स शामिल था. उनका कहना है कि यह हमला पुरानी रंजिश से कहीं ज्यादा, सामुदायिक तनाव का नतीजा है.
भारत का संविधान ऐसा बना है कि कोई भी संस्था "सुपर बॉस” न बने. राष्ट्रपति, सरकार, संसद, और सुप्रीम कोर्ट—सबके पास अपनी-अपनी ताकत और सीमाएं हैं. तमिलनाडु केस में सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की रक्षा के लिए कदम उठाया, लेकिन कुछ लोग इसे 'ज्यादा दखल' मान रहे हैं.
यह कमाई सिर्फ़ फरवरी 2025 तक के आंकड़ों पर आधारित है, यानी अंतिम आंकड़ा और भी बड़ा हो सकता है. दिल्ली सरकार के चार निगमों ने 700 से ज्यादा शराब की दुकानों से यह कमाल कर दिखाया.
सुप्रीम कोर्ट में यह सुनवाई इसलिए अहम है क्योंकि याचिकाकर्ताओं को साबित करना होगा कि यह कानून संविधान की बुनियाद को कमजोर करता है. अगर वे यह साबित कर देते हैं, तो सुप्रीम कोर्ट कानून पर रोक लगा सकता है या उसे पूरी तरह रद्द कर सकता है. कोर्ट यह भी देखेगा कि क्या यह कानून वाकई किसी के मौलिक अधिकारों का हनन करता है.
गर निगम ने कोर्ट के आदेश पर 1 अप्रैल को दरगाह को नोटिस भेजा था, जिसमें अवैध निर्माण हटाने को कहा गया था. दरगाह कमेटी का दावा है कि यह ऐतिहासिक स्थल है, जबकि सकल हिंदू समाज इसे हटाकर वहां हनुमान मंदिर बनाने की मांग कर रहा है.
25 अप्रैल को होने वाली सुनवाई में कोर्ट यह तय करेगा कि आरोपों पर आगे की कार्रवाई कैसे होगी. इस मामले ने एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. जहां बीजेपी इसे भ्रष्टाचार का सबूत बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे सियासी साजिश करार दे रही है.
RJD अपनी पारंपरिक रणनीति पर कायम है, जिसमें यादव और मुस्लिम वोट बैंक (MY समीकरण) के साथ-साथ अन्य पिछड़ा वर्ग और दलित समुदायों को जोड़ने की कोशिश शामिल है. तेजस्वी यादव ने हाल ही में तेली और नाई जैसे छोटे समुदायों को साधने के लिए रैलियां की हैं, ताकि 2020 में मिले 37.23% वोट शेयर को बढ़ाया जा सके.
बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, और वक्फ कानून का मुद्दा वोट बैंक की रोटी सेंकने का मौका बन गया. ममता बनर्जी ने कहा कि वह बंगाल में इस कानून को लागू नहीं होने देंगी. दूसरी ओर, बीजेपी का दावा है कि टीएमसी ने जानबूझकर तनाव को बढ़ाया. खुफिया सूत्रों की मानें, तो इस हिंसा में 2019 के सीएए विरोध की तरह सोशल मीडिया टूलकिट्स का इस्तेमाल हुआ.
इस कहानी में एक और चौंकाने वाला मोड़ तब आया, जब पता चला कि राहुल का ये पहला “भागने” वाला कारनामा नहीं है. पिछले साल भी वो अपने गांव की एक दूसरी महिला के साथ फरार हो गया था. पुलिस अब राहुल के दोस्तों और जीजा योगेश से भी पूछताछ कर रही है, जिसने ये रिश्ता तय करवाया था.