यहां पर यह भी ध्यान देना जरूरी है कि AAP ने दिल्ली में कांग्रेस के वोट को तोड़ा था और यही उसकी राजनीतिक सफलता का कारण बना था. इसलिए, AAP किसी भी तरह से कांग्रेस के साथ गठबंधन करके अपने वोट को बंटने का खतरा नहीं लेना चाहती.
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि दहेज उत्पीड़न के मामलों में अदालतों को न केवल कानून का सही तरीके से पालन करना चाहिए, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी तरह से दहेज कानून का दुरुपयोग न हो.
पात्र) धारण करते हैं. ब्रह्मा ने सबसे पहले चार पुत्रों—सनक, सनंदन, सनातन और सनतकुमार की रचना की. इन चारों पुत्रों को उनके शरीर से उत्पन्न किया. यह चारों पुत्र न केवल ब्रह्मा के रचनात्मक कार्य में सहयोगी बने, बल्कि वे अपनी तपस्या और ज्ञान से ब्रह्मा के अनुयायी भी बने.
इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत उस वक्त हुई जब सुनील पाल का अचानक गायब होने और फिर उनकी ओर से अपहरण की सूचना दी गई. खबरें आईं कि किडनैपर्स ने उन्हें 20 लाख रुपये की फिरौती के लिए पकड़ लिया था, और बाद में 7.5 लाख रुपये के बाद उन्हें छोड़ दिया था.
ऐसा ही कुछ हुआ बेंगलुरू के 34 वर्षीय इंजीनियर अतुल सुभाष के साथ. अतुल का मामला एक उदाहरण बन गया है. उनकी दुखद कहानी यह साबित करती है कि कैसे कानून की प्रक्रिया में अनावश्यक देरी और गलत आरोपों का सामना करने वाले व्यक्ति के जीवन को पूरी तरह से तबाह कर सकता है.
वर्तमान में राज्यसभा में विपक्ष के पास बहुमत नहीं है. भाजपा और उनके सहयोगियों के पास अधिकांश सीटें हैं, जो अविश्वास प्रस्ताव के पारित होने में रोड़ा डाल सकती हैं. ऐसे में विपक्ष का यह कदम एक राजनीतिक बयान हो सकता है, लेकिन इसके सफल होने की संभावना कम नजर आ रही है.
बगावत का खतरा और पार्टी की तैयारी राजनीतिक हलकों में चर्चा हो रही है कि जिन विधायकों के टिकट काटे गए हैं, उनके बगावत करने का खतरा भी हो सकता है. हालांकि, आम आदमी पार्टी ने यह कदम सोची-समझी रणनीति के तहत उठाया है. टिकट कटने के बाद नेताओं की नाराजगी को जल्दी सुलझाने का एक मौका पार्टी को मिल जाएगा.
जानकारी के मुताबिक, यह हादसा कुल्लू के आनी उपमंडल के श्वाड-नगान सड़क पर हुआ. इस सड़क पर एक प्राइवेट बस करसोग से आनी आ रही थी. बस में लगभग 20 से 25 लोग सवार थे. जैसे ही बस शकेलहड़ के पास तीखे मोड़ से गुजर रही थी, अचानक ड्राइवर बस पर नियंत्रण खो बैठा और बस सीधे खाई में गिर गई.
क्या हो सकता है समाधान? इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार को वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड को अपडेट करने, अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और वक्फ बोर्ड को ज्यादा अधिकार देने की जरूरत है. इसके साथ ही, राज्य सरकारों को इस दिशा में सहयोग बढ़ाना होगा, ताकि वक्फ संपत्तियों का उचित प्रबंधन और संरक्षण हो सके.
गठबंधन में नेतृत्व को लेकर यह विवाद कांग्रेस पार्टी के लिए नई चिंता का विषय बन गया है. पिछले लोकसभा चुनावों में जहां कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ मजबूत स्थिति बनाई थी, वहीं कुछ राज्यों जैसे हरियाणा और महाराष्ट्र में पार्टी के प्रदर्शन में गिरावट देखने को मिली.