राकेश कुमार

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राकेश कुमार विस्तार न्यूज़ में वरिष्ठ उप संपादक सह संवाददाता के पद पर हैं. यहां वो डेटा स्टोरीज, एक्सप्लेनर के अलावा इन डेप्थ खबरों पर काम करते हैं. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल कर चुके राकेश को रिसर्च में इंटरेस्ट है. इन्हें राजनीति के अलावा बिजनेस, मनोरंजन और लीगल न्यूज स्टोरीज पर काम करना पसंद है. काम के इतर बात करें, तो राकेश को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है. पूर्व में राकेश सहारा समय नेशनल न्यूज़ चैनल, फीवर FM, APN न्यूज़ और भारत एक्सप्रेस जैसे संस्थानों से जुड़े थे.

महाकुंभ में चला ‘हैरी पॉटर’ का जादू! भंडारे में प्रसाद का आनंद लेते हुए वायरल हुआ VIDEO

क्या है वायरल वीडियो का राज? वायरल हो रहे इस वीडियो में एक शख्स जो कि अभिनेता डेनियल रेडक्लिफ के हूबहू रूप में नजर आ रहा है, महाकुंभ के भंडारे में जमकर प्रसाद खा रहा है. उनकी शक्ल डेनियल से इतनी मिलती-जुलती है कि सोशल मीडिया पर लोग हैरान हो गए.

Ram Mandir Ayodhya

एक साल में ही मालामाल हो गए रामलला, रामनगरी वालों की भी खूब हो रही कमाई, जानिए कितना बदल गया अयोध्या

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद, अयोध्या में तीर्थयात्रियों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट, होटल, और अन्य सुविधाओं में भी एक नज़र डालें तो यह साफ़ दिखाई देता है कि अब अयोध्या को एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में देखा जा रहा है.

Arvind Kejriwal Ramayan Row

दिल्ली चुनाव में रामायण पर ‘महाभारत’ से किसे फायदा और किसे नुकसान? समझिए BJP-AAP के इस ‘धर्मयुद्ध’ के सियासी मायने

इस बयान ने चुनावी रंग को और गहरा कर दिया है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की जनता इस सियासी ड्रामे को कैसे लेती है. आखिरकार, जब राजनीति और धर्म की जोड़ी बनती है, तो चुनावी खेल का मिजाज ही बदल जाता है!

अरविंद केजरीवाल

“जनता कहे तो बनूंगा, नहीं तो नहीं”, CM की कुर्सी पर ये कौन सा दांव खेल रहे हैं केजरीवाल? AAP के मुखिया ने बताया पूरा प्लान

अरविंद केजरीवाल ने बताया कि जब वह जेल में थे, तब उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने न सिर्फ घर, बल्कि पार्टी की बागडोर भी संभाली. केजरीवाल ने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी टूटने से बची, तो इसका 90% श्रेय सुनीता को जाता है, क्योंकि उस समय उन्हें राजनीति का कोई खास अनुभव नहीं था.

Ayushman Bharat Yojana

बीमारी के समय हॉस्पिटल में ऐसे यूज करें आयुष्मान कार्ड, ये है क्लेम करने का सबसे आसान तरीका

अगर आपको यह जानना है कि आपके पास कौन-कौन से अस्पताल हैं जो इस योजना से जुड़े हुए हैं, तो आयुष्मान भारत योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आप सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

Dilip Jayaswal, Nitish Kumar

नीतीश कुमार को डिप्टी CM क्यों बता रही है BJP? दिलीप जायसवाल के इस VIDEO से बिहार की सियासत में सनसनी

इस सम्मेलन में दिलीप जायसवाल ने और भी कई बातें कीं. उन्होंने बिहार में 2005 से पहले और आज के बिहार के हालात की तुलना करते हुए कहा, "तब लोग बिजली के बिना जीते थे, अब लोग नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की सरकार की वजह से रोशनी देख रहे हैं."

Saif Ali Khan Attack Case

मुंबई टू दिल्ली…सैफ अली खान पर हमले के बाद राजधानी में सियासी बवाल, बांग्लादेशी घुसपैठियों पर एक्शन का आदेश

16 जनवरी की रात सैफ अली खान के मुंबई स्थित घर में एक व्यक्ति घुस आया और चोरी करने की कोशिश करते हुए सैफ पर चाकू से हमला कर दिया. हमलावर ने सैफ को कई बार चाकू मारा, जिससे एक्टर गंभीर रूप से घायल हो गए. इस हमले के बाद पुलिस जांच में यह सामने आया कि हमलावर एक बांग्लादेशी नागरिक है.

Amit Shah

हकीकत बनने जा रहा है ‘नक्सल मुक्त’ भारत का ख्वाब, अमित शाह की प्लानिंग से छत्तीसगढ़ में बिगड़ा नक्सलियों का खेल!

सच्चाई ये है कि नक्सलवाद के खात्मे में समय नहीं लगेगा. कुछ इलाकों में नक्सलियों का प्रभाव अब भी गहरे तक फैला हुआ है, लेकिन केंद्र सरकार और सुरक्षा बलों ने पूरी ताकत झोंक दी है. निगरानी तंत्र को मजबूत किया गया है, और सेना के ऑपरेशन भी तेज़ हुए हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर

ब्रिटेन ने भारत में की जितनी लूट, उतने में US-जापान जैसे बन जाते 5 देश…इस रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

यहां तक कि ऑक्सफैम ने यह भी बताया कि अगर लंदन के सतह को 50 पाउंड के नोटों से ढक दिया जाए तो यह रकम उन नोटों से चार गुना अधिक होगी! अब सोचिए, भारत से निकाले गए उस धन को अगर आज के समय में प्रयोग किया जाता तो देश की तस्वीर कितनी बदल जाती!

प्रतीकात्मक तस्वीर

कांग्रेस के सामने सीट बचाने की चुनौती, टेंशन में बीजेपी…समझिए छत्तीसगढ़ नगरी निकाय चुनाव का सियासी गणित

CG Local Body Elections: भाजपा का हाल भी कुछ खास अच्छा नहीं है. भाजपा के पास 14 नगरीय निकायों में से एक भी सीट नहीं है, और यह स्थिति पार्टी के लिए चिंता का विषय बन चुकी है. सत्ता में रहते हुए अगर भाजपा नगरी निकाय चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई तो यह पार्टी के लिए बड़ी शर्मिंदगी का कारण बन सकता है.

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