इस साल अजमेर शरीफ में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 813वां उर्स मनाया जा रहा है. यह उत्सव 28 दिसंबर से शुरू हुआ है. इस उर्स के दौरान दरगाह पर लाखों लोग अपनी श्रद्धा अर्पित करने के लिए आते हैं. हर साल की तरह इस बार भी पीएम मोदी ने चादर भेजी है.
दिल्ली की सियासत में केवल पार्टी का नहीं, बल्कि व्यक्तिगत नेताओं का भी बड़ा महत्व है. 1993 में जब बीजेपी ने मदनलाल खुराना को मुख्यमंत्री बनाया, तो पार्टी को जीत मिली, लेकिन फिर पार्टी के भीतर नेतृत्व को लेकर उथल-पुथल का सिलसिला शुरू हुआ.
दिल्ली विधानसभा चुनावों में इस बार दोनों ही दलों के बीच राजनीतिक माहौल बेहद गर्म हो गया है. भाजपा और AAP ने चुनावी प्रचार का नया तरीका अपनाया है, जिसमें शब्दों के साथ-साथ पोस्टरों और विज्ञापनों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है.
साल 1989 में आई फिल्म 'मैंने प्यार किया' ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़े थे, बल्कि इस फिल्म में सलमान और भाग्यश्री की जोड़ी को दर्शकों का अपार प्यार भी मिला था. लेकिन इस प्यार के बीच 'अलग प्यार' की एक छोटी सी कहानी भी छिपी रह गई, जो वर्षों बाद सामने आई.
एयर इंडिया के अनुसार, यह वाई-फाई सेवा लैपटॉप, टैबलेट और स्मार्टफोन जैसे वाई-फाई सक्षम उपकरणों पर निःशुल्क उपलब्ध होगी. इसका उपयोग यात्री एक साथ कई उपकरणों पर कर सकते हैं.
द्रोणाचार्य पुरस्कार कोचों को दिया जाता है जो खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने और उन्हें शीर्ष स्तर पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इस साल द्रोणाचार्य पुरस्कार सुभाष राणा (पैरा-शूटिंग), दीपाली देशपांडे (शूटिंग) और संदीप सांगवान (हॉकी) को सम्मानित किया गया.
क्या आपने कभी सरकारी दफ्तरों में कैमरे की क्वालिटी पर ध्यान दिया है? 'सुपर HD' की उम्मीद तो छोड़िए, ये कैमरे तो बमुश्किल साफ तस्वीर खींच पाते हैं! यही वजह है कि आपकी आधार या वोटर कार्ड की फोटो में वो क्लियरनेस नहीं दिखती, जो आपको अपनी सेल्फी में होती है.
फिलहाल, बिहार की राजनीति में जो कलह और विरोधाभास नजर आ रहे हैं, वे राज्य की राजनीति में आने वाले समय में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकते हैं.
बाहुबली कौन? बिहार में राजनीतिक परिदृश्य हमेशा से ही दिलचस्प और जटिल रहा है. नीतीश कुमार ने हाल ही में अपने दल जेडीयू के एक नारे से अपनी राजनीतिक ताकत का इशारा किया है. इस नारे के तहत उन्हें बिहार का 'बाहुबली' यानी सबसे ताकतवर नेता के रूप में पेश किया जा रहा है
भुंडा महायज्ञ की शुरुआत भगवान परशुराम ने की थी, और इसे नरमेघ यज्ञ के नाम से भी जाना जाता है. यज्ञ के दौरान, परशुराम ने नरमुंडों की बलि दी थी, जिससे इसे नरमेघ यज्ञ कहा जाता है.