Sampoorna Kranti: जेपी का सपना था एक ऐसा भारत, जहां भ्रष्टाचार और अन्याय न हो. लेकिन वो खुद कभी सत्ता का हिस्सा नहीं बने. न उन्होंने कोई चुनाव लड़ा, न ही कोई पद स्वीकार किया. एक बार पंडित नेहरू के बाद प्रधानमंत्री के लिए उनके नाम की चर्चा हुई, लेकिन जेपी ने साफ मना कर दिया. वो कहते थे, “मेरा काम जनता को जागृत करना है, सत्ता में बैठना नहीं.”
Pawan Singh on Bihar Election: पवन सिंह जैसे 'पावर स्टार' के लिए ये क्राउडेड स्टेज पर अपना कद छोटा करना मतलब करियर का फ्लॉप शो हो सकता है. वो जानते हैं कि लोकल फाइट में उलझकर उनका नेशनल हीरो वाला इमेज फीका पड़ जाएगा, इसलिए BJP का 'सच्चा सिपाही' बनकर प्रचार का रोल चुन लिया, रिस्क कम, ग्लोरी ज्यादा.
Trump Tariff: ट्रंप पहले भी चीन से नाराज रहे हैं. 2018-2020 में भी ट्रेड वॉर छिड़ा था, जब ट्रंप ने चीनी सामान पर 25% तक टैरिफ लगाया था. इस बार जून 2025 में रेयर अर्थ पर सहमति टूटी और ट्रंप को नोबेल प्राइज न मिलने का गुस्सा भी शायद इसमें जुड़ गया. वो चाहते हैं कि अमेरिका की फैक्ट्रियां फिर से गुलजार हों और 20 लाख नौकरियां बचे.
NDA Meeting Delhi: इस सियासी खींचतान को सुलझाने के लिए अब दिल्ली में एक बड़ी बैठक होने जा रही है. एनडीए के सभी घटक दलों के बड़े नेता, जैसे चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा, दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे.
टफ्लिक्स की सीरीज बैड्स ऑफ द बॉलीवुड ने इस मामले को और हवा दी. वानखेड़े का दावा है कि इस सीरीज में उनके किरदार को गलत और बदनाम करने वाला दिखाया गया. नाराज वानखेड़े ने सितंबर 2025 में नेटफ्लिक्स और शाहरुख खान की प्रोडक्शन कंपनी रेड चिलीज के खिलाफ मानहानि का मुकदमा ठोक दिया.
Bihar Politics: तेजस्वी यादव का वादा युवाओं में उत्साह भर सकता है, जहां बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से ऊपर है. लेकिन फैक्ट्स साफ कहते हैं कि बिहार का बजट टाइट, आय केंद्र-निर्भर, कर्ज ऊंचा और मौजूदा सैलरी ही समय पर न दे पा रहे. अगर यह वादा लागू हुआ, तो टैक्स बढ़ाना, नई योजनाएं काटनी पड़ेंगी या केंद्र से स्पेशल पैकेज मांगना होगा.
AAP ने BJP पर साधा निशाना इस मुद्दे पर सियासत भी गरमा गई है. आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया और कहा कि ये हालात उनकी नाकामी का सबूत हैं. AAP का आरोप है कि बीजेपी सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं की अनदेखी की, जिसका खामियाजा मरीज भुगत रहे हैं.
इस सूची का सबसे चमकता सितारा है भोजपुरी गायक और अभिनेता रितेश पांडे. जनसुराज ने उन्हें करगहर सीट से मैदान में उतारा है. रितेश की गायकी और उनकी फैन फॉलोइंग, खासकर युवाओं के बीच पार्टी के लिए बड़ा सहारा हो सकती है.
सूत्र कहते हैं, नीतीश चुपके से दबाव बना रहे हैं, क्योंकि 2020 का घाव ताजा है. अगर चिराग (Chirag Paswan) बगावत करें, तो दलित वोट 5-6% पासवान समुदाय JDU के घाव को कुरेद देंगे. यानी, अगर चिराग पासवान, इस बार बगावत करेंगे तो निश्चित ही नीतीश कुमार की राजनीति के लिए यह खतरा है.
Mahagathbandhan Seat Sharing Formula: बिहार की 243 सीटों पर सबकी नजरें टिकी हैं. पिछली बार 2020 में RJD ने 144 सीटों पर तीर चलाए थे, लेकिन इस बार वे थोड़ा 'समझदार भाई' बनकर 125-130 सीटों पर संतुष्ट हैं. क्यों? क्योंकि गठबंधन के छोटे भाई-बहनों को भी तो जगह देनी है.