राकेश कुमार

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राकेश कुमार विस्तार न्यूज़ में वरिष्ठ उप संपादक सह संवाददाता के पद पर हैं. यहां वो डेटा स्टोरीज, एक्सप्लेनर के अलावा इन डेप्थ खबरों पर काम करते हैं. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल कर चुके राकेश को रिसर्च में इंटरेस्ट है. इन्हें राजनीति के अलावा बिजनेस, मनोरंजन और लीगल न्यूज स्टोरीज पर काम करना पसंद है. काम के इतर बात करें, तो राकेश को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है. पूर्व में राकेश सहारा समय नेशनल न्यूज़ चैनल, फीवर FM, APN न्यूज़ और भारत एक्सप्रेस जैसे संस्थानों से जुड़े थे.

ममता बनर्जी

कभी अडानी तो कभी धनखड़…कांग्रेस के स्पीड पर हर बार ब्रेक क्यों लगाती हैं ‘दीदी’?

पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन बीजेपी से मुकाबला करना आसान नहीं था. इस दौरान कांग्रेस ने ममता को समर्थन दिया, लेकिन कांग्रेस के अपने नेता राहुल गांधी ने बंगाल में रैलियां करने से मना कर दिया.

अजय राय

क्या संभल हिंसा पर सेकी जा रही हैं राजनीतिक रोटियां? अजय राय को पुलिस ने रोका तो काटा बवाल

अजय राय ने मीडिया से कहा कि पहले 30 नवंबर तक जनप्रतिनिधियों की यात्रा पर प्रतिबंध हटाने का वादा किया गया था, लेकिन अब इसे 10 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए यह कदम उठा रही है.

संसद घेरने निकले किसान

किसानों ने दिल्ली कूच पर लगाया ब्रेक…प्रशासन से इन मुद्दों पर चर्चा के बाद लिया फैसला

किसानों का यह आंदोलन एक बार फिर से केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है. किसानों ने बार-बार अपनी मांगों को उठाया है, लेकिन उनकी बातों को नकारा जा रहा है, जिससे उनका गुस्सा बढ़ता जा रहा है.

अवध ओझा AAP में शामिल होते हुए

खुद को बता चुके हैं ‘मौकाटेरियन’, मोहम्मद गौरी से की थी पीएम मोदी की तुलना, जानें कौन हैं ‘झाड़ू’ पकड़ने वाले अवध ओझा

कहा जा रहा है कि अवध ओझा 2025 में दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी किस्‍मत आजमाने के लिए मैदान में उतर सकते हैं. ओझा ने पहले भी अपने राजनीतिक रूझान का इजहार किया था.

UP News

अरे गजब! यूपी में रातों-रात बन गया नया जिला, जानिए इसका नाम और क्या है खास

महाकुंभ मेला 2025 में प्रयागराज में 12 साल बाद आयोजित हो रहा है, जो 13 जनवरी से 25 फरवरी तक चलेगा. इस मौके पर लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए जुटेंगे.

प्रतीकात्मक तस्वीर

बैकुंठ के द्वारपाल थे दो भाई, फिर कैसे बन गए मायावी राक्षस? कहानी जय और विजय की

तीन बार शत्रु के रूप में जन्म लेने के बाद जय और विजय को श्राप से पूरी तरह मुक्ति मिल गई. अब वे फिर से वैकुंठ लौट गए, जहां उन्होंने भगवान विष्णु के द्वारपाल के रूप में अपनी सेवा शुरू की.

Bollywood Behind-The-Scenes Stories

शोले में वीरू नहीं, ठाकुर बनना चाहते थे धर्मेंद्र, फिर हेमा मालिनी के लिए जो किया…दिलचस्प है इन फिल्मों के पीछे की कहानी

जब बात आती है भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी हिट फिल्मों की, तो शोले का नाम सबसे पहले आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म में धर्मेंद्र का किरदार 'वीरू' बनने से पहले वह ठाकुर बल्देव सिंह के रोल में दिखना चाहते थे?

Chhattisgarh News

“कम से कम 3 बच्चे होने चाहिए…”, घटती जनसंख्या को लेकर क्यों चिंतित हैं मोहन भागवत?

भागवत के बयान से यह स्पष्ट है कि जनसंख्या वृद्धि केवल एक सांस्कृतिक या सामाजिक समस्या नहीं, बल्कि एक आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा भी है. यदि जनसंख्या घटने की गति जारी रही, तो आने वाले समय में इसका प्रभाव देश के विकास, श्रम शक्ति, और सामाजिक संरचना पर पड़ सकता है.

Religious Disputes

मस्जिदों और मंदिरों के बीच ‘धर्मयुद्ध’, देश के धार्मिक विवादों का वो ‘राज’ जो आप नहीं जानते!

भारत में धार्मिक स्थल विवाद केवल इतिहास और कानून से जुड़े हुए नहीं हैं, बल्कि इनका सामाजिक और राजनीतिक असर भी गहरा है. इन विवादों के कारण विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच तनाव बढ़ता है, और ये मुद्दे कभी-कभी साम्प्रदायिक हिंसा का कारण भी बन जाते हैं. अदालतों में इन मामलों की सुनवाई जारी रहती है, लेकिन इनका हल निकालना आसान नहीं है, क्योंकि इनमें धार्मिक भावनाएं, ऐतिहासिक दावे और कानूनी पहलू सभी जुड़े हुए होते हैं.

Deep Depression Fengal

चक्रवात फेंगल का कहर, तमिलनाडु और पुडुचेरी में भारी तबाही, चारों ओर हाहाकार!

चक्रवातों के नामों की मौजूदा लिस्ट 2020 में तैयार की गई थी, जिसमें प्रत्येक सदस्य राज्य 13 नामों का योगदान देता है. इन नामों का इस्तेमाल रोटेशन में किया जाता है. किसी भी नाम का दोबारा इस्तेमाल नहीं होता है यानी कि हिंद महासागर क्षेत्र में आया हर चक्रवात अलग नाम से जाना जाता है. उदाहरण के लिए, 'फेंगल' नाम का सुझाव सऊदी अरब ने दिया था.

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