राकेश कुमार

[email protected]

राकेश कुमार विस्तार न्यूज़ में वरिष्ठ उप संपादक सह संवाददाता के पद पर हैं. यहां वो डेटा स्टोरीज, एक्सप्लेनर के अलावा इन डेप्थ खबरों पर काम करते हैं. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल कर चुके राकेश को रिसर्च में इंटरेस्ट है. इन्हें राजनीति के अलावा बिजनेस, मनोरंजन और लीगल न्यूज स्टोरीज पर काम करना पसंद है. काम के इतर बात करें, तो राकेश को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है. पूर्व में राकेश सहारा समय नेशनल न्यूज़ चैनल, फीवर FM, APN न्यूज़ और भारत एक्सप्रेस जैसे संस्थानों से जुड़े थे.

प्रतीकात्मक तस्वीर

बैकुंठ के द्वारपाल थे दो भाई, फिर कैसे बन गए मायावी राक्षस? कहानी जय और विजय की

तीन बार शत्रु के रूप में जन्म लेने के बाद जय और विजय को श्राप से पूरी तरह मुक्ति मिल गई. अब वे फिर से वैकुंठ लौट गए, जहां उन्होंने भगवान विष्णु के द्वारपाल के रूप में अपनी सेवा शुरू की.

Bollywood Behind-The-Scenes Stories

शोले में वीरू नहीं, ठाकुर बनना चाहते थे धर्मेंद्र, फिर हेमा मालिनी के लिए जो किया…दिलचस्प है इन फिल्मों के पीछे की कहानी

जब बात आती है भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी हिट फिल्मों की, तो शोले का नाम सबसे पहले आता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म में धर्मेंद्र का किरदार 'वीरू' बनने से पहले वह ठाकुर बल्देव सिंह के रोल में दिखना चाहते थे?

Chhattisgarh News

“कम से कम 3 बच्चे होने चाहिए…”, घटती जनसंख्या को लेकर क्यों चिंतित हैं मोहन भागवत?

भागवत के बयान से यह स्पष्ट है कि जनसंख्या वृद्धि केवल एक सांस्कृतिक या सामाजिक समस्या नहीं, बल्कि एक आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा भी है. यदि जनसंख्या घटने की गति जारी रही, तो आने वाले समय में इसका प्रभाव देश के विकास, श्रम शक्ति, और सामाजिक संरचना पर पड़ सकता है.

Religious Disputes

मस्जिदों और मंदिरों के बीच ‘धर्मयुद्ध’, देश के धार्मिक विवादों का वो ‘राज’ जो आप नहीं जानते!

भारत में धार्मिक स्थल विवाद केवल इतिहास और कानून से जुड़े हुए नहीं हैं, बल्कि इनका सामाजिक और राजनीतिक असर भी गहरा है. इन विवादों के कारण विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच तनाव बढ़ता है, और ये मुद्दे कभी-कभी साम्प्रदायिक हिंसा का कारण भी बन जाते हैं. अदालतों में इन मामलों की सुनवाई जारी रहती है, लेकिन इनका हल निकालना आसान नहीं है, क्योंकि इनमें धार्मिक भावनाएं, ऐतिहासिक दावे और कानूनी पहलू सभी जुड़े हुए होते हैं.

Deep Depression Fengal

चक्रवात फेंगल का कहर, तमिलनाडु और पुडुचेरी में भारी तबाही, चारों ओर हाहाकार!

चक्रवातों के नामों की मौजूदा लिस्ट 2020 में तैयार की गई थी, जिसमें प्रत्येक सदस्य राज्य 13 नामों का योगदान देता है. इन नामों का इस्तेमाल रोटेशन में किया जाता है. किसी भी नाम का दोबारा इस्तेमाल नहीं होता है यानी कि हिंद महासागर क्षेत्र में आया हर चक्रवात अलग नाम से जाना जाता है. उदाहरण के लिए, 'फेंगल' नाम का सुझाव सऊदी अरब ने दिया था.

World Aids Day

जागरूकता से लेकर इलाज तक…HIV-AIDS के खिलाफ जंग में हर कदम अहम!

विश्व एड्स दिवस की शुरुआत 1 दिसंबर 1988 को हुई थी. इसे सबसे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा स्थापित किया गया था. इसका उद्देश्य एचआईवी और एड्स के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना, और इस घातक बीमारी से प्रभावित लोगों को समर्थन देने के साथ-साथ नए संक्रमित मामलों की रोकथाम के लिए उपायों की सिफारिश करना था.

Sambhal Jama Masjid

क्या खतरे में है संभल जामा मस्जिद का ऐतिहासिक स्वरूप? कोर्ट में ASI ने किए कई खुलासे

एएसआई के हलफनामे में बताया गया है कि जब भी उनकी टीम इस ऐतिहासिक मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए पहुंची, तो स्थानीय लोग उनका विरोध करने लगे और उन्हें मस्जिद के भीतर जाने से रोक दिया. इस वजह से एएसआई को इस मस्जिद के भीतर हुए अवैध निर्माण कार्यों की जानकारी नहीं हो पाई.

देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे

शिंदे को चाहिए ये मंत्रालय, BJP की तरफ से ना! अब महाराष्ट्र में महायुति के बीच कैसे बनेगी बात?

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के परिणामों को एक हफ्ता से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अब तक मुख्यमंत्री पद और मंत्रिमंडल गठन को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है. राज्य में बीजेपी और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के बीच जद्दोजहद जारी है. खासकर मुख्यमंत्री पद को लेकर संघर्ष तेज़ हो […]

AAP के कोर वोट में सेंधमारी की तैयारी में BJP, शुरू किया ‘रात्रि प्रवास संवाद अभियान’, झुग्गियों में नेताओं ने डाला डेरा

इस बीच, दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने विनोद नगर के नेहरू कैंप का भी दौरा किया, जहां उन्होंने पूजा समारोह में भाग लिया और एक बीजेपी कार्यकर्ता के घर पर रात बिताई.

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव

राजनीति से लेकर निजी जिंदगी तक… पॉडकास्ट में क्या-क्या कह गए अखिलेश यादव?

अखिलेश यादव ने यूपी में कांग्रेस के साथ अपने गठबंधन को लेकर भी विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा, "कांग्रेस को धीरे-धीरे यह समझ में आएगा कि समाजवादी पार्टी की रणनीति ही बीजेपी को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है."

ज़रूर पढ़ें