राकेश कुमार

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राकेश कुमार विस्तार न्यूज़ में वरिष्ठ उप संपादक सह संवाददाता के पद पर हैं. यहां वो डेटा स्टोरीज, एक्सप्लेनर के अलावा इन डेप्थ खबरों पर काम करते हैं. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल कर चुके राकेश को रिसर्च में इंटरेस्ट है. इन्हें राजनीति के अलावा बिजनेस, मनोरंजन और लीगल न्यूज स्टोरीज पर काम करना पसंद है. काम के इतर बात करें, तो राकेश को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है. पूर्व में राकेश सहारा समय नेशनल न्यूज़ चैनल, फीवर FM, APN न्यूज़ और भारत एक्सप्रेस जैसे संस्थानों से जुड़े थे.

प्रतीकात्मक तस्वीर

अंतरिक्ष में भारत की नई उड़ान, चंद्रयान-4 को मिली मंजूरी, चांद से खास चीज लाने की तैयारी में ISRO

ISRO के प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ ने पहले ही बताया था कि चंद्रयान-4 को एक बार में लॉन्च नहीं किया जाएगा. इसे दो हिस्सों में अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और फिर वहां पर मॉड्यूल्स को आपस में जोड़ा जाएगा. इस तकनीक का उपयोग भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) बनाने के लिए भी किया जाएगा, जो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का एक अहम हिस्सा होगा.

आतिशी और अरविंद केजरीवाल

खूब पढ़ी-लिखी फिर भी क्या ‘राबड़ी-मनमोहन’ से आगे बढ़ पाएंगी आतिशी?

अब जब आतिशी मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं, तो सवाल यह उठता है कि क्या उनकी भूमिका सिर्फ एक नाममात्र की होगी? क्या वे केवल एक प्रतीक बनकर रह जाएंगी और असली निर्णय अरविंद केजरीवाल ही लेंगे?

Amit Shah

जातीय जनगणना की सुलझ गई गुत्थी! अमित शाह ने दिया बड़ा संकेत

यह जानकारी एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सामने आई. गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि देश में आखिरी बार जनगणना 2011 में हुई थी, और अब इसे जल्द ही पूरा किया जाएगा.

आतिशी

मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकती है केजरीवाल की नई चाल! आतिशी के CM बनने से क्या बदलेंगे दिल्ली के सियासी समीकरण?

दिल्ली की राजनीति में बीजेपी और कांग्रेस पहले से ही आतिशी के खिलाफ नैरेटिव गढ़ने की कोशिश में जुटे हैं. बीजेपी ने पहले ही बांसुरी स्वराज को दिल्ली में राजनीतिक मोर्चे पर उतारा है. बांसुरी स्वराज, सुषमा स्वराज की बेटी हैं, और उनके राजनीति में आने से दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ आया है. हालांकि, आतिशी को टारगेट करना विपक्ष के लिए उतना आसान नहीं होगा, क्योंकि वह एक मजबूत महिला नेता के रूप में उभर रही हैं.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल

पंजाब में भगत सिंह, दिल्ली में अंबेडकर के अनुयायी… क्या AAP लागू करेगी यह सियासी फॉर्मूला?

2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले, आम आदमी पार्टी ने सिंबल पॉलिटिक्स की शुरुआत की थी. पार्टी ने अपने पोस्टरों में भगत सिंह और बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीरें दिखाई. इसका उद्देश्य था भगत सिंह के समर्थकों और अंबेडकर के अनुयायियों को एक साथ जोड़ना.

ममता बनर्जी

ममता बनर्जी और प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स के बीच ‘आखिरी बैठक’, इन मांगों पर बनी सहमति

इससे पहले, डॉक्टरों ने बैठक की लाइव स्ट्रीमिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग की मांग की थी, जिसे राज्य सरकार ने खारिज कर दिया था. इस कारण पिछले प्रयास विफल रहे थे. बाद में प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने अपनी मांग में थोड़ी नरमी लाते हुए केवल बैठक की बातचीत और उसकी हस्ताक्षरित प्रति प्रदान करने की मांग की.

मनोहर लाल खट्टर और नायब सिंह सैनी

हरियाणा चुनाव में किसान, पहलवान और जवान… इस बार BJP की सियासी अग्नि परीक्षा!

तेजी से विकसित हो रहा बिजनेस हब गुरुग्राम बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है. इस शहर ने हाल ही में 2,600 करोड़ रुपये का एक्साइज रेवेन्यू उत्पन्न किया है, जो हरियाणा के कुल राजस्व का एक बड़ा हिस्सा है. बीजेपी की हार की स्थिति में इस क्षेत्र का नुकसान पार्टी के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है.

राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल

केजरीवाल की सियासी ‘चाल’, क्यों कांग्रेस के माथे पर दिख रही है चिंता की लकीरें?

कांग्रेस की मुश्किलें इस समय दोहरी हैं. एक ओर पार्टी अपने अस्तित्व की लड़ाई दिल्ली में लड़ रही है, वहीं दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता ने उसे गोवा, गुजरात, पंजाब जैसे राज्यों में भी कड़ी टक्कर दी है.

CM Yogi

“सिर्फ मुरली नहीं, सुरक्षा के लिए सुदर्शन भी जरूरी”, सीएम योगी का बड़ा बयान

उन्होंने कहा, "आज पाक अधिकृत कश्मीर और बलूचिस्तान में भारत से जुड़ने की मांग उठ रही है. पाकिस्तान की मौजूदगी मानवता के लिए खतरा बनी हुई है. इसका इलाज समय रहते करना होगा और इसके लिए दुनियाभर की ताकतों को मिलकर काम करना होगा."

Nitin Gadkari

नितिन गडकरी ने भ्रष्टाचार पर किया प्रहार, बोले- सिस्टम में बैठे हैं ‘न्यूटन के बाप’

गडकरी ने कहा, "सिस्टम में कई ऐसे लोग हैं जो सड़कों पर गड्ढा भरने जैसे छोटे काम के लिए भी आदेश का इंतजार करते हैं. अगर काम करने की भावना को सही से नहीं समझा जाएगा, तो नियमों का पालन करने का क्या मतलब है?"

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