नेपाल की सड़कों पर Gen-Z का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा. 20 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की मौत और सैकड़ों घायल होने के बाद भी आंदोलन और तेज हो रहा है. सरकार ने सेना बुला ली है, लेकिन सवाल ये है कि क्या दमन से ये क्रांति रुकेगी? युवा भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और आजादी पर पाबंदी के खिलाफ एकजुट हो चुके हैं.
यह वर्कशॉप खास तौर पर उपराष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले आयोजित की गई है, जिसमें बीजेपी सांसदों को मतदान की प्रक्रिया और रणनीति के बारे में ट्रेनिंग दी जा रही है.
टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने हाल ही में अपने नेताओं को भड़काऊ और अपमानजनक बयानों से बचने की सख्त हिदायत दी थी. ममता ने कहा था कि ऐसी बयानबाजी से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचता है. लेकिन बख्शी का ताजा बयान उनकी चेतावनी को ठेंगा दिखाता नजर आ रहा है.
NCP (अजित गुट) के विधायक अमोल मितकरी ने इस मामले को और हवा दी. उन्होंने UPSC को पत्र लिखकर अंजना कृष्णा के शैक्षणिक और जाति प्रमाणपत्रों की जांच की मांग कर डाली. मितकरी ने दावा किया कि अंजना के दस्तावेजों की गहन जांच होनी चाहिए.
Donald Trump Vs Modi: अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने भारत को दो महीने में माफ़ी मांगने की चेतावनी दी है. लुटनिक ने यह भी दावा किया कि भारत ट्रंप के साथ समझौता करने की कोशिश करेगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों में खटास ला दी है. इस साल फरवरी में पीएम मोदी और ट्रंप की वॉशिंगटन में मुलाकात हुई थी, लेकिन उसके बाद ट्रंप ने भारत पर 50% तक के भारी-भरकम टैरिफ लगा दिए.
कई बड़ी बीड़ी कंपनियां सैकड़ों करोड़ रुपये का कारोबार करती हैं. श्याम बीड़ी का टर्नओवर 200-205 करोड़ रुपये है और यह करीब 10,000 लोगों को नौकरी देती है. वहीं, 502 पटाखा बीड़ी ने 2023 में 1,400 करोड़ रुपये का कारोबार किया. देसाई बीड़ी ने वित्तीय वर्ष 2024 में 1,667.3 करोड़ रुपये की कमाई की.
वित्त मंत्री ने बताया कि यह काम अचानक नहीं हुआ. पिछले 18 महीनों से एक ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) इस पर लगातार काम कर रहा था. इस ग्रुप ने 300 से भी ज़्यादा चीज़ों पर बारीकी से चर्चा की. उनका मकसद था आम जनता का बोझ कम करना.
वित्त मंत्री के अनुसार, जीएसटी में इस बदलाव का सीधा फायदा आम जनता को मिलेगा. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जो सामान पहले 100 रुपये में मिलता था, अब उसी कीमत में लोग दोगुना सामान खरीद पाएंगे.
ये कोई पहली बार नहीं है जब मुंबई को इस तरह की धमकियों का सामना करना पड़ा है. हाल के सालों में स्कूलों, हवाई अड्डों और होटलों को निशाना बनाने वाली कई धमकियां सामने आई हैं, लेकिन ज्यादातर फर्जी निकलीं.