इस ऑपरेशन ने सिर्फ आतंकियों को ही खत्म नहीं किया, बल्कि ये कई मायनों में खास था. हमारी सेना ने अपने 'मेड इन इंडिया' ड्रोन और रडार का कमाल दिखाया. जंगलों में छिपे आतंकियों को ढूंढने में ये तकनीकें बेहद काम आईं. IED जैसे खतरनाक बमों को निष्क्रिय करने के लिए रोबोट का भी इस्तेमाल किया गया.
तेजस्वी भली-भांति जानते हैं कि अगर यह बात फैलती है कि बीजेपी ब्राह्मण समुदाय से आने वाले मंगल पांडेय को सीएम बनाएगी, तो इसका सीधा असर पिछड़े, अतिपिछड़े और दलित वोटों पर पड़ सकता है. इन वोटों का ध्रुवीकरण महागठबंधन के पक्ष में हो सकता है, जिससे NDA को बड़ा नुकसान होगा.
फिल्म में अनंत नाग, श्रीराम लागू, पद्मिनी कोल्हापुरे, इंद्राणी मुखर्जी और अमरीश पुरी जैसे शानदार कलाकारों ने काम किया था. 'गहराई' ने तांत्रिक अनुष्ठानों, भूत-प्रेत के प्रभाव और आध्यात्मिक संघर्ष को इतनी बारीकी से दिखाया कि उस दौर में ये सबसे डरावनी हॉरर फिल्मों में से एक बन गई.
इस मामले में जगदीप धनखड़ ने बड़े ही दिलचस्प तर्क दिए थे. उन्होंने न सिर्फ पुलिस की जांच पर सवाल उठाए, बल्कि यह भी कहा कि सलमान खान जांच में पूरा सहयोग कर रहे थे, इसलिए उन्हें जमानत मिलनी चाहिए थी.
दुर्भाग्य से, यह कोई अकेली घटना नहीं है. बीते कुछ महीनों में देश के अलग-अलग कोनों से भगदड़ की कई ऐसी खबरें आई हैं, जिन्होंने लोगों को चौंका दिया है.
पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि सिर्फ अंतरिक्ष ही नहीं, ज्ञान के क्षेत्र में भी हमारे बच्चे कमाल कर रहे हैं. हाल ही में हुए इंटरनेशनल केमिस्ट्री ओलंपियाड में देवेश पंकज, संदीप कुची, देबदत्त प्रियदर्शी और उज्जवल केसरी ने मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया.
थाईलैंड के पास 3.6 लाख सक्रिय सैनिक हैं, जबकि कंबोडिया के पास सिर्फ़ 1.7 लाख. इन आंकड़ों को देखकर लगता है कि थाईलैंड कंबोडिया को आसानी से कुचल देगा, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा.
पीएम मोदी के बाद दूसरे नंबर पर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग हैं, जिन्हें 59% लोगों ने पसंद किया. दिलचस्प बात यह है कि ली जे म्युंग को पद संभाले अभी एक ही महीना हुआ है, और इतने कम समय में इतनी ऊंची रैंकिंग पाना वाकई बड़ी बात है.
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी 'नल जल योजना' भी कई जिलों में इस सूखे के आगे बेबस दिख रही है. भूजल स्तर में भारी गिरावट के कारण कई जगहों पर नलों में पानी नहीं आ रहा है, जिससे घर-घर पानी पहुंचाने का वादा अधूरा रह गया है.
होमो एन्टिसेसर वो आदिमानव थे जो आज से लगभग 12 लाख से 8 लाख साल पहले धरती पर रहते थे. ये हम आधुनिक इंसानों से थोड़े छोटे और मज़बूत होते थे. इनका दिमाग भी आज के इंसानों से थोड़ा छोटा था. वैज्ञानिकों का मानना है कि ये दाहिने हाथ का इस्तेमाल करते थे और शायद सांकेतिक भाषा भी बोलते थे.