सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को भी लताड़ा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछले तीन सालों में एक भी व्यक्ति पर मुकदमा नहीं चलाया गया है.
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए डबल खुशखबरी है. जुलाई से लेकर दिसंबर तक महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी का ऐलान हो चुका है, और इसका असर अक्टूबर की सैलरी पर सीधे पड़ेगा. यानि इस बार कर्मचारियों को जुलाई, अगस्त और सितंबर का तीन महीने का DA एरियर भी मिलने वाला है.
रामगढ़, इमामगंज और बेलागंज पर राजद के उम्मीदवार होंगे. तरारी पर भाकपा माले का उम्मीदवार हो सकता है. वहीं, एनडीए की बात करें तो रामगढ़ और तरारी भाजपा के खाते में जा सकती हैं, हालांकि भाजपा इन दोनों सीटों पर 2020 के चुनाव में तीसरे नंबर पर थी.
उमर अब्दुल्ला की शादी पायल नाथ से हुई, जो सिख परिवार से हैं. उनका पहला मिलन दिल्ली के ओबेरॉय होटल में हुआ, जहां दोनों एक साथ काम कर रहे थे. दोनों के परिवारों का समर्थन था, लेकिन...
जयशंकर ने सम्मेलन के दौरान भारतीय हाई कमीशन का भी दौरा किया. इस दौरे में उन्होंने वहां के अधिकारियों से मुलाकात की और भारतीय समुदाय के सदस्यों से बातचीत की.
इस बार चुनावी रणभूमि में बीजेपी के साथ शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) का गठबंधन है. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 105 सीटें जीतकर राज्य में एक मजबूत स्थिति बनाई थी. इस बार भी पार्टी ने अपनी रणनीति को मजबूत करने के लिए सहयोगियों के साथ तालमेल बिठाने पर जोर दिया है.
यह ध्यान देने योग्य है कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मिलकर जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ा था और दोनों दलों की संयुक्त जीत ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 6 सीटें जीती थीं.
अब जैसे-जैसे चुनावों की तारीखें नजदीक आ रही हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग और राजनीतिक दल इस पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं और क्या वे इस पर एक प्रभावी समाधान निकाल पाएंगे.
बीजेपी के इस चुनावी पहल ने अब सभी की नजरें इस बात पर लगा दी हैं कि आखिर कौन बनेगा पार्टी का नया अध्यक्ष. इस प्रक्रिया से न केवल पार्टी के आंतरिक संगठन में मजबूती आएगी, बल्कि यह आगामी चुनावों में बीजेपी की रणनीतियों को भी प्रभावित कर सकता है.
इस साल के लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी ने वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली दोनों सीटों पर चुनाव लड़ा था. उन्होंने दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन वायनाड सीट को छोड़ने का निर्णय लिया और रायबरेली से सांसद बने रहने का फैसला किया.