हादसे की खबर मिलते ही तारंगला गांव के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे. एक स्थानीय महिला, मधु ने बताया कि हादसा उनके घर के ठीक सामने हुआ. उन्होंने कहा कि हमने बस को खाई में पलटा हुआ देखा, और तुरंत पुलिस को सूचना दी. लोग चीख रहे थे, और हमने बिना देर किए बचाव शुरू कर दिया.
कभी भारत के सबसे बड़े बिजनेस टाइकून में शुमार अनिल अंबानी आज मुश्किलों के भंवर में फंसते नजर आ रहे हैं. उनके भाई मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज जहां आसमान छू रही है, वहीं अनिल अंबानी की कंपनियां, खासकर रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस कैपिटल कर्ज के बोझ तले दब गई हैं.
हर्षवर्धन जैन को देखकर कोई सोच भी नहीं सकता था कि वह एक अपराधी है. उसे महंगी चीजों और ऐशो-आराम का बेहद शौक था. वह अक्सर दुबई, दक्षिण अफ्रीका, पेरिस, लंदन और सऊदी अरब जैसे देशों में घूमने जाता था. फाइव स्टार होटलों में रुकना और महंगी कारों में चलना उसकी पहचान थी.
कैश लेन-देन के नियम भी बदल गए हैं. कई बैंकों ने अब महीने में बिना शुल्क के नकद जमा करने या निकालने की सीमा 5 बार से घटाकर सिर्फ 3 बार कर दी है. अगर आप इस सीमा से ज़्यादा बार पैसे निकालते हैं या जमा करते हैं, तो हर बार आपको 150 रुपये का भारी-भरकम चार्ज देना पड़ रहा है.
पिछले साल दिसंबर में जगदीप धनखड़ ने एक समारोह में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को सार्वजनिक रूप से किसानों के मुद्दों पर घेरा था. उन्होंने सरकार की किसान नीति की सबके सामने आलोचना की थी. हालांकि, बाद में जब शीर्ष मंत्रियों ने उनसे मुलाकात की तो उन्होंने अगले ही दिन शिवराज सिंह चौहान को सदन में किसानों का सबसे बड़ा शुभचिंतक बता दिया.
अब्दुल्ला ने कहा, "मैं मुसलमान हूं, मुसलमान ही रहूंगा और मुसलमान ही मरूंगा. लेकिन मैं हिंदुस्तानी मुसलमान हूं, पाकिस्तानी या चीनी मुसलमान नहीं! आप हिंदुस्तान के मुसलमानों पर भरोसा कब करेंगे?"
जिस उम्र में बच्चे कार्टून देखते हैं, उस उम्र में निम्मो के बच्चे स्कूल में चुनाव करवाते हैं. और वो भी पूरे नियमों के साथ, जैसे देश के बड़े चुनावों में होते हैं. छोटे-छोटे बच्चे बैलेट पेपर से चुनाव करना सीख रहे हैं.
इंदरजीत सिद्धू कहते हैं कि सफाई करने में कोई शर्म नहीं है. सफाई भगवान की भक्ति के बराबर है. शुरू में लोगों ने उनका मजाक उड़ाया और उन्हें पागल भी कहा. लेकिन सिद्धू ने किसी की बात पर ध्यान नहीं दिया.
संविधान के नियम कहते हैं कि उपराष्ट्रपति का पद खाली होने के बाद 60 दिनों के अंदर नया चुनाव हो जाना चाहिए. इसका मतलब है कि सितंबर 2025 तक हमें देश का नया उपराष्ट्रपति मिल सकता है.
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि कांग्रेस का यह कदम रणनीतिक हो सकता है. धनखड़ का इस्तीफा बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है, और कांग्रेस इसे भुनाने की कोशिश में है. साथ ही, धनखड़ की किसान पृष्ठभूमि को देखते हुए कांग्रेस जनता में यह संदेश देना चाहती है कि वह किसानों के साथ है.