राकेश कुमार

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राकेश कुमार विस्तार न्यूज़ में वरिष्ठ उप संपादक सह संवाददाता के पद पर हैं. यहां वो डेटा स्टोरीज, एक्सप्लेनर के अलावा इन डेप्थ खबरों पर काम करते हैं. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल कर चुके राकेश को रिसर्च में इंटरेस्ट है. इन्हें राजनीति के अलावा बिजनेस, मनोरंजन और लीगल न्यूज स्टोरीज पर काम करना पसंद है. काम के इतर बात करें, तो राकेश को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है. पूर्व में राकेश सहारा समय नेशनल न्यूज़ चैनल, फीवर FM, APN न्यूज़ और भारत एक्सप्रेस जैसे संस्थानों से जुड़े थे.

Jagdeep Dhankhar (file photo)

धनखड़ आउट, कौन इन? ‘सरप्राइज’ उम्मीदवार की तलाश में जुटी BJP, रेस में कई बड़े नाम

धनखड़ का इस्तीफा भारतीय इतिहास में तीसरा ऐसा मौका है जब किसी उपराष्ट्रपति ने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले पद छोड़ा है. पहले वी.वी. गिरी और आर. वेंकटरमण ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया था. नियमों के अनुसार, अगले छह महीने के भीतर नए उपराष्ट्रपति का चुनाव करना अनिवार्य होगा.

Surrogacy Gang

लड़कियों का अपहरण करके बना देता था ‘मां’, दिल्ली-UP से लेकर राजस्थान तक फैला गैंग का ‘जाल’, ऐसे दबोचा गया मास्टरमाइंड!

मामले का खुलासा तब हुआ जब गोरखपुर के पिपराइच से एक नाबालिग लड़की का अपहरण हुआ. शुरुआती जांच में पुलिस को लगा कि यह बाल विवाह का मामला है, लेकिन गहराई से छानबीन करने पर जो सच्चाई सामने आई, वो चौंकाने वाली थी. पता चला कि लड़की को सरोगेट मदर बनाने के लिए बेचा गया था.

Bangladesh Air Force Jet Crash

ढाका में अहमदाबाद जैसा हादसा, स्कूल कैंपस में गिरा वायुसेना का ट्रेनी जेट, 1 की मौत और कई घायल

ठीक ऐसा ही एक भयावह हादसा 12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुआ था, जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 ने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी ही थी कि कुछ ही मिनटों बाद वह बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास पर जा गिरी.

BJP सांसद भीम सिंह

बिना विदेशी फ्लाइट के पटना एयरपोर्ट इंटरनेशनल कैसे? BJP सांसद ने अपनी ही सरकार को घेरा

पटना एयरपोर्ट अब एक नए रंग-रूप में तैयार है. मई 2025 में पीएम मोदी ने यहां के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया. 1,216 करोड़ रुपये की लागत से बना ये टर्मिनल विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस है. मिथिला कला और नालंदा के अवशेषों से प्रेरित इसका डिज़ाइन बिहार की समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है.

Mamta Banarjee

जब ‘खून से सनी’ सड़कों ने ममता बनर्जी को बना दिया ‘दीदी’! जानिए क्यों 21 जुलाई को ‘शहीद दिवस’ मनाती है TMC

कोलकाता के धर्मतला में हो रही इस महारैली में 1 लाख से ज़्यादा लोगों के जुटने की उम्मीद है. धर्मतला ममता के लिए भावनात्मक रूप से बहुत महत्वपूर्ण जगह है, क्योंकि यहीं पर 1993 में वो खूनी संघर्ष हुआ था. हालांकि, इस बार रैली को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में मामला भी गया था.

Mumbai Train Blasts

189 जानें, 19 साल का इंतज़ार और 11 आरोपी बरी…क्या अब भी आज़ाद है ‘मुंबई सीरियल ब्लास्ट’ का असली गुनहगार?

इस फैसले ने 2006 के पीड़ितों के परिवारों के ज़ख्मों को फिर से हरा कर दिया है. 189 लोग, जो उस दिन घर लौटने की उम्मीद में ट्रेन में सवार हुए थे, वे कभी वापस नहीं आए. सैकड़ों लोग आज भी उन चोटों के साथ जी रहे हैं, जो सिर्फ़ शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक भी हैं.

Maharashtra Language Politics

“तुम हिंदुस्तान के नहीं हो क्या…”, मराठी बोलने पर किया मजबूर तो महिला ने सिखाया सबक, भाग खड़े हुए भाषा के ठेकेदार!

इस भाषा विवाद में राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) सबसे आगे है. उनकी पार्टी अक्सर दूसरे राज्यों से आए लोगों को मराठी बोलने के लिए धमकाती रही है. उनका मानना है कि महाराष्ट्र में रहने वाले हर किसी को स्थानीय भाषा बोलनी चाहिए.

Monsoon Session 2025

अब तो और गरमाएगा मानसून सत्र! 23 जुलाई से ब्रिटेन-मालदीव के दौरे पर जा रहे हैं PM मोदी, विपक्ष ने की घेराबंदी

सरकार ने साफ कर दिया है कि जिन मुद्दों पर सहमति बनेगी, उन्हीं पर चर्चा होगी. हर मुद्दे पर संसद में बहस नहीं की जा सकती. यही वजह है कि माना जा रहा है कि यह मानसून सत्र काफी हंगामेदार रहेगा.

Odisha News

पुरी में हैवानियत, 15 साल की लड़की को जिंदा जलाया, अब दिल्ली AIIMS में होगा इलाज

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस बर्बरता पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने बच्ची के इलाज के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. उपमुख्यमंत्री ने भी इस जघन्य अपराध की कड़ी निंदा की और पीड़िता के परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.

Uddhav Thackeray

“अब साथ रहने का क्या फायदा…”, अब BJP के साथ आना चाहते हैं उद्धव ठाकरे? MVA में पक रही खिचड़ी!

ठाकरे ने बताया कि कैसे MVA ने लोकसभा चुनाव में कुछ ऐसी सीटें अपने सहयोगियों को दे दीं, जिन्हें उनकी पार्टी (शिवसेना) पहले कई बार जीत चुकी थी. यह बात उन्हें आज भी अखरती है. विधानसभा चुनाव के दौरान तो सीट बंटवारे पर आखिरी दम तक खींचतान चलती रही.

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