आप म्यूचुअल फंड की तरह बिटकॉइन में भी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) कर सकते हैं. इसका मतलब है कि आप हर हफ्ते, हर महीने या यहां तक कि हर दिन एक तय रकम निवेश कर सकते हैं. इससे बाजार के उतार-चढ़ाव का खतरा कम होता है.
उत्तर प्रदेश के किसान अपनी कड़ी मेहनत और 'वन-कृषि' के जरिए अब तक 42.19 लाख कार्बन क्रेडिट बना चुके हैं. हर पांच साल में प्रति क्रेडिट 6 डॉलर (लगभग ₹500) की दर से किसानों को भुगतान किया जाता है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े बिहार की स्थिति को और साफ करते हैं. पिछले 20 सालों में बिहार में 60,000 से ज्यादा हत्याएं दर्ज की गई हैं. यह आंकड़ा सरकार की नाकामी की कहानी खुद बयां करता है.
धमाकों के बाद राजा गायब हो गया. वह हुबली, सोलापुर और गुंटूर में भटकता रहा और फिर विजयपुरा में अपने बड़े भाई के नाम शाहजहां शेख से रहने लगा. उसने अपनी पहली पत्नी से नाता तोड़ लिया था और दोबारा शादी करके बच्चे भी पैदा कर लिए थे, जिन्हें उसके असली रूप का जरा भी अंदाजा नहीं था.
पर कहते हैं ना, सच ज्यादा देर तक छिप नहीं सकता. बॉलीवुड के मशहूर गायक सोनू निगम ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. और खुशी की बात ये है कि कोर्ट ने सोनू निगम के पक्ष में फैसला सुनाया.
शारीरिक विकलांगता उनके हौसले को नहीं तोड़ पाई. कृत्रिम पैर लगवाकर उन्होंने एक नई शुरुआत की. 1999 में उन्होंने त्रिशूर ज़िले के एक माध्यमिक विद्यालय में सामाजिक विज्ञान के शिक्षक के रूप में नौकरी की.
इस हादसे में घायल हुए लोगों की पहचान लाधी (40), उनकी 8 साल की बेटी बिमला, पति साबामी उर्फ चिरमा (45), राम चंदर (45) और उनकी पत्नी नारायणी (35) के रूप में हुई है. ये सभी राजस्थान के रहने वाले हैं और दिल्ली में दिहाड़ी मज़दूरी कर अपना गुज़ारा करते हैं.
हिंदुओं की आबादी दुनिया की कुल आबादी के लगभग समान दर से बढ़ी, जो 2020 में 1.2 अरब तक पहुंच गई. इनमें से चौंकाने वाले 95% हिंदू भारत में रहते हैं. वैश्विक जनसंख्या में हिंदुओं की हिस्सेदारी 2020 में 14.9% पर स्थिर रही, जो 2010 में 15% थी.
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि इस जघन्य हत्या के पीछे पारिवारिक तनाव एक बड़ी वजह हो सकता है. आरोप है कि दीपक यादव अपनी बेटी राधिका की बढ़ती आर्थिक आज़ादी, सोशल मीडिया पर रील्स बनाने और उसके हाल ही में रिलीज़ हुए म्यूजिक वीडियो 'कारवां' में काम करने से काफी नाराज़ था.
बात 10 जुलाई 2025 की है. नागपुर में एक किताब लॉन्च का कार्यक्रम चल रहा था. मंच पर थे मोहन भागवत, जिनकी बातें हमेशा सुर्खियां बनाती हैं. इस बार उन्होंने उम्र की बात छेड़ दी. उनका कहना था कि जब इंसान 75 साल का हो जाता है, तो उसे अपनी जिम्मेदारियां किसी और को सौंप देनी चाहिए.