Israel-Iran War: हाल के संघर्ष ने ईरान की तेल आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान की आशंकाओं को जन्म दिया है. ऐसे में, यदि ईरान के साथ तनाव और बढ़ता है, तो कच्चे तेल की कीमतों में और भी तेजी आने की संभावना है.
इराज इलाही ने भारत के मिडिल ईस्ट में प्रभाव को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि भारत के ईरान और इजरायल दोनों देशों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत इजरायल को समझाने और इस संघर्ष को रोकने में मदद करेगा.
कांग्रेस को 90 सीटों के लिए 2,556 आवेदन प्राप्त हुए थे, लेकिन पार्टी ने अपनी सूची जारी करने में देरी की ताकि बगावत को रोका जा सके. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बागियों के चलते वोटों में बंटवारा हो सकता है.
द वॉल स्ट्रीट जर्नल की मंगलवार की रिपोर्ट में अरब अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा गया है कि ईरान के मिसाइल हमले के बाद इजरायल ने तेहरान के परमाणु या ऑइल फैसिलिटी को निशाना बनाकर सीधे जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है. इजरायली अधिकारियों ने कथित तौर पर इस बात पर जोर दिया कि हमले का जवाब देगा, भले ही हमले में ज्यादा नुकसान ना हुआ हो. इजरायल की प्रतिक्रिया ये संकेत देती है कि ईरान की न्यूक्लियर साइट उसका निशाना हो सकती हैं.
जिओ टीवी के पत्रकार इरफान सिद्दीकी ने नाइक से सवाल किया कि क्या भारतीय मुसलमानों को गोमांस पर लगे प्रतिबंध का सम्मान करना चाहिए.
इस मामले में 25 सितंबर को FIR दर्ज की गई थी और 26 सितंबर को SIT का गठन कर जांच शुरू की गई. लेकिन जांच के बीच आंध्र प्रदेश सरकार को तब आलोचना का सामना करना पड़ा जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने के लिए मिलावटी घी के उपयोग के आरोपों का कोई ठोस आधार नहीं है.
हमले की जानकारी फैलने के बाद रोड शो को तुरंत रोक दिया गया. दुष्यंत चौटाला और चंद्रशेखर आजाद भी रथ से उतरकर कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच गए. जैसे ही यह खबर फैली, पार्टी के कार्यकर्ता मौके पर जुटने लगे.
लद्दाख के लोग लंबे समय से छठी अनुसूची में शामिल होने, स्वायत्तता, और राज्य का दर्जा पाने की मांग कर रहे हैं. 2019 से जब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला, तब से यह मुद्दा उठता रहा है. केंद्र सरकार ने हाल ही में लद्दाख में नए जिलों की घोषणा की थी, लेकिन स्थानीय लोगों में इस संबंध में निराशा बनी हुई है.
इस पर जस्टिस गवई ने कहा कि हम एक धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था में हैं और अवैध निर्माण चाहे किसी का भी हो, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि कार्रवाई निष्पक्ष हो और किसी एक धर्म या समुदाय के खिलाफ न हो.
प्रशांत किशोर ने बताया कि जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चल रहे चुनावों के परिणाम, साथ ही अगले दो वर्षों में होने वाले चुनावों, जैसे कि महाराष्ट्र, झारखंड, बंगाल और असम में मोदी सरकार की राजनीतिक स्थिरता पर असर डालेंगे.