साल 1966 में दिलीप कुमार ने अभिनेत्री सायरा बानो से शादी की. सायरा उनसे 22 साल छोटी थीं, लेकिन उनकी जोड़ी को बेशुमार प्यार मिला. सायरा बानो ने दिलीप कुमार की जिंदगी में स्थिरता लाईं और हर सुख-दुख में उनका साथ निभाया.
1960 के दशक में चीन ने तिब्बत पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद से दलाई लामा भारत में निर्वासित जीवन जी रहे हैं. वह लगातार तिब्बती समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
यह देखना दिलचस्प होगा कि NDA के भीतर इस बयान का क्या असर होता है. क्या चिराग का यह कदम गठबंधन में कोई नई खटास पैदा करेगा या फिर यह सिर्फ चुनाव से पहले अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने का एक तरीका है, जिस पर आगे चलकर कोई नई रणनीति बन सकती है?
सरकार ने साफ कह दिया है कि बिना e-KYC के किसी भी किसान को किस्त का पैसा नहीं मिलेगा. इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप अपनी e-KYC पूरी कर लें और अपनी बैंक डिटेल्स, मोबाइल नंबर और आधार से जुड़ी जानकारी हमेशा अपडेट रखें.
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में दिल्ली-देहरादून कांवर मार्ग पर स्थित 'पंडित जी वैष्णो ढाबा' का मामला काफी सुर्खियों में रहा था. विवाद बढ़ने के बाद ढाबा बंद कर दिया गया और पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों के खिलाफ FIR भी दर्ज की है.
चौंकाने वाली बात ये है कि सौरभ ने इस प्रताड़ना की शिकायत पुलिस से भी की थी, लेकिन परिवार का आरोप है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. बताया जा रहा है कि शनिवार को सौरभ की इस मामले में कोर्ट में तारीख थी, और शायद इसी डर से उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया.
इमरान कई सालों से गर्मी के मौसम में दिल्ली आकर AC ठीक करने का काम करते थे. वह बरेली से अपने साथ इन लड़कों को भी काम सिखाने और मदद के लिए लाते थे. गर्मी का सीजन खत्म होते ही सब वापस बरेली लौट जाते थे. लेकिन इस बार, ये युवा दिल्ली तो आए, पर अपनी दुनिया से ही रुखसत हो गए.
अब मान लीजिए, किसी ने जिद की और इस चातुर्मास में ही शादी या गृह प्रवेश करवा लिया, तो क्या होगा? मान्यताओं के अनुसार, इन कार्यों का जो शुभ फल मिलना चाहिए, वह पूरा नहीं मिलता. जैसे, किसी व्यंजन में नमक कम हो, तो स्वाद नहीं आता.
बात करें आम ज़ूनोटिक बीमारियों की, तो रेबीज का खतरा अभी भी बरकरार है. बागपत जिले में ही हर दिन 250 से ज़्यादा लोग सरकारी अस्पतालों में एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवा रहे हैं. अगर निजी अस्पतालों के आंकड़े भी मिला दें, तो यह संख्या 400 के पार पहुंच जाती है.
कुछ लोगों को डर है कि मस्क की यह नई पार्टी चुनावों में वोटों को बांट सकती है, जिससे परिणाम अप्रत्याशित हो सकते हैं. कुछ विश्लेषकों को 1992 के राष्ट्रपति चुनाव की याद आ रही है, जब रॉस पेरोट नाम के एक स्वतंत्र उम्मीदवार ने वोटों को बांटा था. ट्रंप से मस्क की दुश्मनी इस हद तक बढ़ गई है कि ट्रंप ने मस्क को देश से निकालने और उनकी कंपनियों को सरकारी फंड बंद करने की धमकी भी दी है.