राकेश कुमार

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राकेश कुमार विस्तार न्यूज़ में वरिष्ठ उप संपादक सह संवाददाता के पद पर हैं. यहां वो डेटा स्टोरीज, एक्सप्लेनर के अलावा इन डेप्थ खबरों पर काम करते हैं. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल कर चुके राकेश को रिसर्च में इंटरेस्ट है. इन्हें राजनीति के अलावा बिजनेस, मनोरंजन और लीगल न्यूज स्टोरीज पर काम करना पसंद है. काम के इतर बात करें, तो राकेश को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है. पूर्व में राकेश सहारा समय नेशनल न्यूज़ चैनल, फीवर FM, APN न्यूज़ और भारत एक्सप्रेस जैसे संस्थानों से जुड़े थे.

आतिशी

अहलावत के जरिए दलितों को साधने की कोशिश, एक पद फिर भी खाली…आतिशी की नई कैबिनेट से कई संदेश

मुकेश अहलावत को दलित समुदाय को साधने के उद्देश्य से कैबिनेट में शामिल किया गया है. हालांकि कुलदीप कुमार भी मंत्री पद के लिए एक संभावित उम्मीदवार थे, लेकिन अहलावत को प्राथमिकता दी गई. नॉर्थ-वेस्ट दिल्लीमें 10 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 3 दलितों के लिए रिजर्व हैं.

PM Modi

“कोई भी ताकत अनुच्छेद 370 वापस नहीं ला सकती”, जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस पर बरसे पीएम मोदी

पीएम ने कांग्रेस के शाही परिवार को भ्रष्ट और देश में भ्रष्टाचार का प्रमुख कारण बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता डोगरा विरासत पर जानबूझकर हमला कर रहे हैं और मोहब्बत की दुकान के नाम पर नफरत फैला रहे हैं.

कंगना रनौत की आगामी फिल्म ‘इमरजेंसी’

“रचनात्मक स्वतंत्रता पर अंकुश नहीं”, बॉम्बे हाई कोर्ट ने फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर CBFC पर जताई नाराजगी

जस्टिस बी. पी. कोलाबावाला और जस्टिस फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) को ‘इमरजेंसी’ के प्रमाणपत्र पर जल्द निर्णय लेने का निर्देश दिया.

रोजगार से लेकर महंगाई तक…कांग्रेस और बीजेपी के मेनिफेस्टो में एक जैसे वादों की होड़, हरियाणा में किस पर होगा जनता का भरोसा

हरियाणा की राजनीति में युवा वोटरों का विशेष महत्व है, और इस बात को दोनों पार्टियां बखूबी समझती हैं. यही कारण है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने का वादा किया है. दोनों दलों ने अपने-अपने घोषणापत्रों में 2 लाख सरकारी नौकरियां सृजित करने का संकल्प लिया है.

One Nation One Election

क्या बन पाएगी ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ की कल्पना हकीकत? जानें इसके फायदे और नुकसान

एक देश, एक चुनाव का मतलब है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक ही समय पर कराए जाएं. सोचिए, सभी चुनाव एक ही दिन में, या एक निश्चित समय सीमा में हो जाएं. क्या यह सपना हकीकत बन सकता है? मोदी सरकार का मानना है कि इससे देश के विकास में रुकावटें कम होंगी. बार-बार चुनावी माहौल में फंसी सरकारें अब विकास पर ध्यान दे सकेंगी.

आतिशी

दिल्ली में राजनीतिक हलचल, 21 सितंबर को सीएम पद की शपथ ले सकती हैं आतिशी

अरविंद केजरीवाल ने इसे दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है. केजरीवाल ने अपने इस्तीफे की वजह बताते हुए कहा कि वह लोगों के फैसले का सम्मान करते हैं और उनकी राजनीति की ईमानदारी पर विश्वास करते हैं.

Lebanon Blast

लेबनान में तबाही ही तबाही! पेजर के बाद अब रेडियो सेट में धमाके, 9 लोगों की मौत कई घायल

हिज्बुल्लाह की धमकी के बाद इजरायल ने लेबनान की सीमा पर 20 हजार सैनिक तैनात कर दिए हैं. इजरायली पीएम और राष्ट्रपति ने सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा के लिए मुलाकात की और सेना ने आक्रमण और रक्षा की तैयारियों का जायजा लिया.

PM Modi

“चुनावी व्यवस्था में होगा क्रांतिकारी बदलाव”, जानें ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर क्या-क्या बोले पीएम मोदी

इस निर्णय के बाद राजनीतिक दलों और विशेषज्ञों के बीच विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कुछ लोग इसे देश की चुनावी व्यवस्था के लिए एक आवश्यक सुधार मानते हैं, जबकि अन्य इस पर चिंताओं का इज़हार कर रहे हैं कि इससे लोकतंत्र की विविधता पर असर पड़ सकता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

अंतरिक्ष में भारत की नई उड़ान, चंद्रयान-4 को मिली मंजूरी, चांद से खास चीज लाने की तैयारी में ISRO

ISRO के प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ ने पहले ही बताया था कि चंद्रयान-4 को एक बार में लॉन्च नहीं किया जाएगा. इसे दो हिस्सों में अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और फिर वहां पर मॉड्यूल्स को आपस में जोड़ा जाएगा. इस तकनीक का उपयोग भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) बनाने के लिए भी किया जाएगा, जो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का एक अहम हिस्सा होगा.

आतिशी और अरविंद केजरीवाल

खूब पढ़ी-लिखी फिर भी क्या ‘राबड़ी-मनमोहन’ से आगे बढ़ पाएंगी आतिशी?

अब जब आतिशी मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं, तो सवाल यह उठता है कि क्या उनकी भूमिका सिर्फ एक नाममात्र की होगी? क्या वे केवल एक प्रतीक बनकर रह जाएंगी और असली निर्णय अरविंद केजरीवाल ही लेंगे?

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