शुरुआती दौर में ये एटीएम आज के एटीएम से काफी अलग थे. तब न तो चिप वाले कार्ड होते थे और न ही आपको चार अंकों का पिन डालना होता था. ग्राहक बैंक से एक खास तरह का वाउचर लेते थे, जिस पर रेडियोएक्टिव कार्बन-14 की निशानी होती थी.
BJP भी कहां पीछे हटने वाली है. पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने TMC को टक्कर देने के लिए एक और 'प्रसाद वितरण' का ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा कि रथ यात्रा से पांच दिनों तक, ओडिशा के पुरी में स्थित असली जगन्नाथ मंदिर का प्रसाद लोगों में बांटा जाएगा.
इस दोहरे हत्याकांड के कुछ ही देर बाद, सोशल मीडिया पर बंबीहा गैंग ने इस हमले की जिम्मेदारी ले ली. गैंग ने एक पोस्ट में लिखा कि बटाला में हुई हत्या की जिम्मेदारी डोनी बल, बिल्ला मांगा, प्रभ दासूवाल और कौशल चौधरी लेते हैं.
सियासी निशाने पर तेजस्वी या नीतीश? PK सिर्फ जनता से जुड़ नहीं रहे, बल्कि अपने अंदाज़ से विरोधियों पर निशाना भी साध रहे हैं. लालू यादव की तरह PK भी मंच पर मज़ाक करते हैं, व्यंग्य कसते हैं और पूरे आत्मविश्वास से भरे रहते हैं. जहां लालू अपने विरोधियों को तीखे बंजों और हास्य के ज़रिए घेरते थे, वहीं PK खुलकर परिवारवाद पर हमला करते हैं.
इजरायल और ईरान के बीच यह जंग आज 10वें दिन में प्रवेश कर चुकी है. इन 10 दिनों में दोनों देशों को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहा. इस संघर्ष ने तीसरे विश्व युद्ध की आशंकाओं को भी बढ़ा दिया है.
लगता है. इस स्थिति में आपके दिल को खून पंप करने के लिए पागलों की तरह मेहनत करनी पड़ती है. वह अपनी पूरी ताकत लगा देता है, ताकि खून शरीर के हर कोने तक पहुंच सके. यह ठीक वैसा ही है जैसे आप किसी पाइप को आधा बंद कर दें और पंप पर दबाव बढ़ जाए.
NIA की शुरुआती पूछताछ में परवेज और बशीर ने एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि इस हमले को अंजाम देने वाले तीन आतंकवादी पाकिस्तानी नागरिक थे और वे सभी कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के सदस्य थे.
ईरान की सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने देश के अंदर है. अगर ईरान अमेरिका के हमले का कोई कड़ा जवाब नहीं देता है, तो जनता में गुस्सा बढ़ सकता है और सरकार के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन या घरेलू विद्रोह हो सकता है.
ईरान रोज़ाना लगभग 33 लाख बैरल तेल निकालता है. भले ही ये सऊदी अरब या रूस जितना ज़्यादा न हो, लेकिन ये काफी है. सबसे बड़ी बात ये है कि ईरान एक बहुत ही खास समुद्री रास्ते पर कंट्रोल रखता है.
बताया जा रहा है कि सज्जाद गनी का इस्तीफा सिंधु जल संधि को लेकर नागरिक प्रशासन और सेना के बीच चल रही तनातनी का नतीजा है. सूत्रों की मानें तो WAPDA और पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के भीतर भी इस मुद्दे पर असहमति थी.