पिछले कुछ समय से चिराग पासवान बिहार में काफी सक्रिय थे. उनकी रैलियां और सभाएं खूब सुर्खियां बटोर रही थीं. जब उन्होंने खुद चुनाव लड़ने की बात कही थी, तो राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई थी. कयास लगाए जा रहे थे कि इससे NDA गठबंधन के भीतर ही LJP (रामविलास) का कद बढ़ जाएगा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दबाव आ सकता है.
जनता के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए शिवगंगा के पुलिस अधीक्षक आशीष रावत ने तिरुप्पुवनम पुलिस स्टेशन की क्राइम ब्रांच स्पेशल यूनिट के छह पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का आदेश दिया है.
जब आपातकाल लागू हुआ, जॉर्ज अपनी पत्नी लैला के साथ ओडिशा के गोपालपुर में छुट्टियां मना रहे थे. खबर सुनते ही उन्हें स्थिति की गंभीरता का अंदाजा हो गया. उन्होंने तुरंत फैसला लिया कि अब समय छिपने और इस तानाशाही के खिलाफ लड़ने का है. जॉर्ज अंडरग्राउंड हो गए. कभी साधु बनकर, कभी मजदूर के रूप में तो कभी आम आदमी के भेष में वह देशभर में घूमने लगे.
घटना दोपहर करीब 2:40 बजे की है. तेजस्वी यादव मंच पर भाषण दे रहे थे, अपनी बात खत्म करने ही वाले थे कि तभी एक ड्रोन तेजी से उनकी ओर बढ़ता दिखा. पलक झपकते ही ड्रोन इतनी करीब आ गया कि तेजस्वी यादव को खुद को बचाने के लिए झुकना पड़ा.
ये कोई जादू नहीं, बल्कि एक कमाल की सुविधा है जिसे USSD बेस्ड मोबाइल बैंकिंग सर्विस कहते हैं. इसकी सबसे अच्छी बात ये है कि इसे इस्तेमाल करने के लिए आपको इंटरनेट की ज़रूरत नहीं पड़ती. सिर्फ एक फीचर फोन और मोबाइल नेटवर्क काफी है.
49 वर्षीय निशांत कुमार पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और उन्होंने बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (BIT) मेसरा से पढ़ाई की है. अब तक वे राजनीति से कोसों दूर थे और अध्यात्म में रुचि रखते थे.
लेकिन, कहते हैं न समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता. 17 सुपरहिट फिल्में देने के बाद, राजेश खन्ना की किस्मत ने ऐसी पलटी मारी कि उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई. साल 1976 से उनके बुरे दौर की शुरुआत हुई. एक के बाद एक उनकी सात फ़िल्में फ्लॉप हो गईं.
धरती पर हम एक दिन में एक ही बार सुबह और शाम का नज़ारा देखते हैं, लेकिन ISS पर रहने वाले अंतरिक्ष यात्री हर 90 मिनट में एक नया सूर्योदय और सूर्यास्त देखते हैं. यह उनके लिए एक अनोखा और अविश्वसनीय अनुभव होता है.
सीधे शब्दों में कहें तो, चुनाव आयोग चाहता है कि बिहार की वोटर लिस्ट एकदम सही हो, न कोई छूटे और न कोई गलत नाम उसमें रहे. इस अभियान के तहत, बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर जानकारी जुटा रहे हैं.
फिलहाल, पराग जैन एविएशन रिसर्च सेंटर (ARC) का नेतृत्व कर रहे हैं. आपको बता दें कि इसी रिसर्च सेंटर ने 'ऑपरेशन सिंदूर' से जुड़ी खुफिया जानकारी जुटाई थी. यह ऑपरेशन तब हुआ था जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान में बने आतंकी ठिकानों पर कहर बरपाया था.