अयान ने अपनी इस तूफानी पारी में सिर्फ 134 गेंदों का सामना किया और 244 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए. उनकी पारी में 41 शानदार चौके और 22 गगनचुंबी छक्के शामिल थे. आपको जानकर हैरानी होगी कि अयान के कुल 327 रनों में से 296 रन तो सिर्फ बाउंड्री से ही आए.
साल 1979 में ईरान में एक बड़ी क्रांति हुई. राजा का शासन खत्म हो गया और अयातुल्ला खुमैनी के नेतृत्व में एक इस्लामिक सरकार आई. इस नई सरकार ने इजरायल को अपना सबसे बड़ा दुश्मन घोषित कर दिया. उन्होंने कहा कि इजरायल ने जबरदस्ती फिलिस्तीनी ज़मीन पर कब्ज़ा किया है, और वे फिलिस्तीनियों का समर्थन करेंगे.
इस हादसे की सबसे बड़ी वजह सामने आ रही है भीड़-भाड़. दरअसल, यह पुल पहले से ही खतरनाक बताया गया था और वहां चेतावनी बोर्ड भी लगे हुए थे. लेकिन अफसोस, लोगों ने शायद इन चेतावनियों पर ध्यान नहीं दिया.
39 दिनों में 5 बड़ी घटनाएं, आखिर क्यों? महज 39 दिनों में 5 ऐसी घटनाएं हुईं, जिनमें हेलीकॉप्टर या तो लैंडिंग के दौरान संतुलन खो बैठे, या रनवे से भटक गए या फिर यात्रियों को उतारने-चढ़ाने में बड़ी दिक्कतें आईं. कुछ मामलों में तो हेलीकॉप्टर में सवार लोगों की जान पर भी बन आई थी.
भारत के ईरान और इजरायल दोनों के साथ अच्छे व्यापारिक संबंध हैं. हम इजरायल को कई चीजें बेचते हैं और उनसे रक्षा उपकरण, ड्रोन जैसी तकनीक खरीदते हैं. वहीं, ईरान से तेल, सूखे मेवे जैसी चीजें आती हैं.
जब लाडली बहना मध्य प्रदेश में इतना कमाल कर सकती है और दूसरे राज्यों में भी इसका असर दिख रहा है, तो बिहार चुनाव में भी इसका असर दिखना तय है. बिहार में महिला वोटर्स की संख्या बढ़ रही है और वो बढ़-चढ़कर वोट भी दे रही हैं. ऐसे में, कोई भी पार्टी उन्हें हल्के में नहीं लेगी.
कहते हैं क्राइम की दुनिया में कोई अकेला नहीं रहता. दोस्ती टूटी तो नई पार्टनरशिप बनी. अब गोल्डी बराड़ ने अज़रबैजान के कुख्यात रोहित गोदारा के साथ हाथ मिला लिया है. वहीं, लॉरेंस बिश्नोई ने कनाडा के नोनी राणा (जो हरियाणा के काला राणा का छोटा भाई है) के साथ नई डील की है.
पिछले कुछ समय से बिहार, खासकर पटना में गोलीबारी की घटनाएं बढ़ी हैं. अकेले पटना में एक हफ्ते में छह लोग मारे गए. ऐसे में सरकार का ये कदम न सिर्फ चुनाव को शांतिपूर्ण बनाने के लिए जरूरी है, बल्कि आम लोगों की सुरक्षा के लिए भी अहम है.
12 जून 2025 को इंग्लैंड में पोलो खेलते वक्त संजय की अचानक मौत ने सबको हिलाकर रख दिया. उनकी मृत्यु के बाद उनके पार्थिव शरीर को भारत लाने में देरी हो रही है, क्योंकि वे अमेरिकी नागरिक थे.
चीन और ईरान का रिश्ता कोई नया नहीं है. दोनों देशों के बीच रणनीतिक और सैन्य सहयोग का लंबा इतिहास रहा है. चीन पहले ही साफ कर चुका है कि वो इस जंग में ईरान के साथ खड़ा है.