एसीपी ने कहा कि पड़ोस में कबाड़ का काम करने वाले आरोपी ने लड़की के साथ बलात्कार किया और उसके साथ मारपीट की. उन्होंने कहा कि शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई और जांच शुरू की गई.
जस्टिस ने कहा, "एक राजनीतिक दल के विधायी प्रमुख और भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप पार्टी, पदाधिकारियों और संबंधित पार्टी के सदस्यों की छवि पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं और यह व्यवस्था के लिए अच्छा संकेत नहीं है क्योंकि यह चुनावी प्रक्रिया को भी प्रभावित करता है."
IC-3 रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र में सबसे अधिक छात्र आत्महत्याएं कर रहे हैं. इसके बाद तमिलनाडु में 11 प्रतिशत है. मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भी चिंताजनक आंकड़े हैं, क्योंकि एमपी में 10 प्रतिशत और यूपी में 8 प्रतिशत छात्र आत्महत्या कर रहे हैं.
भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी की तरह संबंध चाहता है. हालांकि वह इस बात पर जोर देता रहा है कि इस तरह के संबंध के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है.
मूडीज ने कहा, "हाल के वर्षों में भारत की बाहरी स्थिति भी अपने चालू खाता घाटे में उल्लेखनीय कमी के बीच मजबूत हुई है." 2024 की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई. अप्रैल-जून तिमाही के आंकड़े 30 अगस्त को उपलब्ध होंगे."
महबूबा मुफ्ती यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही हैं कि उनकी बेटी इल्तिजा राजनीति में आए और उनकी राजनीतिक उत्तराधिकारी बने. उन्हें अच्छी तरह पता है कि लोकसभा चुनाव हारने से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है और अगर वह विधानसभा चुनाव लड़ती हैं और हार जाती हैं, तो इससे उनकी बेटी के भविष्य को नुकसान हो सकता है.
भारतीय सेना की चिनार कोर के अनुसार, कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया, जबकि कुपवाड़ा के तंगधार सेक्टर में 1 आतंकी को मार गिराया गया.
अपने बोल्ड और मुखर स्वभाव के लिए जानी जाने वाली अभिनेत्री रनौत ने सिमरनजीत सिंह के बयान को लेकर कहा है कि कैसे इस तरह की टिप्पणियां एक गहरी सांस्कृतिक समस्या को दर्शाती हैं जहां महिलाओं की पीड़ा को अक्सर खारिज या कम करके आंका जाता है.
हिमाचल के बजट का एक बड़ा हिस्सा सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर खर्च हो रहा है. आलम ये है कि नए वेतन आयोग ने सरकार की नींद उड़ा दी है. न तो सरकार नए वेतन आयोग का एरियर देने में समर्थ हो रही है और न ही वेतन व पेंशन का बढ़ता बोझ संभाल पा रही है.
न केवल एक और चुनावी झटका आदित्यनाथ की स्थिति पर सवाल खड़े करेगा, बल्कि सपा और कांग्रेस को भी लोकसभा चुनावों के बाद खून की गंध आ गई है, और उन्होंने उप चुनावों की देखरेख के लिए मौजूदा सांसदों सहित वरिष्ठ नेताओं को नियुक्त किया है.