पिछले कुछ समय में भाजपा के कई नेताओं के बयानों ने पार्टी को मुश्किल में डाला है. मंत्री विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर की नायिका कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिससे देश-विदेश में पार्टी की किरकिरी हुई.
नीरज ने मैच की शुरुआत 88.44 मीटर के थ्रो से की थी, जो अपने आप में शानदार था. लेकिन तीसरे थ्रो में उन्होंने 90.23 मीटर का धमाका कर सबको चौंका दिया. इस थ्रो के बाद वो पहले स्थान पर थे. लेकिन जूलियन वेबर ने आखिरी मौके पर गेम पलट दिया.
सिर्फ भूकंप ही नहीं, मौसम को भी हथियार बनाने की कोशिश हो चुकी है. 1977 में ENMOD ट्रीटी के तहत दुनियाभर के देशों ने शपथ ली कि वे मौसम को युद्ध में हथियार की तरह इस्तेमाल नहीं करेंगे. लेकिन इतिहास में ऐसे उदाहरण हैं. वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिका ने ऑपरेशन पोपोए के तहत भारी बारिश करवाई, ताकि दुश्मन की सेना दलदल में फंस जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले को गौर से सुना और आखिरकार बेंगलुरू के पक्ष में फैसला सुना दिया. कोर्ट ने कहा, "हरे कृष्ण हिल मंदिर इस्कॉन बेंगलुरू का है, और इस्कॉन मुंबई का इस पर कोई अधिकार नहीं." इतना ही नहीं, कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के पुराने फैसले को भी पलट दिया, जिसमें मुंबई को मंदिर का कंट्रोल दिया गया था.
पाकिस्तान में क्रिप्टो काउंसिल बनी, और सिर्फ एक महीने के अंदर ही उसने दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज बायनेन्स के संस्थापक चांगपेंग झाओ को अपना सलाहकार बना लिया. इसका मकसद था इस्लामाबाद को दक्षिण एशिया की "क्रिप्टो राजधानी" बनाना. लेकिन असली खेल तो तब शुरू हुआ, जब इस डील को फाइनल करने के लिए अमेरिका से एक हाई-प्रोफाइल टीम इस्लामाबाद पहुंची.
बदर का केस अकेला नहीं है. इससे पहले टफ्ट्स यूनिवर्सिटी की छात्रा रूमेसा ओज़टर्क और कोलंबिया यूनिवर्सिटी के छात्र मोहसेन महदावी को भी ऐसे ही आरोपों में हिरासत में लिया गया था, जिन्हें बाद में रिहा किया गया. सेंटर फॉर कॉन्स्टीट्यूशनल राइट्स ने कहा, "ट्रंप प्रशासन ने इमिग्रेशन नियमों का गलत इस्तेमाल करके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया."
भारत और तुर्की के बीच सालों से व्यापार, निर्माण और रणनीतिक रिश्ते चले आ रहे हैं. लेकिन हाल ही में तुर्की ने कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बयानबाजी की और पाकिस्तान को सैन्य ड्रोन समेत दूसरी मदद दी. 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान ये भी खुलासा हुआ कि तुर्की के कुछ ऑपरेटरों ने पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाइयों में साथ दिया. बस, यहीं से भारत का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया.
ट्रंप भले ही धमकियां दें. व्यापार बंद करने की बात कहें, लेकिन भारत को कोई टेंशन नहीं है. क्यों? क्योंकि भारत की ताकत आज किसी से छिपी नहीं है. भारत में एप्पल जैसी कंपनियां इसलिए आ रही हैं, क्योंकि यहां सस्ता प्रोडक्शन और बड़ा बाजार है.
शहबाज साहब यहीं नहीं रुके. उन्होंने भारत को धमकी दी कि अगर दोबारा हमला किया, तो सब कुछ खो दोगे!" लेकिन अगले ही पल वो बातचीत की पेशकश भी करने लगे. शहबाज ने कहा, "आइए, कश्मीर और पानी के मसले पर बात करें."
तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की. 8 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल को बिल मिलने के 3 महीने में फैसला करना होगा. अगर विधानसभा वही बिल दोबारा पास करे, तो 1 महीने में मंजूरी देनी होगी. राष्ट्रपति को भी बिल पर 3 महीने में फैसला करना होगा.