अब्दाली मिसाइल का नामकरण कोई संयोग नहीं, बल्कि भारत को चिढ़ाने की सोची-समझी रणनीति है. यह वही अब्दाली है, जिसने पंजाब (आज का पाकिस्तानी पंजाब सहित) में कत्लेआम मचाया था. इस नाम से मिसाइल बनाकर पाकिस्तान न केवल इतिहास की पीड़ा को कुरेद रहा है, बल्कि पहलगाम जैसे आतंकी हमलों के जरिए भारत को अस्थिर करने की साजिश रच रहा है.
भारत ने पाकिस्तान के भारत विरोधी प्रचार को कुचलने के लिए डिजिटल मोर्चे पर जबरदस्त कार्रवाई की. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, मरयम नवाज, और बिलावल भुट्टो जैसे प्रमुख नेताओं के यूट्यूब और इंस्टाग्राम अकाउंट भारत में ब्लॉक कर दिए गए.
कुछ समय पहले चीन ने कैलाश पर चढ़ाई के लिए एक खास टीम बनाई थी. लेकिन जैसे ही ये खबर फैली, दुनियाभर के धार्मिक समुदायों ने इसका विरोध शुरू कर दिया. लोगों ने कहा कि ये भगवान शिव के निवास को अपवित्र करने की कोशिश है.
बात 1971 की है. भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद इंदिरा गांधी ने भारतीय वायुसेना को और मजबूत करने का फैसला किया. उसी का नतीजा था जगुआर, जो ब्रिटेन और फ्रांस का बनाया हुआ डीप-पेनेट्रेशन स्ट्राइक जेट है.
पीएम ने अमरावती को सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि एक सपना बताया, जो अब सच हो रहा है. उन्होंने कहा, “यहां परंपरा और प्रगति एक साथ चलती हैं. ये परियोजनाएं सिर्फ इमारतें नहीं, बल्कि आंध्र प्रदेश की उम्मीदों की मजबूत नींव हैं.”
भारत में आखिरी बार जाति जनगणना 1931 में हुई थी, जब देश ब्रिटिश शासन के अधीन था. उस समय आज का पाकिस्तान और बांग्लादेश भी भारत का हिस्सा थे. उस समय पूरे ब्रिटिश भारत की आबादी करीब 27 करोड़ थी. उस जनगणना में हर जाति की आबादी को विस्तार से दर्ज किया गया था.
अब असली बात ये है कि पंजाब और हरियाणा के बीच पानी का विवाद नया नहीं, लेकिन इस बार गर्मी ने इसे और गहरा दिया. हरियाणा का कहना है कि भाखड़ा डैम में पानी की अधिकता है, और अगर इसे नहीं छोड़ा गया, तो ये बेकार चला जाएगा. वहीं, पंजाब का दावा है कि उसने हरियाणा को उसका हिस्सा पहले ही दे दिया.
तेज प्रताप को लाइमलाइट से प्यार है, और वो इसके लिए कुछ भी कर सकते हैं. कभी वो कृष्ण भक्ति में डूबकर ‘वृंदावन बिहारी’ बन जाते हैं, तो कभी साइकिल चलाकर सुर्खियां बटोरते हैं. लेकिन सियासत सिर्फ सुर्खियों से नहीं चलती.
जांच में 1999 के कुख्यात IC-814 हाईजैक मामले के मास्टरमाइंड मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ लतरम का नाम भी सामने आया. उसके श्रीनगर स्थित घर की तलाशी ली गई, जो पहले ही गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत जब्त हो चुका है.
कोर्ट ने बिल्कुल साफ और दो टूक बात कही. कोर्ट ने कहा कि सिर्फ ये कहना कि पति 40 साल का है और सक्षम दिखता है, ये मुआवजा न देने का बहाना नहीं बन सकता. अगर पति की अपनी कमाई का कोई सबूत नहीं है, तो माना जाएगा कि वो पत्नी की कमाई पर निर्भर था. कोर्ट ने कहा कि आज के जमाने में परिवार अलग-अलग तरह से चलते हैं.