राफेल-एम के आने से भारतीय नौसेना समुद्र में और दमदार हो जाएगी. ये विमान इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की ताकत को बढ़ाएंगे और पड़ोसी देशों को साफ संदेश देंगे कि भारत किसी भी खतरे से निपटने को तैयार है.
ट्रेन से यात्रा करने वालों के लिए भी बड़ा बदलाव आ रहा है.अब स्लीपर और एसी डिब्बों में वेटिंग टिकट लेकर सफर नहीं कर पाएंगे. वेटिंग टिकट लेकर सिर्फ जनरल डिब्बे में यात्रा की जा सकेगी.
यह मिसाइल भारतीय समुद्री क्षेत्र (IOR) की रक्षा करेगी, जहां से 80% वैश्विक तेल व्यापार होता है. चीन या पाकिस्तान के जासूसी जहाजों को यह चुटकियों में नष्ट कर सकती है. खास बात दुनिया के ज्यादातर एयर डिफेंस सिस्टम इसे ट्रैक नहीं कर सकते.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तल्खी और बढ़ी है. ऐसे में तुर्की का यह कदम भारत के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. तुर्की और पाकिस्तान ने हथियारों के इस हस्तांतरण की पुष्टि की है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि शिपमेंट में कौन-कौन से हथियार शामिल हैं.
बलुचिस्तान कार्ड बलुचिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ आजादी की आवाज दशकों से उठ रही है, क्योंकि बलोच जनता पाकिस्तानी सरकार और सेना की ज्यादतियों से तंग है. 1947 में पाकिस्तान के गठन के बाद, बलुचिस्तान को जबरन शामिल किया गया, जिसे बलोच नेताओं ने कभी स्वीकार नहीं किया.
शक्ति दुबे उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा और ग्रेजुएशन की पढ़ाई प्रयागराज से पूरी की. शक्ति ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री में स्नातक (B.Sc.) किया, जिसके बाद उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से बायोकेमिस्ट्री में ही पोस्ट ग्रेजुएशन (M.Sc.) की डिग्री हासिल की.
फिल्म ने मुंबई, दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु में शानदार प्रदर्शन किया. खासकर मैसूर सर्किट ने कमाई के मामले में बाजी मारी. 280 करोड़ के बजट वाली यह फिल्म अब दर्शकों के भरोसे और ‘वर्ड ऑफ माउथ’ पब्लिसिटी के दम पर आगे बढ़ रही है.
प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना है कि वे ट्रंप सरकार के तानाशाही जैसे रवैये का विरोध कर रहे हैं. वे चाहते हैं कि अमेरिका का लोकतंत्र सुरक्षित रहे. आंदोलन की प्रवक्ता हीदर डन ने बताया कि यह प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण है और किसी तरह की हिंसा का इरादा नहीं है.
पाकिस्तान के हसन रजा ने 1996 में जिम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया. उस समय उनकी उम्र 14 साल और 237 दिन थी. वह टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम उम्र के डेब्यूटेंट हैं. हालांकि, बाद में उनकी जन्म तारीख पर सवाल उठे, लेकिन रिकॉर्ड अभी भी उनके नाम है.
पुलिस सूत्रों की मानें तो सोनू और सर्वजीत के बीच काफी समय से तनातनी चल रही थी. यूनिट के बाकी जवानों को भी उनके झगड़े की खबर थी. दोनों की पोस्टिंग कुछ दिन पहले ही सिकटा थाने से बेतिया पुलिस लाइन में हुई थी. एक ही बैरक में रहने और एक ही यूनिट में ड्यूटी करने की वजह से दोनों के बीच टकराव बढ़ता गया.