राकेश कुमार

[email protected]

राकेश कुमार विस्तार न्यूज़ में वरिष्ठ उप संपादक सह संवाददाता के पद पर हैं. यहां वो डेटा स्टोरीज, एक्सप्लेनर के अलावा इन डेप्थ खबरों पर काम करते हैं. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल कर चुके राकेश को रिसर्च में इंटरेस्ट है. इन्हें राजनीति के अलावा बिजनेस, मनोरंजन और लीगल न्यूज स्टोरीज पर काम करना पसंद है. काम के इतर बात करें, तो राकेश को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है. पूर्व में राकेश सहारा समय नेशनल न्यूज़ चैनल, फीवर FM, APN न्यूज़ और भारत एक्सप्रेस जैसे संस्थानों से जुड़े थे.

PM Modi

श्रीलंका ने PM मोदी को दिया मित्र विभूषण पुरस्कार, बोले- यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान

पीएम मोदी ने यह भी ऐलान किया कि गुजरात के अरावली में 1960 में मिले भगवान बुद्ध के अवशेष श्रीलंका में दर्शन के लिए भेजे जाएंगे. साथ ही, त्रिंकोमाली के थिरुकोनेश्वरम मंदिर को ठीक करने में भारत मदद करेगा.

Sharad Singh

लड़की से बना लड़का, फिर सहेली से रचाई शादी, अब पत्नि बनी मां…शाहजहांपुर के शरद की हैरान करने वाली कहानी

शरद सिंह का जन्म लड़की के रूप में हुआ था, लेकिन बचपन से ही शरद के अंदर एक पुरुष था. फिर शरद ने लड़का लेने का फैसला लिया और सर्जरी कराई. अब शरद की पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया है. घर में खुशी का माहौल है.

Waqf Amendment Bill

वक्फ बिल पेश करने से ठीक पहले मोदी सरकार ने किए तीन बड़े बदलाव, इसका होगा सबसे ज्यादा असर!

वक्फ बोर्ड की नजर सिर्फ स्मारकों पर ही नहीं, बल्कि आदिवासी इलाकों की जमीन पर भी थी. मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों में वक्फ ने वहां की जमीनों को अपनी संपत्ति बताना शुरू कर दिया था. जबलपुर और छिंदवाड़ा जैसे इलाकों में तो स्थानीय आदिवासी भड़क उठे और आंदोलन तक शुरू हो गए.

Aurangzeb Controversy

“मराठा को मिटाने आया था, उसे यहीं गाड़ा…”, औरंगजेब की कब्र पर MNS का अनोखा अभियान, जगह-जगह लगाए KM वाला पोस्टर

शहर के प्रमुख स्थानों पर लगे इन बैनरों में कब्र तक की दूरी साफ-साफ बताई गई है. मिसाल के तौर पर, क्रांतिचौक से 27 किमी, जिला न्यायालय से 26 किमी, बाबा पेट्रोल पंप से 25 किमी, होली क्रॉस स्कूल से 24 किमी, और शरनापुर से 14 किमी. मनसे का मकसद है कि लोग यह जानें कि मराठा इतिहास का एक क्रूर शासक यहीं दफन है.

mamata banerjee, suvendu adhikari

रामनवमी पर पश्चिम बंगाल में BJP-TMC आमने-सामने, ममता ने की शांति की अपील तो सुवेंदु ने कर दिया ये ऐलान

सुवेंदु ने ममता पर तंज कसते हुए कहा, “पिछले साल 2023 में आपके ‘शांति के लड़ाकों’ ने राम नवमी के जुलूसों पर हमले किए थे. अब हिंदू समाज ने ठान लिया है कि इस बार सड़कों पर उतरकर जय श्री राम के नारे लगाएंगे. हर गाड़ी पर भगवा झंडा लहराएगा.”

लोकसभा की तस्वीर

‘लोकपाल’, ‘अनुच्छेद 370’ के बाद अब ‘वक्फ बिल’… एक ही दिन में 14 घंटे तक हुई बहस, लोकसभा में बना नया रिकॉर्ड!

क्फ बिल की बहस ने एक नया रिकॉर्ड बनाया. पुराने रिकॉर्ड्स में एक दिन में 14 घंटे से ज्यादा की बहस का जिक्र नहीं मिलता. GST और लोकपाल जैसे सत्र 12-13 घंटे तक चले, लेकिन वक्फ बिल ने उस सीमा को पार कर दिया. हालांकि, प्राचीन डेटा की कमी के कारण इसे 100% निश्चित कहना मुश्किल है. फिर भी, आधुनिक समय में ये निश्चित रूप से सबसे लंबी एकल सत्र बहसों में से एक है.

Donald Trump, pm modi

ट्रंप ने फोड़ा टैरिफ ‘बम’! चीन की हालत खराब, भारत को मिला तगड़ा ‘डिस्काउंट’

बाकी देश भी लपेटे में चीन पर 54% टैरिफ के साथ ट्रंप ने साफ कर दिया कि वह अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर होने के बावजूद निशाने पर रहेगा. वहीं, कंबोडिया पर 49%, वियतनाम पर 46%, और यूरोपीय संघ पर 20% टैरिफ लगेगा.

BJP MP Anurag Thakur

“खाता न बही जो वक्फ कहे वही सही…”, अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस को घेरा

ठाकुर ने दावा किया कि इस विधेयक को व्यापक समर्थन मिल रहा है. कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया, केरल काउंसिल ऑफ चर्चेस, ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच जैसे संगठनों ने इसका स्वागत किया है.

Waqf Bill

जिसे लेकर गला फाड़ रहे मौलाना, उस ‘वक्फ’ का इन इस्लामिक देशों में नामोनिशान नहीं!

भारत सरकार के मुताबिक, कई इस्लामिक देश ऐसे हैं जहां वक्फ की कोई व्यवस्था नहीं है. इनमें तुर्किये, लीबिया, इजिप्ट, सूडान, लेबनान, सीरिया, जॉर्डन, ट्यूनीशिया और इराक शामिल हैं. यानी इन देशों में न तो वक्फ बोर्ड है और न ही ऐसी संपत्तियों को मैनेज करने का कोई खास सिस्टम.

Lalan Singh

“कहीं से मुस्लिम विरोधी नहीं है वक्फ बिल…”, नीतीश के सांसद ने पार्लियामेंट में की पीएम मोदी की तारीफ, कइयों के तोड़े सपने!

ललन सिंह ने कहा कि कुछ लोग इसे मुस्लिमों के खिलाफ बताकर देश का माहौल खराब कर रहे हैं. वक्फ कोई धार्मिक संस्था नहीं, बल्कि एक प्रशासनिक ट्रस्ट है जो मुस्लिम समुदाय के हितों के लिए काम करता है. लेकिन अभी तक वक्फ बोर्ड में पसमांदा मुस्लिमों और महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है.

ज़रूर पढ़ें