उत्तर प्रदेश में वक्फ संशोधन बिल को लेकर सबसे ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है. योगी सरकार ने राज्य के सभी जिलों में पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा है. खास तौर पर लखनऊ, बरेली, संभल, मुरादाबाद और अलीगढ़ जैसे संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है.
किरेन रिजिजू ने कहा कि इस बिल को लाने से पहले सभी पक्षों की राय ली गई है. उन्होंने कहा कि देश भर से 97 लाख से ज्यादा सुझावों को सुना गया. 25 राज्यों के वक्फ बोर्ड ने भी सुझाव दिए और उन पर भी विचार किया गया. 1954 में पहली बार आजाद भारत में वक्फ बोर्ड ऐक्ट आया था.
बिहार में यादव, EBC (अति पिछड़ा वर्ग), और ऊंची जातियों के वोटर नीतीश का मजबूत आधार हैं. वक्फ बिल के बहाने अगर हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण हुआ, तो बीजेपी और JDU मिलकर इन वोटों को अपने पाले में कर सकते हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश इसे 'प्रशासनिक सुधार' का नाम दे सकते हैं.
पिछड़े मुस्लिमों की आवाज उठाने वाला ये संगठन बिल को 85% मुस्लिमों के लिए फायदेमंद मानता है. संगठन का कहना है कि वक्फ संपत्तियों पर 'अशराफ' (अगड़ी जाति) मुस्लिमों का कब्जा है, जो गरीब मुस्लिमों के हक को दबा रहे हैं.
वक्फ बिल को लेकर दो पक्ष हैं—सरकार और समर्थक इसे जरूरी सुधार मानते हैं, जबकि विपक्ष और मुस्लिम संगठन इसे खतरा बता रहे हैं. दोनों की बातें ऐसे समझिए. सरकार का कहना है कि वक्फ बोर्ड के पास 9.4 लाख एकड़ जमीन है, जिसकी कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है. सरकार कहती है कि इसका गलत इस्तेमाल रोकने के लिए नियम सख्त करना जरूरी है.
टीडीपी के इन संशोधनों को स्वीकार किए जाने के बाद पार्टी ने विधेयक के समर्थन में मतदान करने का फैसला किया है. पार्टी का मानना है कि ये बदलाव वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और पारदर्शिता को बेहतर बनाएंगे. उधर, जेडीयू के सुझावों को भी विधेयक में जगह मिलने से संकेत मिल रहे हैं कि नीतीश कुमार की पार्टी भी इस बिल के पक्ष में खड़ी हो सकती है.
कहानी में ट्विस्ट तब आया जब अनीता ने अपने बेटे दिनेश को फोन किया. मेरी तबीयत खराब है, डॉक्टर लेकर आओ. इसके बाद जब दिनेश घर पहुंचा, तो वहां डॉक्टर की नहीं, पुलिस की जरूरत थी. पिता खून से लथपथ फर्श पर पड़े थे और मां घायल हालत में.
अब सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण को पीड़ित पांचों घर मालिकों को 6 हफ्ते के अंदर 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. यह राशि पीड़ितों को उनके नुकसान और परेशानी की भरपाई के लिए दी जाएगी.
आग इतनी जोरदार थी कि फैक्ट्री की छत टूटकर गिर पड़ी, जिससे बचाव में दिक्कत हुई और वहां हंगामा मच गया. फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाई. घायलों को पास के अस्पताल में भेजा गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है.
सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियां मौके पर पहुंचीं. फायरकर्मी पूरी ताकत के साथ आग बुझाने में जुटे हैं. बताया जा रहा है कि कुछ लोग बिल्डिंग के अंदर फंस गए थे. फायर फाइटर्स उन्हें सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रहे हैं.