मानव और निकिता की शादी 30 जनवरी 2024 को हुई थी. एक नॉर्मल शादी, सब कुछ ठीक चलता रहा, लेकिन कुछ महीनों बाद जनवरी 2025 में दोनों के बीच झगड़े की खबरें आनी शुरू हो गईं.
Trump-Zelensky Clash: बीती रात यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई बहस ने इस मुद्दे को और भी जटिल बना दिया है. क्या होगा अगर अमेरिका यूक्रेन की मदद पूरी तरह से बंद कर दे? क्या यूक्रेन इस युद्ध को बिना अमेरिकी सहायता के जारी रख पाएगा?
अगर बात करें बीएसई के टॉप 30 शेयरों की, तो इनमें से 28 शेयरों ने निवेशकों को सबसे ज्यादा दर्द दिया है. टाटा मोटर्स का शेयर सबसे ज्यादा गिरा, जो 35% नीचे आ गया है. इसके बाद एशियन पेंट्स (32%), पावरग्रिड (30%), और इंडसइंड बैंक (28%) के शेयर भी भारी नुकसान में रहे.
जस्टिस बेला त्रिवेदी का जन्म 10 जून 1960 को पाटण, गुजरात में हुआ था. वे एमएस यूनिवर्सिटी, वडोदरा से अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद 1980 में वकील बनीं. शुरुआती दिनों में उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट में वकालत की और इसके बाद कई महत्वपूर्ण केसों में काम किया.
साल 2022 में EPFO ने अपने 7 करोड़ से अधिक ग्राहकों के लिए ब्याज दरों में कटौती की थी और उसे 8.1% कर दिया था, जो 40 सालों में सबसे कम दर थी. हालांकि, अब यह दर फिर से 8.25% तक पहुंच गई है, जो एक अच्छा संकेत है.
ASI की रिपोर्ट के मुताबिक, जामा मस्जिद में कई बदलाव किए गए हैं, जिनमें प्रमुख बदलाव मस्जिद की फर्श के टाइल्स और पत्थरों में देखे गए हैं. इसके अलावा, मस्जिद के विभिन्न हिस्सों में सुनहरे, लाल, हरे और पीले रंग की मोटी तामचीनी पेंटिंग की गई है.
अगर हम इतिहास की बात करें, तो 20 साल पहले जेडीयू के पास बीजेपी से दोगुना अधिक मंत्री हुआ करते थे, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है. 2020 में जेडीयू के पास 19 मंत्री थे और बीजेपी के पास सिर्फ 7 मंत्री. धीरे-धीरे जेडीयू के मंत्री घटते गए, और बीजेपी के मंत्री बढ़ते गए. आज जेडीयू के मंत्री सिर्फ 13 हैं, जबकि बीजेपी के 21 मंत्री हैं.
मेरिका अकेला ऐसा देश नहीं है जो इस तरह की सुविधा दे रहा है. दरअसल, दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में निवेश के जरिए नागरिकता पाने की सुविधा है. ब्रिटिश एडवाइजरी फर्म ‘Henley and Partners’ के मुताबिक, कई देश ऐसे हैं जो आपको एक मोटी रकम निवेश करने के बाद अपनी नागरिकता दे देते हैं, और इसके साथ ही आप वहां के सभी नागरिक अधिकारों का आनंद ले सकते हैं.
तक दिखाई नहीं दिए. क्या यह सिस्टम की असफलता नहीं है? आराम फरमाती सरकार! दिल्ली के अस्पतालों में एक और बड़ी समस्या सामने आई, वह है बेड की कमी. दिल्ली सरकार ने 2016 से 2021 के बीच 32,000 बेड जोड़ने का वादा किया था, लेकिन हकीकत में सिर्फ 1,357 बेड जोड़े गए, जो कि कुल लक्ष्य का 4.24% है! इससे साफ है कि जब अस्पतालों में बेड नहीं हैं, तो मरीजों को फर्श पर इलाज करना पड़ा.
जेट इंजेक्शन, सुरंग के अंदर खतरनाक स्थिति में पहुंचने के लिए ड्रिलिंग और स्नैक रैट माइनर्स को लाना – अब तक बेअसर साबित हो रही हैं. पानी और कीचड़ से भरी इस सुरंग में तक़नीकी उपाय नाकाम हो गए हैं. सबसे पहले रैट माइनर्स को बुलाया गया, जो छोटे स्थानों में फंसे लोगों को बाहर निकालने में माहिर होते हैं.