राहुल गांधी का महाकुंभ से अचानक पीछे हटना केवल एक व्यक्तिगत निर्णय नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक कदम था. ममता बनर्जी, लालू यादव और अन्य विपक्षी नेताओं के दबाव को देखते हुए, राहुल गांधी ने इस बार महाकुंभ से दूरी बनाना बेहतर समझा. तो, क्या यह एक सही रणनीति थी? क्या राहुल गांधी का यह कदम भविष्य में कांग्रेस को लाभ पहुंचाएगा? ये सवाल अभी के लिए अनसुलझे हैं...
अर्थव्यवस्था की बात करें, तो महाकुंभ ने उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व में भी ऐतिहासिक वृद्धि की. सरकार ने अनुमान लगाया था कि इस आयोजन से 25,000 से 30,000 करोड़ रुपये का राजस्व होगा.
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने महाकुंभ मेले पर अपने बयान से न केवल पार्टी के भीतर एक नई चर्चा को जन्म दिया, बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को भी एक तरह से जवाब दे दिया है.
आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि यूनिवर्सल पेंशन स्कीम कोई नई बात नहीं है. दुनिया के कई विकसित देशों, जैसे कि अमेरिका, कनाडा, रूस, चीन, और यूरोपीय देशों में पहले से ही सामाजिक सुरक्षा प्रणालियां मौजूद हैं, जो पेंशन, हेल्थ सर्विसेज और बेरोजगारी से जुड़ी योजनाओं का लाभ देती हैं.
रावलपिंडी के मैदान पर मैच के लिए जिन कवर्स का इस्तेमाल किया गया था, वो केवल पिच और 20 गज के घेरे तक सीमित थे, जबकि पूरे मैदान को ढकने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए थे. इस कारण मैदान में पानी जमा हो गया और मैच के शुरू होने में काफी देर हो गई.
पीएम मोदी का बिहार दौरा और उसके बाद नीतीश कुमार और जेपी नड्डा की बैठक यह साफ संकेत देती है कि राज्य में बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन फिर से मजबूत हो सकता है. साथ ही, कुछ अन्य प्रमुख नेताओं की इसमें भूमिका अहम हो सकती है. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत अन्य कई केंद्रीय नेता भी बिहार में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुके हैं.
साल 2019 में जब कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लिया, तो भारतीय रेलवे में सफर करने की आदतें भी बदल गईं. महामारी के बाद यात्रियों की साफ-सफाई को लेकर संवेदनशीलता बढ़ी और लोग ज्यादा आरामदायक, सुरक्षित और स्वच्छ सफर की ओर रुख करने लगे.
सबसे पहले समाजवादी पार्टी के नेता और विधानसभा में नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर एक विवादित बयान दिया. पांडेय ने कहा, "कंस भी एक राजा था, जो कृष्ण के जन्म से डरता था, और उसे ये डर था कि कृष्ण के आने के बाद उसकी सत्ता समाप्त हो जाएगी. ठीक वैसे ही कुछ लोग अखिलेश यादव से डरते हैं."
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि शराब तस्करी रोकने के लिए विभाग ने उचित कदम नहीं उठाए. आधुनिक तकनीकों, जैसे डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग नहीं किया गया, जिससे तस्करी पर काबू नहीं पाया जा सका. इसके अलावा, 65% जब्त की गई शराब देसी शराब थी, जो दिखाता है कि अवैध शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा था.
TERI का मानना है कि यदि इस एक्शन प्लान को सही तरीके से लागू किया जाता है, तो यमुना को अगले 3 सालों में उसके प्राकृतिक स्वरूप में वापस लाया जा सकता है. NMCG-TERI के एसोसिएट डायरेक्टर, नुपुर बहादुर ने कहा कि यह काम मुश्किल है, लेकिन असंभव नहीं है.